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Sunday,15-June-2025
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कोलकाता हाईकोर्ट ने भवानीपुर उपचुनाव में हस्तक्षेप करने से किया इनकार

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 पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस को बड़ी राहत देते हुए कोलकाता हाईकोर्ट ने भवानीपुर उपचुनाव की तारीख में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। कोलकाता हाईकोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि भवानीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव, जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रत्याशी हैं, उसको रद्द नहीं किया जाएगा। इस प्रकार मतदान गुरुवार यानी 30 सितंबर को ही होगा।

अदालत ने हालांकि राज्य के मुख्य सचिव एच. के. द्विवेदी को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को पत्र लिखकर उपचुनावों में तेजी लाने की मांग की, अन्यथा इससे संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है।

अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने फैसला सुनाते हुए कहा, “हमने याचिका खारिज कर दी है। चुनाव होगा। लेकिन हमने मुख्य सचिव के आचरण पर टिप्पणी की है, उनके लिए ऐसा पत्र लिखना उचित नहीं है।”

अदालत ने सयान बनर्जी नाम के एक व्यक्ति द्वारा दायर एक जनहित याचिका के जवाब में यह आदेश पारित किया।

याचिकाकर्ता ने भवानीपुर में उपचुनाव को प्राथमिकता देने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी थी, जहां बनर्जी उम्मीदवारों में शामिल हैं।

हालांकि, अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश बिंदल और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने मुख्य सचिव के खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्ष दर्ज किए।

अधिकारी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राज्य में शून्यता से बचने के लिए भवानीपुर में उपचुनाव में तेजी लाने की मांग की थी।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए एक वकील ने कहा, “अदालत ने चुनाव की अनुमति दी है, लेकिन मुख्य सचिव की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई है, क्योंकि एक लोक सेवक होने के नाते वह एक व्यक्ति के निजी हितों की रक्षा करने की कोशिश कर रहे थे।”

भवानीपुर में चुनाव की घोषणा को लेकर विवाद तब पैदा हुआ, जब आयोग ने अपनी अधिसूचना में उल्लेख किया कि राज्य सरकार के अनुरोध के कारण उपचुनाव को एक विशेष मामला माना जा रहा है।

अदालत ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उपचुनाव के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा को चुनौती दी गई थी। मुख्य सचिव ने पत्र में कहा था कि अगर भवानीपुर उपचुनाव नहीं हुआ तो एक संवैधानिक संकट उत्पन्न हो जाएगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ रही हैं।

इस साल हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में एकतरफा प्रदर्शन के बावजूद टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी अपनी सीट नंदीग्राम से नहीं जीत पाई थीं। यहां उन्हें टीएमसी से भाजपा में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी ने हराया था। अब सीएम बने रहने के लिए ममता बनर्जी का विधानसभा चुनाव जीतना जरूरी है।

बनर्जी अधिकारी से 1,956 मतों के अंतर से हार गई थीं, हालांकि उन्होंने मतगणना में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पहले कहा था, “कुछ लोग चुनाव लड़ते हैं और जीतते हैं और फिर वे विभिन्न कारणों से इस्तीफा दे देते हैं। अब कोई फिर से सीट से जीतने का मौका देने के लिए इस्तीफा दे रहा है। अब इस चुनाव का खर्च कौन उठाएगा? इस चुनाव के लिए करदाताओं का पैसा क्यों खर्च किया जा रहा है?”

पीठ 9 नवंबर को दूसरे मुद्दे पर सुनवाई करेगी कि क्या जनता को उपचुनावों की लागत वहन करनी चाहिए।

अपराध

नोएडा : एक ही दिन में एक ही गांव के दो युवकों ने की आत्महत्या

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नोएडा, 14 जून। नोएडा के थाना सेक्टर-20 क्षेत्र के निठारी इलाके में शुक्रवार को आत्महत्या की दो अलग-अलग घटनाओं ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी।

दोनों ही मामलों में युवकों ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। पुलिस ने दोनों घटनाओं में जांच शुरू कर दी है। पहली घटना में अजय नामक 23 वर्षीय युवक ने आत्महत्या कर ली।

अजय मूल रूप से बुलंदशहर जिले के तोल बिजरू गांव का रहने वाला था। वह वर्तमान में निठारी गांव की गली नंबर 4 में किराए पर रह रहा था। वह पेशे से डिलीवरी बॉय के रूप में कार्यरत था। अजय ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली, थाना सेक्टर-20 की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। फील्ड यूनिट ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है।

पुलिस के अनुसार घटनास्थल पर किसी तरह की कोई अप्राकृतिक गतिविधि नहीं पाई गई और स्थिति सामान्य बनी हुई है।

दूसरी घटना में राहुल शर्मा नामक 30 वर्षीय युवक ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। राहुल निठारी की गली नंबर 7 का निवासी था। उसने कथित रूप से पारिवारिक कलह के चलते यह कदम उठाया।

पुलिस को जैसे ही सूचना प्राप्त हुई, वह तत्काल मौके पर पहुंची और जांच की। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की वजह पारिवारिक तनाव मानी जा रही है। फील्ड यूनिट ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस अधिकारियों ने दोनों ही मामलों में किसी भी प्रकार की साजिश या बाहरी हस्तक्षेप की आशंका से इनकार किया है। घटनास्थलों पर किसी प्रकार की हिंसा या झगड़े के कोई संकेत नहीं मिले हैं। फिलहाल दोनों ही मामलों में विस्तृत जांच जारी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

