अंतरराष्ट्रीय
वैश्विक तेल बाजारों में उतार-चढ़ाव के बीच डीजल की कीमतों में फिर बढ़ोतरी

वैश्विक तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच देश तेल विपणन कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल की कीमतों में स्थिरता बनाए रखते हुए डीजल के पंप मूल्य में मामूली बढ़ोतरी की। देश के सबसे बड़े ईंधन रिटेलर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को डीजल की कीमत 25 पैसे प्रति लीटर बढ़कर 89.07 रुपये प्रति लीटर हो गई, जबकि पेट्रोल की कीमत में लगातार 21वें दिन भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।
डीजल की कीमत में शुक्रवार को भी 20 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी जिसके बारे में तेल विपणन कंपनी के सूत्रों ने कहा कि ईंधन के वैश्विक मूल्य पर आधारित थी।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 107.26 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर है जबकि डीजल की कीमत बढ़कर 96.68 रुपये प्रति लीटर हो गई।
देश भर में भी पेट्रोल की कीमत रविवार को स्थिर रही, जबकि डीजल की कीमत में वृद्धि हुई।
तेल कंपनियों द्वारा अपनाए गए मूल्य निर्धारण फार्मूले के तहत, उनके द्वारा दैनिक आधार पर पेट्रोल और डीजल की दरों की समीक्षा और बदलाव किया जाना है। नई कीमतें सुबह छह बजे से प्रभावी हो गई हैं।
कीमतों की दैनिक समीक्षा और बदलाव पिछले 15 दिनों में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेंचमार्क ईंधन की औसत कीमत और विदेशी विनिमय दरों पर आधारित है।
व्यापार
हरे निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, जीएसटी प्रोत्साहन के चलते ऑटो शेयरों में तेजी

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मुंबई, 8 सितंबर। भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ संबंधी अनिश्चितता के बीच, जीएसटी प्रोत्साहन के चलते सोमवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुला।
सुबह 9.35 बजे तक, सेंसेक्स 280 अंक या 0.35 प्रतिशत बढ़कर 80,991 पर और निफ्टी 84 अंक या 0.34 प्रतिशत बढ़कर 24,825 पर था। ब्रॉडकैप सूचकांक, निफ्टी मिडकैप 100 में 0.77 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.72 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।
सेक्टोरल फ्रंट पर, निफ्टी ऑटो में 1.52 प्रतिशत की सबसे अधिक बढ़त दर्ज की गई, इसके बाद निफ्टी मेटल और निफ्टी रियल्टी का स्थान रहा।
निफ्टी पैक में टाटा स्टील 2.57 प्रतिशत की तेजी के साथ टॉप गेनर रहा। उसके बाद टॉप गेनर्स में टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, एनटीपीसी, हिंडाल्को और एसबीआई रहे, जबकि एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, एशियन पेंट्स, डॉ रेड्डीज लैब्स, टाइटन कंपनी और ट्रेंट टॉप लूजर्स रहे।
विश्लेषकों ने कहा कि टेक्निकल फ्रंट पर, निफ्टी ने पिछले सप्ताह की मध्य सप्ताह की तेज बिकवाली के बाद मजबूती दिखाई और 24,633 के आसपास के 100-डे एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (ईएमए) से जोरदार वापसी की। सूचकांक ने डेली चार्ट पर एक हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न बनाया, जो निचले स्तरों पर खरीदारी की रुचि का संकेत देता है।
जीएसटी परिषद ने बीमा, दवाओं और दैनिक जरूरत की वस्तुओं पर दरों में कमी की है, जिससे परिवारों, किसानों और उद्योगों को काफी राहत मिली है।
चॉइस ब्रोकिंग की अमृता शिंदे ने कहा, “मुख्य समर्थन 24,600-24,280 के आसपास है, जहां 100-डे और 200-डे ईएमए मिलते हैं। 25,000 के ऊपर एक निर्णायक बंद अगले चरण की पुष्टि के लिए महत्वपूर्ण होगा, जो संभवतः 25,500-25,675 सप्लाई जोन की ओर रास्ता खोलेगा।”
विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों को लेकर बढ़ती अनिश्चितता बाजारों पर दबाव बनाती रहेगी।
