राजनीति
राहुल ने फोन टैपिंग पर कहा, ‘वह आपके फोन पर सब कुछ पढ़ रहा’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को फोन टैपिंग का मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री पर परोक्ष रूप से हमला किया। राहुल ने ट्वीट किया, “हम जानते हैं कि वह क्या पढ़ रहा है-आपके फोन पर सब कुछ! हैशटैग पेगासस।”
इसके साथ उन्होंने अपने 16 जुलाई के ट्वीट को टैग करते हुए कहा, “मैं सोच रहा हूं कि आप लोग इन दिनों क्या पढ़ रहे हैं।”
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ‘टैपिंग जीवी’ है और आरएसएस नेतृत्व को भी नहीं बख्शा है, यह ‘जासूसी सरकार’ है।
द वायर की रविवार की रिपोर्ट के अनुसार, जासूसी डेटाबेस में भारतीयों में 40 से अधिक पत्रकार, तीन प्रमुख विपक्षी हस्तियां, एक संवैधानिक प्राधिकरण, नरेंद्र मोदी सरकार में दो सेवारत मंत्री, सुरक्षा संगठनों के वर्तमान और पूर्व प्रमुख और अधिकारी और कई कारोबारी शामिल हैं।
राजनीति
दिल्ली की जनता और सरकार मॉक ड्रिल के लिए है तैयार : आशीष सूद

नई दिल्ली, 6 मई। दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की जनता और भाजपा सरकार 7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करें। आशीष सूद ने मंगलवार को मिडिया से बातचीत के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और संकल्प को पूरा करने के लिए दिल्ली के लोग और दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध हैं। साल 1971 के बाद पहली बार मॉक ड्रिल हो रहा है। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद, आज हर नागरिक आक्रोशित है। आतंकवादियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करे। देश के सभी नागरिक भारत सरकार के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं। ऐसे में दिल्ली कैसे पीछे रह सकती है, दिल्ली भी पूरी तरह से तैयार है।
हरियाणा-पंजाब जल विवाद पर उन्होंने कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी हार का बदला लेने के लिए पंजाब सरकार की ओर से षड्यंत्र रच रहे हैं। वह पानी रोकने का काम कर रहे हैं। मैं इसकी कड़ी शब्दों में निंदा करता हूं।
दूसरी ओर, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 24 घंटे बिजली सुनिश्चित करने के लिए नई तकनीक से निर्मित 66 केवी सबस्टेशन का उद्घाटन किया। दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद ने कहा कि यह दिल्ली को बिजली हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सीएम रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “आज पालम गांव में बीआरपीएल द्वारा निर्मित अत्याधुनिक 66/11 केवी जीआईएस सब-स्टेशन का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकसित भारत और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के विजन से प्रेरित यह परियोजना, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के एक लाख से अधिक नागरिकों को निर्बाध, सुरक्षित और गुणवत्ता युक्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। यह ग्रिड पालम, द्वारका, महावीर एन्क्लेव सहित कई रिहायशी और संस्थागत इलाकों की बिजली जरूरतों को पूरा करेगा। यह केवल एक ग्रिड नहीं, बल्कि दिल्लीवासियों के लिए सशक्त, सुरक्षित और स्मार्ट भविष्य की आधारशिला है।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस ने मीठी नदी से गाद निकालने के घोटाले की जांच शुरू की; EOW ने कई जगहों पर छापे मारे

