राजनीति
वर्ष 2021 में शत प्रतिशत कोरोना टीकाकरण एक जुमला साबित हुआ: राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि इस वर्ष कोरोना का शत प्रतिशत टीकाकरण करने का लक्ष्य मात्र एक जुमला साबित हुआ है।
श्री गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा “केन्द्र सरकार ने इस वर्ष के अंत तक शत प्रतिशत कोरोना टीकाकरण करने का वादा किया था और आज इस साल का आखिरी दिन है लेकिन देश अभी भी अपने इस लक्ष्य को हासिल करने से काफी दूर है। एक और जुमला बिखर गया है।”
कांग्रेस ने दावा करते हुए कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन की काफी कमी है और 47,95,00,000 भारतीयों को 59,40,00,000 कोरोना वैक्सीन डोज की जरूरत है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा इसके अलावा 25,70,00,000 सीनियर सिटीजंस और कोरोना वारियर को कोरोना टीकों की जरूरत है और 15 से 18 आयु वर्ग के किशोरों को 35,70,00,000 डोज की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि देश में ओमिक्रोन मामलों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर1270 हो गई है और ये मामले देश के 23 राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों में दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र में सबसे अधिक मामले 450 दर्ज किए गए हैं। इनमें से 125 को उपचार के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। राजधानी दिल्ली में ओमिक्रोन मामलों की संख्या बढ़कर 320 हो चुकी है और इनमें से 57 को अस्पतालों से उपचार के बाद छुट्टी दी जा चुकी है। इसके बाद केरल का स्थान है और यहां कोरोना के 109 मामले दर्ज किए गए हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ओमिक्रोन इस समय देश के 23 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में फैल चुका है। सरकार ने कहा है कि पिछले 24 घंटों में 66,65,290 कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं और देश में शुक्रवार सुबह तक कोरोना टीकाकरण का दायरा बढ़कर 144.54 करोड़ हो गया है। यह उपलब्धि 1,54,27,550 सत्रों के जरिए हासिल की गई है।
राजनीति
‘लोगों का सरकार से विश्वास उठ गया है’, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर शिवसेना-यूबीटी ने सरकार को घेरा

Uddhav Thackeray
मुंबई, 30 जुलाई। शिवसेना (यूबीटी) ने आतंकियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन महादेव’ पर सवाल उठाए हैं। उद्धव ठाकरे की पार्टी ने दावा किया कि सरकार ने विपक्ष के सवालों की बौछार से बचने के लिए सुलेमान जैसे मामले को गढ़ा है। बता दें कि सुलेमान लश्कर का आतंकी है, जिसे ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत सेना ने सोमवार को ढेर किया। यह आतंकी पहलगाम हमले में शामिल था।
शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा कि भाजपा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को एक राजनीतिक तमाशा बनाया है। पार्टी ने यह भी कहा कि भाजपा का हिंदुत्व और देशभक्ति सिर्फ पाखंड है।
‘ऑपरेशन महादेव’ की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए शिवसेना-यूबीटी ने कहा, “संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा चल ही रही थी कि कश्मीर में तीन आतंकियों के मारे जाने की खबर आई। कहा गया कि उनमें से एक सुलेमान पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड था। क्या अब कोई इस पर विश्वास करेगा?”
संपादकीय में आरोप लगाया गया, “लोगों का सरकार से विश्वास उठ गया है। ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में विपक्ष के सवालों से बचने के लिए सरकार सुलेमान जैसे मामले गढ़ने का हथकंडा अपना रही है। लोकसभा में सरकार बेनकाब हो गई है।”
शिवसेना-यूबीटी ने संपादकीय में बहस के दौरान एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान का हवाला दिया और पूछा, “क्या सरकार पहलगाम में मारे गए 26 लोगों के घर जाकर उन्हें बता सकती है कि हमने बदला ले लिया है? अब आप भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच देख सकते हैं?”
