अंतरराष्ट्रीय
सैमसंग ने श्याओमी को पछाड़कर वैश्विक वियरेबल्स बाजार में दूसरा स्थान हासिल किया

सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी चीनी ब्रांड श्याओमी को पीछे छोड़ते हुए साल की पहली तिमाही में वियरेबल्स डिवाइस की दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी विक्रेता बन गई है। मार्केट रिसर्चर इंटरनेशनल डेटा कॉपोर्रेशन (आईडीसी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कोरियाई तकनीकी दिग्गज पहली बार 11.8 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी के साथ उपविजेता यानी दूसरे स्थान पर पहुंच गई है और उसने चीन की श्याओमी को पीछे छोड़ दिया है। कंपनी ने एक साल पहले की तुलना में 0.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है।
तीसरे स्थान पर श्याओमी शीर्ष पांच ब्रांडों में एकमात्र ऐसी कंपनी है, जिसे वियरेबल्स डिवाइस की बिक्री में साल-दर-साल गिरावट का सामना करना पड़ा है।
योनहाप समाचार एजेंसी ने रिपोर्ट के हवाले से बताया कि श्याओमी की बाजार हिस्सेदारी एक साल पहले के 13.3 प्रतिशत से गिरकर 9.7 प्रतिशत हो गई है। इसकी वियरेबल्स डिवाइस की शिपमेंट यानी बिक्री 1.8 प्रतिशत गिरकर 1.02 करोड़ यूनिट रह गई है।
सैमसंग ने जनवरी-मार्च अवधि में वियरेबल्स डिवाइस की 1.18 करोड़ यूनिट की बिक्री की, जो एक साल पहले की तुलना में 35.7 प्रतिशत अधिक है।
आईडीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कंपनी के वॉल्यूम में अधिक बढ़ोतरी का कारण सही मायने में इसका वायरलेस ईयरबड है, जिसमें गैलेक्सी बड्स लाइव, गैलेक्सी बड्स प्लस और गैलेक्सी बड्स प्रो शामिल हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कंपनी के विकास में इसकी सहायक कंपनी जेबीएल का भी योगदान है, जिसके बड़े बाजार और किफायती मॉडल के साथ ईयरवियर शिपमेंट हैं। इस बीच, कंपनी की स्मार्टवॉच और रिस्टबैंड ने अपनी वृद्धि को बनाए रखा है, जो पहली तिमाही के नए रिकॉर्ड तक पहुंच गया।
वहीं मार्केट में एप्पल ने अपना शीर्ष स्थान बनाए रखा है, लेकिन इसकी बाजार हिस्सेदारी एक साल पहले के 32.3 प्रतिशत से गिरकर 28.8 प्रतिशत हो गई है, क्योंकि इसकी बिक्री वृद्धि उद्योग के औसत से नीचे दर्ज की गई है।
अमेरिकी तकनीकी टाइटन ने पहली तिमाही में 3.01 करोड़ वियरेबल डिवाइस की बिक्री की, जो एक साल पहले की तुलना में 19.8 प्रतिशत अधिक है।
2021 के पहले तीन महीनों में दुनिया भर में वियरेबल बाजार 34.4 प्रतिशत बढ़कर 10.46 करोड़ यूनिट तक पहुंच गया, जो किसी भी पहली तिमाही के लिए सबसे अधिक संख्या है।
एक अन्य चीनी तकनीकी पावरहाउस हुआवे 8.2 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ चौथे स्थान पर रही, जिसकी हिस्सेदारी एक साल पहले 8.4 प्रतिशत थी।
भारत स्थित बोट ने 2.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पांचवां स्थान हासिल किया, जब पहली तिमाही में इसकी शिपमेंट चौगुनी से अधिक होकर 30 लाख यूनिट हो गई।
अंतरराष्ट्रीय
फिलिस्तीनी अथॉरिटी के प्रमुख ने ‘गाजा डील की प्रगति’ को बताया ‘रचनात्मक’