मुंबई: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मीठी नदी से गाद निकालने के घोटाले के मामले में मंगलवार को छापेमारी शुरू कर दी। सुबह से ही ईओडब्ल्यू की टीमें मुंबई में 8 से ज़्यादा जगहों पर छापेमारी कर रही हैं, जिनमें ठेकेदारों और बीएमसी अधिकारियों के दफ़्तर और घर शामिल हैं।
इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें पांच ठेकेदारों, तीन बिचौलियों, दो कंपनी अधिकारियों और तीन बीएमसी अधिकारियों के नाम शामिल हैं। इन पर मलबा हटाने के लिए झूठे दावे पेश करके बीएमसी को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने का आरोप है। यह घोटाला, 1,100 करोड़ रुपये की मीठी नदी की सफाई और सौंदर्यीकरण परियोजना का हिस्सा है, जिसकी गहन जांच की जा रही है।
इससे पहले अप्रैल में, EOW ने 10 ठेकेदारों से पूछताछ की और BMC से उसके आधिकारिक पोर्टल पर अपलोड की गई CCTV फुटेज जमा करने को कहा, जिसमें कथित तौर पर नदी तल से हटाए गए मलबे की मात्रा का दस्तावेजीकरण किया गया था। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या मलबा वास्तव में हटाया गया था, और क्या हटाने की प्रक्रिया को वजन, वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी के माध्यम से प्रलेखित किया गया था, जैसा कि अनुबंधों में अनिवार्य है।
जांच में गाद निकालने और सौंदर्यीकरण के लिए दिए गए ठेकों की लेखापरीक्षा, नियम व शर्तों की समीक्षा, तथा बीएमसी और मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) द्वारा रखे गए अभिलेखों का सत्यापन भी शामिल है।
यह जांच मुंबई में नागरिक अनुबंध अनियमितताओं की जांच के लिए ईओडब्ल्यू द्वारा गठित छठी एसआईटी है, इससे पहले खिचड़ी घोटाला, कोविड-19 केंद्र घोटाला, लाइफलाइन अस्पताल घोटाला और बॉडी बैग खरीद घोटाले जैसे मामले सामने आए थे।
मार्च में, ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने टेंडर प्रक्रिया और मलबे के निपटान की निगरानी में सीधे तौर पर शामिल छह नागरिक अधिकारियों के बयान दर्ज किए थे। भौतिक साक्ष्य एकत्र करने के लिए बांद्रा और कुर्ला सहित फोकस क्षेत्रों के साथ मीठी नदी के 17 किलोमीटर के हिस्से में फील्ड निरीक्षण भी किए गए थे।
मीठी नदी की गाद निकालने की परियोजना जुलाई 2005 की बाढ़ के बाद की है, जब महाराष्ट्र सरकार ने 17.8 किलोमीटर लंबे नदी क्षेत्र को चौड़ा करने और गाद निकालने का फैसला किया था। इसमें से बीएमसी को पवई से कुर्ला तक 11.84 किलोमीटर लंबे हिस्से की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जबकि एमएमआरडीए ने कुर्ला से माहिम कॉजवे तक के शेष छह किलोमीटर हिस्से की जिम्मेदारी संभाली थी।
अगस्त 2024 में, महाराष्ट्र विधान परिषद ने भाजपा एमएलसी प्रसाद लाड और प्रवीण दारकेकर द्वारा परिषद में चिंता जताए जाने के बाद कथित वित्तीय गड़बड़ी की जांच के लिए एक एसआईटी के गठन का निर्देश दिया था।
प्रारंभिक जांच के हिस्से के रूप में, EOW SIT ने पहले तीन ठेकेदारों, ऋषभ जैन, मनीष कासलीवाला और शेरसिंह राठौड़ को तलब किया और उनसे पूछताछ की। बाद में जांच का दायरा बढ़ाकर बीएमसी अधिकारियों को भी शामिल किया गया, क्योंकि टेंडर निष्पादन में अनियमितताओं के सबूत सामने आने लगे थे।
राजनीति
सतलुज-यमुना लिंक नहर विवाद का समाधान मिलजुलकर निकालें पंजाब-हरियाणा सरकार : सुप्रीम कोर्ट

suprim court
नई दिल्ली, 6 मई। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को हरियाणा और पंजाब के बीच एसवाईएल (सतलुज-यमुना लिंक कैनाल) नहर विवाद को लेकर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से कहा कि दोनों राज्य सौहार्दपूर्ण समाधान तक पहुंचने के लिए केंद्र का सहयोग करें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर समाधान नहीं निकला तो पीठ इस मामले पर 13 अगस्त को सुनवाई करेगी।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से एएसजी ने कहा कि जल शक्ति मंत्री ने बैठक की और जल बंटवारे पर विचार करने के लिए समिति गठित की गई है। दोनों राज्यों के मुख्य सचिव समिति के अध्यक्ष हैं और 1 अप्रैल 2025 को इस मामले में एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया गया है।
इस पर हरियाणा सरकार के वकील श्याम दीवान ने कहा कि बातचीत से कोई समाधान नहीं हो पा रहा है। जहां तक नहर के निर्माण की बात है, तो हरियाणा ने अपने इलाके का काम पूरा कर लिया है। एक अहम मुद्दा है कि पानी नहीं छोड़ा जा रहा है।
पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कहा कि डिक्री अतिरिक्त पानी के लिए थी, लेकिन नहर का निर्माण अभी होना बाकी है। हरियाणा को अतिरिक्त पानी मिलना चाहिए या नहीं, यह मुद्दा ट्रिब्यूनल के समक्ष लंबित है।
इसके अलावा, केंद्र सरकार की तरफ से एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि हमने मध्यस्थता के लिए प्रयास किए थे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हलफनामे में कहा गया है कि दोनों मध्यस्थता के लिए सहमत हो गए हैं।
वहीं, हरियाणा के वकील ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि हम सहयोग नहीं करने जा रहे हैं, इसलिए वार्ता विफल हो गई है। साल 2016 से हम प्रयास कर रहे हैं, लेकिन आगे कुछ नहीं हुआ।
दरअसल, हरियाणा और पंजाब के बीच पानी का विवाद बहुत पुराना है। एसवाईएल विवाद 1966 में हरियाणा के पंजाब से अलग होने के बाद 1981 के जल-बंटवारे समझौते से जुड़ा है।
हरियाणा में खेतों की सिंचाई के लिए पानी की बेहद कमी थी। केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद सतलुज-यमुना लिंक नहर को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच जल संधि हुई थी।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय8 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार2 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
-
महाराष्ट्र5 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें