राजनीति
2020-21 चार दशकों में अर्थव्यवस्था का सबसे काला साल : चिदंबरम
पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि वित्तवर्ष 2020-21 चार दशकों में अर्थव्यवस्था का सबसे काला साल रहा है और सरकार को जरूरत पड़ने पर और रुपये छापने चाहिए, जैसा कि नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी सहित कई लोगों ने सुझाव दिया है। उन्होंने कहा, “हम ध्यान दे सकते हैं कि बनर्जी ने अधिक रुपये छापने और खर्च बढ़ाने का आह्वान किया है, हालांकि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में विभिन्न समाचारपत्रों को दिए साक्षात्कार में सरकार की गुमराह और विनाशकारी नीतियों का बचाव किया है।”
चिदंबरम ने इससे पहले, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को वर्चुअली संबोधित करते हुए, जीडीपी के आंकड़ों को लेकर सरकार पर हमला किया।
उन्होंने कहा, “जैसा कि अपेक्षित था, स्थिर कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद में (-) 7.3 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई, 1979-80 के बाद पहली बार भारत ने नकारात्मक वार्षिक वृद्धि दर्ज की है। 2020-21 चार दशकों में अर्थव्यवस्था का सबसे काला वर्ष रहा है। 2020-21 की चार तिमाहियों में जैसा प्रदर्शन रहा, वह सुधार की कहानी नहीं कहता है। पहली दो तिमाहियों में मंदी (-24.4 और -7.4 प्रतिशत) देखी गई। इसी तरह, तीसरी और चौथी तिमाही में भी कोई सुधार नहीं हुआ।”
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले वर्ष की इन्हीं तिमाहियों में अनुमानित दरें 0.5 प्रतिशत और 1.6 प्रतिशत थीं, जो 3.3 और 3.0 प्रतिशत के बहुत कम आधार पर तय की गई थीं। इसके अलावा, ये दरें कई चेतावनियों के साथ आई हैं।
चिदंबरम ने आरोप लगाया कि जब पिछले साल कोविड महामारी की पहली लहर कम होती दिखाई दी, तो वित्तमंत्री और उनके मुख्य आर्थिक सलाहकार ने रिकवरी की कहानी को बेचना शुरू कर दिया।
पूर्व वित्तमंत्री ने तंज कसते हुए कहा, “उन्होंने ‘हरे रंग के अंकुर’ देखे, जिसे किसी और ने नहीं देखा। उन्होंने वी-आकार की वसूली की भविष्यवाणी की। यह एक झूठी कहानी थी और हमने अपना मजबूत पक्ष रखा था और चेतावनी दी थी कि रिकवरी का कोई संकेत नहीं है। हमने बताया था कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन की एक मजबूत खुराक की जरूरत है, जिसमें सरकारी खर्च में वृद्धि, गरीबों को सीधा नकद हस्तांतरण और मुफ्त राशन का उदार वितरण शामिल है। हमारी दलीलें बहरे कानों पर पड़ीं और उसी का परिणाम है कि माइनस 7.3 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि सामने आई है।”
चिदंबरम ने कहा कि सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि प्रति व्यक्ति जीडीपी एक लाख रुपये से नीचे गिरकर 99,694 रुपये पर आ गई है। प्रतिशत के संदर्भ में यह पिछले वर्ष की तुलना में माइनस 8.2 प्रतिशत की गिरावट है। यह 2018-19 (और शायद 2017-18 भी) में हासिल किए गए स्तर से कम है। सबसे चिंताजनक निष्कर्ष यह है कि अधिकांश भारतीय नागरिक दो साल पहले की तुलना में आज अधिक गरीब हैं।
उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों और प्रसिद्ध संस्थानों की अच्छी सलाह को खारिज कर दिया गया है। विश्वव्यापी अनुभव की उपेक्षा की गई है। राजकोषीय विस्तार और नकद हस्तांतरण के सुझावों को ठुकरा दिया गया है। इसलिए आत्मनिर्भर भारत जैसे खोखले पैकेज सपाट हो गए हैं।
अपराध
मुंबई पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स सेल ने ₹12.8 लाख मेफेड्रोन जब्ती मामले में आदतन अपराधी अकबर खाऊ को ओडिशा से गिरफ्तार किया

मुंबई: मुंबई पुलिस के एंटी-नारकोटिक्स सेल (एएनसी) ने मेफेड्रोन (एमडी) मामले में ओडिशा से एक वांछित और आदतन अपराधी अहमद मोहम्मद शफी शेख उर्फ अकबर खाऊ को गिरफ्तार किया है।
