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Wednesday,06-August-2025
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राजनीति

कोलकाता हाईकोर्ट ने बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की सीबीआई जांच के आदेश दिए

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 पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका देते हुए कोलकात्ता उच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने गुरुवार को चुनाव के बाद हुई हिंसा में दुष्कर्म और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) को सौंप दी है। अन्य कम गंभीर अपराधों की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया। अदालत ने राज्य सरकार को चुनाव के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों के लिए मुआवजे की तत्काल कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सिफारिश को स्वीकार करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति आई.पी. मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार ने निर्देश दिया कि बंगाल में अप्रैल-मई चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच सीबीआई द्वारा गठित एक विशेष टीम द्वारा की जाएगी।

सीबीआई दुष्कर्म और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच करेगी। सीबीआई जांच की निगरानी के लिए एक अलग डिवीजन बेंच का गठन किया गया है।

इसी तरह, चुनाव के बाद हुए अपेक्षाकृत कम घातक अपराधों की जांच के लिए खंडपीठ ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी गठन किया।

कोलकाता के पुलिस आयुक्त सौमेन मित्रा, सुमन बाला साहू और रणवीर कुमार जैसे वरिष्ठ अधिकारी एसआईटी का हिस्सा होंगे। एसआईटी द्वारा जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाएगी। सीबीआई और एसआईटी दोनों को छह हफ्ते बाद अपनी शुरूआती रिपोर्ट कोर्ट को देनी होगी।

कोर्ट ने पश्चिम बंगाल राज्य को चुनाव के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों के मुआवजे की तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। अदालत ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा लगाए गए पूर्वाग्रह के आरोपों को भी खारिज कर दिया।

चुनाव के बाद हुई हिंसा ने राष्ट्र का ध्यान आकर्षित किया था क्योंकि भाजपा ने तृणमूल पर पार्टी कार्यकर्ताओं को मारने, महिला सदस्यों पर हमला करने, घरों में तोड़फोड़ करने और दुकानों और कार्यालयों को लूटने के का आरोप लगाया था।

बंगाल सरकार ने यह कहते हुए पलटवार किया था कि हिंसा की खबरों को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया था, जिसमें फर्जी वीडियो और छवियों को गलत तरीके से प्रसारित किया गया था।

4 मई को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और डीआईजी (जांच) से आयोग के जांच प्रभाग के अधिकारियों की एक टीम गठित करने का अनुरोध किया था ताकि तथ्य का पता लगाया जा सके।

18 जुलाई को, उच्च न्यायालय ने एनएचआरसी को एक समिति गठित करने का निर्देश दिया, जो पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा के दौरान कथित रूप से विस्थापित हुए लोगों द्वारा दायर शिकायतों की जांच करेगी। इससे पहले, उच्च न्यायालय ने एंटली निर्वाचन क्षेत्र से विस्थापित व्यक्तियों के पुनर्वास के समन्वय के लिए एनएचआरसी, एसएचआरसी और एसएलएसए द्वारा नामित सदस्यों की एक समिति भी गठित की थी।

अपनी विवादास्पद रिपोर्ट में, एनएचआरसी ने हिंसा की कथित घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार की खिंचाई की और उन पर ‘भयावह उदासीनता’ का आरोप लगाया था।

महाराष्ट्र

दादर कबूतरखाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद मंगल प्रभात लोढ़ा ने की शांति की अपील

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मुंबई: दादर कबूतरखाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने जैन समुदाय से शांति और व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कबूतरखाने के संबंध में निर्णय लिया था और कल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था, लेकिन इसके बावजूद यह विरोध प्रदर्शन खेदजनक है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कबूतरखाने के संबंध में एक बैठक में निर्णय लिया था। इससे होने वाली बीमारी पर भी चर्चा हुई थी और मुख्यमंत्री ने इसके समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। कबूतरों को दाना खिलाने संबंधी सावधानियों और शर्तों पर भी विचार किया गया था और मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कोई भी कार्रवाई न करने का आदेश भी दिया था, लेकिन इसके बावजूद आज अचानक हुआ यह विरोध प्रदर्शन उचित नहीं था। मंगल प्रभात लोढ़ा ने जैन समुदाय से इस संबंध में शांति और व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। पुलिस ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के बाद स्थिति शांतिपूर्ण है, लेकिन तनाव बना हुआ है। पुलिस ने अब इस मामले में कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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राष्ट्रीय समाचार

इंडिया पोस्ट ने एडवांस्ड पोस्टल टेक को किया शुरू, रियल-टाइम ट्रेकिंग से लेकर लेनदेन हुआ तेज

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नई दिल्ली, 6 अगस्त। इंडिया पोस्ट ने राष्ट्रीय स्तर पर एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी (एपीटी) सिस्टम को लॉन्च कर दिया है। इससे रियल-टाइम ट्रेकिंग से लेकर लेनदेन की रफ्तार में इजाफा हुआ है। यह जानकारी संचार मंत्रालय द्वारा बुधवार को दी गई।