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका-भारत संबंधों को लेकर हालिया बयान तनावपूर्ण संबंधों में सुधार का संकेत देते हैं।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, “अफवाहें भारत के आईटी निर्यात पर संभावित प्रतिबंधों की ओर इशारा कर रही हैं, जबकि रेसिप्रोकल टैरिफ ने अभी तक सेवाओं के व्यापार को प्रभावित नहीं किया है। ये चिंताएं बाज़ार को प्रभावित करती रहेंगी, जिसे जीएसटी सुधारों से मनोबल मिला है। जीएसटी सुधारों से उत्साह ज्यादा देर तक नहीं रहा क्योंकि बाजार ने जीएसटी दरों में कटौती को पहले ही आंशिक रूप से नजरअंदाज कर दिया था।”
शुक्रवार को अमेरिकी बाजार लाल निशान पर बंद हुए, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.48 प्रतिशत की गिरावट में रहा, जबकि नैस्डैक 0.03 प्रतिशत और एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.32 प्रतिशत गिरे।
एशियाई बाजारों में मिला-जुला कारोबार हुआ। चीन का शंघाई सूचकांक 0.16 प्रतिशत और शेन्जेन 0.18 प्रतिशत की बढ़त में रहे। जापान का निक्केई 1.42 प्रतिशत बढ़ा, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक 0.36 प्रतिशत बढ़ा। दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 0.2 प्रतिशत की मामूली बढ़त दर्ज की गई।
विदेशी निवेशकों (एफआईआई/एफपीआई) ने भारतीय शेयरों से 1,304.91 करोड़ रुपए की शुद्ध बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 1,821.23 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
व्यापार
जीएसटी सुधारों के बीच उतार-चढ़ाव भरे सप्ताह में भारतीय शेयर बाजार में रही तेजी

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मुंबई, 6 सितंबर। जीएसटी को रेशनलाइज बनाने को लेकर शुरुआती आशावाद कम होने और वैश्विक व्यापार तनाव फिर से उभरने के कारण इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार मामूली बढ़त के साथ बंद हुए।
बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स ने लगभग 0.85 प्रतिशत की बढ़त के साथ सप्ताह का अंत किया, जिसमें मुख्य ध्यान मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर रहा।
आर्थिक अनिश्चितता, उच्च ब्याज दरों और भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण विवेकाधीन खर्च में कमी की चिंताओं के बीच निफ्टी आईटी इस सप्ताह 2.5 प्रतिशत से अधिक गिर गया।
सेक्टोरल फ्रंट पर, निफ्टी मेटल और ऑटो सूचकांकों में लगभग 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि रियल्टी और एफएमसीजी सूचकांक मुनाफावसूली के कारण 1.5 प्रतिशत तक गिर गए।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “आईटी सेक्टर के विपरीत, उपभोक्ता-केंद्रित क्षेत्र जैसे ऑटो और एफएमसीजी में तेजी आई, क्योंकि जीएसटी में कटौती से घरेलू खपत बढ़ेगी और मांग में सुधार में मदद मिलेगी।”
उत्साहजनक व्यापक आर्थिक आंकड़े, अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और सकारात्मक वैश्विक संकेतों ने घरेलू शेयर बाजारों को कुछ सहारा दिया। हालांकि, ग्लोबल बॉन्ड मार्केट्स ने सतर्कता का माहौल बढ़ा दिया है, जहां यूरोजोन में बढ़ते कर्ज और राजकोषीय असंतुलन के कारण जर्मनी और फ्रांस 30-ईयर यील्ड दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए।
वाहनों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किए जाने के बाद आयशर मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी प्रमुख ऑटो कंपनियों के शेयर 2-2 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। मेटल सेक्टर से जुड़े शेयरों में, जीएमडीसी 11 प्रतिशत उछलकर 509 रुपए पर पहुंच गया, जबकि नेशनल एल्युमीनियम और एनएमडीसी में 2 प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई।
विश्लेषकों का अनुमान है कि जीएसटी राहत, मजबूत खपत और सरकारी खर्च से घरेलू विकास से जुड़े क्षेत्रों को लाभ होने के कारण बाजार में सेंटीमेंट मिला-जुला रहेगा, जबकि वैश्विक व्यापार वार्ता जोखिम उठाने की क्षमता को सीमित करती रहेगी।