अधिकारियों के अनुसार, एएनसी की घाटकोपर इकाई ने लगभग ₹12.8 लाख मूल्य की 64 ग्राम मेफेड्रोन जब्त करने के बाद एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 8(सी), 22(3), 22(सी) और 29 के तहत पहले ही एफआईआर दर्ज कर ली थी। इस मामले में, आरोपी फ़रीद रहमतुल्ला शेख उर्फ़ फ़रीद चूहा को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि अहमद शेख उर्फ़ अकबर खाऊ की पहचान सह-साजिशकर्ता के रूप में हुई।
जांच से पता चला कि अकबर खाऊ, जो पहले ठाणे जिले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दर्ज एक मामले में जमानत पर बाहर था, ने मादक पदार्थों की तस्करी में अपनी संलिप्तता फिर से शुरू कर दी थी और जब्त किए गए नशीले पदार्थों की आपूर्ति सह-आरोपी फरीद को कर दी थी।
गोपनीय जानकारी के आधार पर, एएनसी ने उसे ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के राजगांगपुर में खोज निकाला, जहाँ वह छिपा हुआ था। वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति से तुरंत एक पुलिस दल भेजा गया। दल ने 1 नवंबर, 2025 को राजगांगपुर के रब्बानी चौक पर उसका पता लगाया और उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उसे मुंबई के लिए ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया गया।
बुधवार को अकबर खाऊ को मुंबई सत्र न्यायालय में पेश किया गया, जिसने उसे 7 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। घाटकोपर एएनसी इकाई अपनी जांच जारी रखे हुए है।
अब तक इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और 12.8 लाख रुपये मूल्य की 64 ग्राम एमडी जब्त की गई है।
पुलिस ने बताया कि अहमद शेख उर्फ अकबर खाऊ एक आदतन अपराधी है जिसका चोरी, मारपीट और कई एनडीपीएस व मकोका मामलों सहित गंभीर अपराधों का लंबा इतिहास रहा है। उसके रिकॉर्ड में कुर्ला, वीबी नगर और मुंबई भर की एंटी-नारकोटिक्स सेल इकाइयों में दर्ज 18 पूर्व अपराध शामिल हैं। अधिकारियों ने इस गिरफ्तारी को उन अपराधियों पर नकेल कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है जो कई गिरफ्तारियों के बाद भी मादक पदार्थों की तस्करी जारी रखते हैं।
राजनीति
वोट चोरी राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तर पर हो रही; हरियाणा में कांग्रेस की जीत को हार में बदला गया : राहुल गांधी

नई दिल्ली, 5 नवंबर: लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कथित तौर पर वोट चोरी के मुद्दे को दोहराया और दावा किया कि राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तर पर वोट चोरी हो रही है।
कथित वोट चोरी के मुद्दे पर राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमारे पास ‘एच’ फाइल्स हैं और यह इस बारे में है कि कैसे एक पूरे राज्य को ही चुरा लिया गया है। हमें संदेह है कि यह व्यक्तिगत निर्वाचन क्षेत्रों में नहीं, बल्कि राज्य स्तर पर और राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है।”
कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल से राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की वीडियो शेयर कर बताया, “एक पूरा राज्य कैसे चुरा लिया गया? वोट चोरी राज्य और राष्ट्रीय, दोनों स्तरों पर हो रही है। हमने कई राज्यों में इसका अनुभव किया है, इसलिए हमने हरियाणा में और गहराई से जांच करने का फैसला किया।”
उन्होंने कहा, “सभी सर्वेक्षणों में कांग्रेस की जीत की ओर इशारा किया गया था। एक और बात यह थी कि हरियाणा के चुनावी इतिहास में पहली बार, डाक मतपत्रों की संख्या वास्तविक मतदान से अलग थी। डाक मतपत्रों में, कांग्रेस को 73 और भाजपा को 17 मत मिले। इसलिए, हमने बारीकियों की जांच शुरू की।”
उन्होंने कहा, “मैं चुनाव आयोग और भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठा रहा हूं, और मैं ऐसा 100 प्रतिशत प्रमाण के साथ कर रहा हूं। हमारे लिए यह स्पष्ट है कि कांग्रेस की अनुमानित भारी जीत को हार में बदलने की एक योजना बनाई गई थी। मतगणना से दो दिन पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री की मुस्कान और ‘व्यवस्था’ के उनके संदर्भ पर ध्यान दें। ऐसे समय में जब एग्जिट पोल और तमाम संकेतक कांग्रेस के पक्ष में थे, भाजपा की ‘व्यवस्था’ में उनका विश्वास हैरान करने वाला था। इन सबके बाद, नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस हरियाणा चुनाव में मात्र 22,779 वोटों से हार गई।”
राजनीति
महाराष्ट्र निकाय चुनाव की घोषणा पर अबू आजमी का आरोप, भाजपा के इशारे पर काम कर रहा आयोग

ABU AZMI
मुंबई, 5 नवंबर: महाराष्ट्र में 246 नगर पालिका परिषदों और 42 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर को मतदान होगा। समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा है कि आयोग केंद्र सरकार के साथ मिल गया है और उसी के हिसाब से अब काम कर रहा है।
अबू आजमी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “पूरे देश में एक हाहाकार मचा है कि चुनाव आयोग सरकार के इशारे पर काम कर रहा है। राहुल गांधी ने तो यहां तक बताया कि एक ही घर में जहां दो लोग रहते हैं, 80 लोगों का नाम मतदाता सूची में दर्ज है। बहुत सारी चीजें निकाली गई हैं। महाराष्ट्र में ऐसे-ऐसे नेता हारे हैं जिनका हारना नामुमकिन था।”
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पूरी कांग्रेस खत्म हो गई। इस देश की सेक्युलरिज्म के लिए और देश के संविधान के मुताबिक सही लोग वोट दें, लेकिन बहुत ज्यादा धांधली हो रही है। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि अब चुनाव अनाउंस हो गया है, क्या वोटर लिस्ट पूरी सही हो गई? उन्होंने मांग की कि पूरी लिस्ट सही करने के बाद ही चुनाव कराए जाने चाहिए।
बिहार में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के “बंटोगे तो कटोगे” नारे पर अबू आजमी ने कहा, “हम भी कहते हैं बंटो मत, कटो मत, सब एक साथ रहो। एक साथ रहकर सांप्रदायिकता को कुचल दो। जो लोग इस देश को बांटना चाहते हैं, जो लोग गांधी जी के उसूलों को, जो लोग डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के उसूलों के खिलाफ हैं, जो लोग डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान के खिलाफ हैं, उनके खिलाफ सब लोग एकजुट हो जाओ।
सपा नेता ने बिहार की जनता से कहा कि जब आपने अंग्रेजों को यहां से भगा दिया था तो ऐसे लोग जो देश के संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं, इस बार उन्हें हटा देना है और एक ऐसी सरकार लानी है, जो गांधीजी और बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों वाली हो।”
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने कहा, “पुणे, मालेगांव, औरंगाबाद जैसे इलाकों से 20-25 सोशल वर्कर आए थे। उनका कहना है कि आतंकवाद के नाम पर मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है। अगर कोई आतंकी है तो उसे फांसी दो, लेकिन देश में ऐसा नहीं हो रहा है।
ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा या पुरोहित पांडेय पकड़े जाएंगे तो सरकारी वकील से कहा जाएगा कि नरमी बरतो। जब कोर्ट में केस चलता है तो एटीएस से केस एनआईए ले लेती है, फिर 40-40 गवाह मुकर जाते हैं। 6 गवाह, जिन्होंने मजिस्ट्रेट के सामने गवाही दी थी, वह मुकर जाते हैं। उसके बाद वह छूट जाती हैं, लेकिन फिर अपील नहीं होती। रेलवे ब्लास्ट में 19 साल तक 12 नौजवान बेकसूर जेल में पड़े रहते हैं और हाईकोर्ट छोड़ देता है, तो उसी दिन रात को बात करके दूसरे दिन सुप्रीम कोर्ट में उनकी अपील डाल दी जाती है। देश में इंसाफ कहां है?”
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