एपीटी को आईटी 2.0 के तहत किए जा रहे इंडिया पोस्ट के डिजिटल बदलाव के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया है।

मंत्रालय ने कहा कि एपीटी सिस्टम से लेनदेन की रफ्तार, डिजिटल पेमेंट एकीकरण, रियल-टाइम ट्रेकिंग और ग्राहक अनुभव में सुधार देखा गया है।

आगे कहा कि पुराने से नए सिस्टम की तरफ यह परिवर्तन, अधिक तीव्र, स्मार्ट और अधिक ग्राहक-केंद्रित डाक सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

सरकार ने बताया कि शहरी, ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्र में 1.64 लाख से ज्यादा डाक घरों के विशाल नेटवर्क के कारण इस एपीटी सिस्टम के रोलआउट के पहले दिन 4 अगस्त को कुछ धीमापन महसूस किया गया, लेकिन टेक्निकल टीम ने इसका समाधान निकाल लिया और अगले दिन इसे सुधार लिया गया।

मंत्रालय के अनुसार, 5 अगस्त को पूरे भारत में इस नए एप्लिकेशन के माध्यम से 20 लाख से ज्यादा वस्तुओं की बुकिंग की गई और 25 लाख से ज्यादा वस्तुओं की डिलीवरी की गई।

भारतीय डाक विभाग ने कहा, “भारतीय डाक निर्बाध सार्वजनिक सेवा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। विभाग कार्य-निष्पादन पर कड़ी नजर रख रहा है और सुचारू एवं कुशल बदलाव सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहा है।”

इससे पहले, यह घोषणा की गई थी कि डाक विभाग डिजिटल परिवर्तन और बेहतर ग्राहक सेवा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पूरी दिल्ली में अपना अगली पीढ़ी का एपीटी एप्लिकेशन शुरू करेगा।

वहीं, मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था, “4 अगस्त को, राजधानी भर के 353 डाकघर और 61 शाखा डाकघर इस अपडेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म को लॉन्च करेंगे।”

इसके लिए, विभाग ने सुरक्षित और निर्बाध बदलाव सुनिश्चित करने हेतु शनिवार, 2 अगस्त को सेवा बंद रखने की योजना बनाई थी।

डाकघर सिस्टम आवश्यक डेटा माइग्रेशन, सत्यापन और कॉन्फिगरेशन प्रक्रियाओं से गुजर रहा था, इसलिए उस दिन 414 प्रभावित स्थानों पर कोई सार्वजनिक लेनदेन नहीं हुआ।

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राष्ट्रीय समाचार

‘स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराएं’, सरकार ने की ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से जुड़ने की अपील

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नई दिल्ली, 6 अगस्त। तीन साल पहले शुरू हुई ‘हर घर तिरंगा’ पहल अब जन आंदोलन का रूप ले चुकी है। देशभर में समाज के अलग-अलग वर्ग के लोगों ने इस विचार को अपनाया है। इसी क्रम में, ‘एक राष्ट्रगान, एक झंडा और एक राष्ट्र’ की भावना के साथ इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय संस्कृति मंत्रालय ने कदम उठाए हैं।

15 अगस्त को 79वें स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर भारतीय संस्कृति मंत्रालय ने देशवासियों से ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से जुड़ने की अपील की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिए संस्कृति मंत्रालय ने लिखा, “हर घर तिरंगा अभियान में शामिल हों और देशभक्ति की भावना जगाएं। तिरंगा स्वयंसेवक के रूप में पंजीकरण करें, दूसरों को 15 अगस्त तक अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रेरित करें और अपनी ‘सेल्फी विद तिरंगा’को ‘हर घर तिरंगा’ वेबसाइट पर अपलोड करें।

भारत सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव के मौके पर 2022 में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू किया था। इस अभियान के पीछे का विचार लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना पैदा करना और उन्हें भारत की यात्रा और इस महान राष्ट्र के निर्माण में योगदान देने वालों की याद दिलाना है। 2022 में इस अभियान को अपार सफलता मिली, जहां 23 करोड़ परिवारों ने अपने घरों में तिरंगा फहराया और 6 करोड़ लोगों ने ‘हर घर तिरंगा’ वेबसाइट पर सेल्फी अपलोड कीं। डाक विभागने इस अभियान को अंतिम छोर तक पहुंचाया और देश के सुदूर कोने में भी राष्ट्रीय ध्वज की उपलब्धता सुनिश्चित की।

संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक, साल 2022 में ‘हर घर तिरंगा’ वेबसाइट पर 5 करोड़ से अधिक तिरंगा सेल्फी अपलोड की गई थीं। 2023 में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत 10 करोड़ से अधिक सेल्फी अपलोड की गईं। उसी साल, चंडीगढ़ में 5,885 लोगों की भागीदारी के साथ ‘राष्ट्रीय ध्वज लहराती हुई दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला की तस्वीर’ का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया। 2024 में 5 करोड़ से अधिक लोगों ने सेल्फी अपलोड की।

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