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अपराध

बिहार : तेज रफ्तार वाहन ने पुलिसकर्मियों को मारी टक्कर, ड्राइवर फरार

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पटना, 12 जून। बिहार की राजधानी पटना में बुधवार देर रात को श्रीकृष्णापुरी थाना क्षेत्र के पास एक तेज रफ्तार वाहन ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को टक्कर मार दी। इस हादसे में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इस हादसे के बारे में एसएसपी अवकाश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि एक तेज रफ्तार वाहन ने बैरिकेडिंग तोड़ते हुए पुलिस पर ही गाड़ी चढ़ा दी। इस हादसे में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि ड्राइवर फरार है।

पुलिस की मानें तो इस घटना को अंजाम देने के बाद ड्राइवर तुरंत मौके से फरार हो गया था। हालांकि, पुलिस ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

पुलिस के मुताबिक, कार की पहचान कर ली गई है और जल्द ही रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर गाड़ी के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

पुलिस का कहना है कि अभी तक यह साफ नहीं हो पा रहा है कि यह महज एक हादसा था या इसे जानबूझकर अंजाम दिया गया था। हालांकि, इस मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। ड्राइवर को पकड़ने के लिए जगह-जगह लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है। अब तक कई कैमरे खंगाले भी जा चुके हैं। लेकिन, अभी तक कोई ऐसी जानकारी सामने नहीं आई है, जिससे किसी नतीजे पर पहुंचा जा सके।

वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गाड़ी की रफ्तार बहुत ज्यादा थी, इसलिए यह हादसा हो गया। अगर गाड़ी की स्पीड ज्यादा नहीं होती, तो इस तरह की स्थिति पैदा ही नहीं होती।

अस्पताल का कहना है कि इस हादसे में घायल हुए दो लोगों की हालत अब स्थिर है। वे खतरे से पूरी तरह से बाहर आ चुके हैं। घायल पुलिसकर्मियों में एक एएसआई और दो पुलिस कांस्टेबल हैं।

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राजा रघुवंशी मर्डर: मेघालय पुलिस की जांच में हत्या के दिन की पूरी कहानी आई सामने

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शिलांग, 11 जून। इन दिनों देश में राजा रघुवंशी हत्याकांड चर्चा का विषय बनी हुई है। राजा की हत्या उसकी पत्नी सोनम ने रची थी। इस हत्याकांड में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई सनसनीखेज खुलासे होते जा रहे हैं। हत्याकांड की मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी कड़ी सुरक्षा में यूपी के गाजीपुर से शिलांग लौट चुकी है। बुधवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस बीच हत्याकांड की जांच कर रही मेघालय पुलिस ने वारदात के दिन की पूरी टाइमलाइन साझा की है।

पुलिस के अनुसार, सुबह 5:30 बजे शिप्रा होटल से राजा, सोनम और तीनों किलर (अज्ञात व्यक्ति) ने चेक आउट किया। सुबह 6:00 बजे सोनम और राजा ने चढ़ाई शुरू की। सोनम रास्ते में रुकी और किलर्स से बातचीत की, जिसमें राजा को भी शामिल किया। सुबह 7:00 बजे सोनम और राजा एक दुकान पर चाय पीने रुके, किलर भी आसपास थे। सुबह 10 बजे सोनम और राजा ने 2000 सीढ़ियां चढ़ीं। एक टूरिस्ट गाइड ने उन्हें तीन लड़कों ( किलर) के साथ देखा, जिसका बयान पुलिस ने दर्ज किया।

दोपहर 12 बजे राजा की किलर्स से दोस्ती हुई। सोनम पीछे चलने लगी, जबकि राजा और किलर आगे थे। दोपहर 12:30 बजे सोनम ने अपनी सास को फोन किया, चढ़ाई और थकान का जिक्र किया। दोपहर 1 से डेढ के बीच सोनम ने इशारा किया, और विशाल ( किलर) ने पहला वार किया। दोपहर 02:15 बजे सोनम ने राजा के फोन से एक पोस्ट किया, जिसमें दुख का जिक्र था, और फोन को खाई में फेंक दिया। दोपहर 2:30 बजे राजा की हत्या के बाद उसे खाई में फेंक दिया गया।

इस पूरे हत्याकांड के घटनाक्रम पर नजर डाले तो पता चलता है कि 23 मई को राजा रघुवंशी की हत्या हुई। 24 मई को राजा की पत्नी सोनम फरार हुई। 25 मई को इंदौर में राज कुशवाहा से मुलाकात की, फिर 9 जून उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सोनम ने सरेंडर कर दिया। सरेंडर करने से पहले उसने अपने भाई से बात की। इस दौरान वह फूट-फूटकर रोने लगी। पुलिस को सूचना मिलने पर उसे गाजीपुर के एक ढाबे से हिरासत में लिया गया। 10 जून कोर्ट में पेशी हुई। जहां तीन दिन का ट्रांजिट रिमांड मंजूर किया गया। 11 जून को पटना होते हुए सोनम को शिलांग लाया गया।

इस बीच सोनम का परिवार मेघालय पुलिस पर कहानी रचने का आरोप लगा रहा है। परिवार का मानना है कि सोनम ऐसा नहीं कर सकती है।

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