सामना के संपादकीय में आगे कहा गया, “प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तानियों को चेतावनी दी थी कि ‘पानी और खून साथ-साथ नहीं बहेंगे’, लेकिन जय शाह की कृपा से भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच जरूर होने वाला है। इस पर अमित शाह का क्या कहना है?”
संपादकीय में कहा गया, “विपक्ष के सदस्यों जैसे गौरव गोगोई, अरविंद सावंत, सुप्रिया सुले और ओवैसी ने सरकार की सुरक्षा में चूक और ऑपरेशन सिंदूर के परिणाम पर गंभीर सवाल उठाए, लेकिन पीएम मोदी लोकसभा में विपक्ष के सवालों का सामना करने के बजाय अपने कक्ष में बैठे रहे।”
शिवसेना-यूबीटी ने पूछा, “प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर कहा कि राजनाथ सिंह और जयशंकर ने बेहतरीन भाषण दिए। तो क्या भाजपा और उनके मंत्रिमंडल के लोगों के पास विपक्षी नेताओं की तारीफ करने के लिए स्याही खत्म हो गई है? जो लोग यह कहकर कि ‘हम पीओके के लिए जान दे देंगे,’ बड़ी-बड़ी डींगे हांक रहे थे, वे पीओके के भारत में विलय का अवसर आने पर युद्ध के मैदान से भाग गए और क्रिकेट के मैदान में पाकिस्तानियों के साथ खेलने लगे। यह देशद्रोह है और ऐसे लोगों का कोर्ट मार्शल होना चाहिए।”
सामना के संपादकीय में आगे लिखा गया है, “ये लोग (भाजपा) युद्ध में भी भावनात्मक राजनीति और हिंदुत्व ले आए। भारत में पहले ‘ऑपरेशन विजय’ और ‘ऑपरेशन पराक्रम’ जैसे सफल अभियान चलाए गए थे, लेकिन ‘ऑपरेशन महादेव’ और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे भावनात्मक खेल प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में शुरू हुए। इससे सेना के पराक्रम का महत्व कम हुआ है।”
‘भारत-पाकिस्तान युद्ध में पांच जेट गिराए गए’, डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर शिवसेना-यूबीटी ने कहा, “राजनाथ सिंह संसद में इस पर बोल नहीं पाए। उन्होंने गोलमोल जवाब दिए।”
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई लोकल ट्रेन अपडेट: बदलापुर और वांगनी के बीच ट्रैक पर दरार मिलने के बाद सेंट्रल लाइन सेवाएं बाधित

मुंबई: मुंबई के बदलापुर और वांगनी स्टेशनों के बीच पटरी पर दरार आने से बुधवार सुबह मध्य रेलवे की उपनगरीय सेवाएँ बुरी तरह प्रभावित हुईं। इस दरार के कारण लोकल ट्रेन सेवाएँ अस्थायी रूप से ठप हो गईं, जिससे व्यस्त समय के दौरान हज़ारों दैनिक यात्रियों को भारी देरी का सामना करना पड़ा।
यह व्यवधान सुबह-सुबह तब शुरू हुआ जब रेलवे कर्मचारियों ने रेल लाइन पर एक दरार देखी। टूटी हुई पटरी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल गईं, जिससे नियमित रेल यात्रियों में चिंता फैल गई। मीडिया द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में मध्य रेलवे के कर्मचारी प्रभावित खंड पर सेवाएं बहाल करने के लिए आपातकालीन मरम्मत करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इस क्षति के कारण, कर्जत की ओर जाने वाली कई लोकल ट्रेनों को बदलापुर में ही रोककर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) की ओर वापस भेज दिया गया, जिससे पहले से ही बोझ तले दबे उपनगरीय नेटवर्क पर और भी भीड़ और देरी हो गई। लंबी दूरी की ट्रेनें भी इससे अछूती नहीं रहीं।
एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) उपयोगकर्ता, प्रसाद सावंत ने बताया कि मुंबई-पुणे इंटरसिटी एक्सप्रेस कल्याण के पास 30 मिनट से ज़्यादा समय तक फंसी रही। इसके बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि देरी बदलापुर-वांगणी सेक्शन में ट्रैक की समस्या के कारण हुई थी।
इस व्यवधान के कारण सोशल मीडिया पर, खासकर एक्स और लोकप्रिय कम्यूटर ऐप, एम-इंडिकेटर पर शिकायतों की बाढ़ आ गई। इसके चैट सेक्शन में काम पर देर से पहुँचे यात्रियों के निराशा भरे संदेशों की बाढ़ आ गई, जिनमें से कई ने अधिकारियों से समय पर सूचना न मिलने पर असंतोष व्यक्त किया।