नायर ने कहा, “इस माहौल में मल्टी-एसेट निवेश रणनीति के जोर पकड़ने की उम्मीद है। ट्रेडर्स का ध्यान यूएस जॉब रिपोर्ट पर है, जो एक व्यापक कारक है जो फेड की ब्याज दरों में कटौती को प्रभावित कर सकता है। यूएस नॉनफॉर्म पेरोल्स, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और ईसीबी के ब्याज दरों के फैसले भी इस सप्ताह निवेशकों का मार्गदर्शन करेंगे।”
मोतीलाल ओसवाल ब्रोकिंग हाउस के अनुसार, “साप्ताहिक पैमाने पर, निफ्टी ने एक इनसाइड बार पैटर्न बनाकर एक व्यापक दायरे में कंसोलिडेट किया है। 24,500 और 24,650 के स्तर पर समर्थन मिल सकता है, लेकिन अब इसे 24,700 के स्तर से ऊपर बने रहना होगा ताकि 24,850 और फिर 25,000 के स्तर तक ऊपर की ओर बढ़ सके।”
घरेलू स्तर पर, लगातार विदेशी निकासी ने रुपए पर दबाव डाला, जो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। इस बीच, सुरक्षित निवेश की मांग ने सोने की कीमतों को सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा दिया।
जीएसटी को रेशनलाइज बनाने से उपभोग को बढ़ावा मिलने, कर प्रणाली को सरल बनाने, अनुपालन बोझ को कम करने और स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ाने की उम्मीद है, जिससे कर आधार का विस्तार होगा।
राष्ट्रीय समाचार
जीएसटी की दरों में कटौती के बाद भारतीय शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स 550 अंक से अधिक उछला

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मुंबई, 4 सितंबर। भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुला। बाजार में चौतरफा तेजी खरीदारी बनी हुई है। सुबह 9:25 पर सेंसेक्स 557 अंक या 0.69 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,126 और निफ्टी 150 अंक या 0.61 प्रतिशत की मजबूती के साथ 24,865 पर खुला।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी तेजी के साथ कारोबार हो रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 127 अंक या 0.22 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,471 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 20 की मामूली तेजी के साथ 17,772 पर था।
सेक्टोरल आधार पर ऑटो, एफएमसीजी, कंजप्शन, प्राइवेट बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे। आईटी, फार्मा, मेटल, एनर्जी, हेल्थकेयर और ऑयल एंड गैस इंडेक्स में लाल निशान में कारोबार हो रहा था।
सेंसेक्स पैक में एमएंडएम, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, आईटीसी, एचयूएल, टाटा मोटर्स, अल्ट्राटेक सीमेंट,आईसीआईसीआई बैंक, अदाणी पोर्ट्स, ट्रेंट, भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स, कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक टॉप गेनर्स थे। इटरनल (जोमैटो), टाटा स्टील, एचसीएल टेक, इन्फोसिस और एनटीपीसी टॉप लूजर्स थे।
जानकारों के मुताबिक, बाजार में तेजी की वजह जीएसटी की दरों को उम्मीद से अधिक कम किया जाना है। इससे देश की ग्रोथ को फायदा होगा।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड में मुख्य निवेश रणनीतिकार, वीके विजयकुमार ने कहा कि “जीएसटी सुधार उम्मीद से बेहतर रहा है और इससे कई क्षेत्रों को लाभ हुआ है। इसका अंतिम लाभार्थी भारतीय उपभोक्ता है, जिसे कम कीमतों का लाभ मिलेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “यह जीएसटी सुधार, पहले से ही दिए गए राजकोषीय और मौद्रिक प्रोत्साहन के साथ, एक सकारात्मक चक्र को गति दे सकता है और कॉर्पोरेट आय में प्रभावशाली वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 26 में भारत की विकास दर को 6.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 27 में शायद 7 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है।”
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एशिया के बाजारों में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। टोक्यो, सोल और बैंकॉक के बाजारों में तेजी है। वहीं, शंघाई, जकार्ता और हांगकांग के बाजार लाल निशान में हैं। अमेरिकी बाजार भी बुधवार को मिश्रित बंद हुए थे। इस दौरान डाओ जोन्स सपाट और नैस्डैक हरे निशान में था।
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