मध्य रेलवे ने इस मुद्दे पर अपडेट जारी किया
मध्य रेलवे के अधिकारियों ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए समस्या की पुष्टि की और यात्रियों को तत्काल मरम्मत कार्य का आश्वासन दिया। ऑनलाइन जारी एक आधिकारिक बयान में, मुंबई मंडल के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक (कोचिंग) ने कहा, “बदलापुर-वांगणी खंड पर ट्रैक से संबंधित एक समस्या के कारण ट्रेन में देरी हुई, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता थी। समस्या का समाधान कर दिया गया है, ट्रैक अब सुरक्षित है और ट्रेनों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है। आगे की देरी को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। हमें हुई असुविधा के लिए खेद है।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
इसरो-नासा का संयुक्त उपग्रह ‘निसार’ आज श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा

नई दिल्ली, 30 जुलाई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिका की नासा मिलकर एक नई खास सैटेलाइट निसार लॉन्च करने जा रहे हैं। यह सैटेलाइट बुधवार शाम 5:40 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च की जाएगी।
1.5 बिलियन डॉलर के इस मिशन का उद्देश्य पृथ्वी की सतह की निगरानी के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। इसका खास मकसद प्राकृतिक आपदाओं और पर्यावरण में हो रहे बदलावों पर बारीकी से नजर रखना है।
निसार (नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार) एक ऐतिहासिक प्रोजेक्ट है। यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जिसमें धरती को देखने के लिए दो अलग-अलग फ्रीक्वेंसी वाले रडार नासा का एल-बैंड और इसरो का एस-बैंड का इस्तेमाल किया जाएगा।
इन रडार को नासा की 12 मीटर के एंटीना से चलाया जाएगा, जो इसरो के आई-3के सैटेलाइट प्लेटफॉर्म पर लगाई गई है। 2,392 किलोग्राम वजन वाले इस उपग्रह को भारत के जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा।
यह सैटेलाइट 740 किलोमीटर की ऊंचाई पर सन-सिंक्रीनस ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। वहां से यह हर 12 दिन में धरती की जमीन और बर्फ से ढके इलाकों की 242 किलोमीटर चौड़ी पट्टी की हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीरें लेगा। इसमें पहली बार स्वीपएसएआर तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि इसरो और नासा द्वारा संयुक्त रूप से विकसित पृथ्वी अवलोकन उपग्रह को भारत में निर्मित जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट द्वारा 30 जुलाई को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सैटेलाइट किसी भी मौसम या रोशनी में, दिन-रात (24×7) तस्वीरें उपलब्ध कराएगा।
रविवार रात (27 जुलाई) चेन्नई एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए नारायणन ने कहा, “यह सभी मौसमों में 24 घंटे पृथ्वी की तस्वीरें ले सकता है। यह भूस्खलन का पता लगा सकता है, आपदा प्रबंधन में मदद कर सकता है और जलवायु परिवर्तन पर नजर रख सकता है।”
इससे पहले, रविवार को अंतरिक्ष विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “निसार मिशन में नासा और इसरो दोनों की तकनीकी विशेषज्ञता शामिल है। नासा ने एल-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार (एसएआर), हाई-रेट टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम, जीपीएस रिसीवर और 12 मीटर की खुलने वाली एंटीना दी है। वहीं इसरो ने एस-बैंड एसएआर पेलोड, उपग्रह को ले जाने वाला स्पेसक्राफ्ट, जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट और उससे जुड़ी सभी लॉन्च सेवाएं दी हैं।”
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