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर : फिलिस्तीनी अथॉरिटी के प्रमुख महमूद अब्बास ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हमास की प्रतिक्रिया को सकारात्मक बताने वाली घोषणा का स्वागत किया है। अब्बास के अनुसार, यह प्रतिक्रिया बंधकों की रिहाई और रचनात्मक वार्ता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे मध्य पूर्व में स्थायी शांति की उम्मीद जगी है।
फिलीस्तीनी अथॉरिटी अध्यक्ष के कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, “हम इन बयानों का स्वागत करते हैं क्योंकि ये सभी बंधकों को रिहा करने और इस महत्वपूर्ण चरण में रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने की इच्छा का संकेत देते हैं, जिसमें सभी को सर्वोच्च स्तर की राष्ट्रीय जिम्मेदारी निभाने की आवश्यकता है।” बयान में युद्ध समाप्त करने के लिए समझौते की दिशा में ट्रंप और अरब तथा मुस्लिम देशों को प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया गया है।
बयान में कहा गया है, “अब हमारे लिए जो महत्वपूर्ण है वह पूर्ण युद्धविराम के लिए तत्काल प्रतिबद्धता, सभी बंधकों और कैदियों की रिहाई, संयुक्त राष्ट्र संगठनों के माध्यम से मानवीय सहायता की तत्काल आपूर्ति, विस्थापन या विलय की रोकथाम सुनिश्चित करना और पुनर्निर्माण प्रक्रिया की शुरुआत है।”
इसमें इजरायल की नसीहत भी दी गई है। लिखा है, ” हम इन प्रयासों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित मध्यस्थों और साझेदारों के साथ काम करना जारी रखेंगे, जिससे एक स्थायी शांति स्थापित हो सके जो फिलिस्तीन पर इजरायली कब्जे को समाप्त किया जा सके।”
अपने बयान में पीए प्रमुख ने धार्मिक स्थलों पर हमले और विस्थापितों की समस्या का जिक्र करते हुए अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी को संबोधित करते हुए कहा, “अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इजरायल को उसके सभी एकतरफा कदमों को रोकने के लिए मजबूर करे जो अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हैं।”
अब्बास ने आगे कहा कि एक स्वतंत्र, संप्रभु फिलिस्तीनी राज्य, इजरायल के साथ, इस क्षेत्र में स्थिरता के लिए एक स्वाभाविक साझेदार है, और अब एक स्थायी शांति का समय आ गया है जो क्षेत्र के सभी लोगों के लिए सुरक्षा और न्याय की गारंटी दे।
व्यापार
आरबीआई की नई गाइडलाइंस कल से लागू, बैंकों को एक दिन में ही क्लियर करना होगा चेक

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नई गाइडलाइंस के मुताबिक, 4 अक्टूबर से सभी बैंकों को एक दिन की अवधि में ही चेक क्लियर करना होगा। इससे चेक के जरिए भुगतान करना तीव्र और आसान हो जाएगा। मौजूदा समय में चेक को क्लियर होने में एक से दो दिन का समय लगता है।
एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक समेत कई बैंकों ने 4 अक्टूबर से एक ही दिन में चेक क्लियर होने की जानकारी अपने ग्राहकों को दी है।
नई व्यवस्था के तहत 4 अक्टूबर से जमा किए गए चेक उसी दिन कुछ ही घंटों में क्लियर हो जाएंगे। दोनों बैंकों ने ग्राहकों से चेक बाउंस होने से बचने के लिए पर्याप्त बैलेंस रखने और देरी या अस्वीकृति से बचने के लिए सभी चेक विवरण सही-सही भरने का आग्रह किया है।
आरबीआई की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि नए सिस्टम को दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहला फेस 4 अक्टूबर, 2025 से 3 जनवरी, 2026 तक के लिए लागू होगा, जबकि दूसरा फेस 3 जनवरी के बाद से लागू होगा।
आरबीआई ने नए सिस्टम के काम करने के बारे में विस्तार के जानकारी देते हुए कहा कि इसमें एक सिंगल प्रेजेंटेशन सेशन होगा, जिसमें चेक को सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक पेश करना होगा।
इसके तहत चेक प्राप्त करने वाली बैंक को चेक को स्कैन करके क्लिरिंग हाउस को भेजना होगा। इसके बाद क्लिरिंग हाउस की उस चेक की इमेज को राशि अदा करने वाले बैंक के पास भेजेगा।
इसके बाद कॉन्फॉर्मेशन सेशन सुबह 10 बजे से लेक शाम के 7 बज तक होगा। इसमें राशि अदा करने वाले बैंक को उस चेक पर सकारात्मक या नकारात्मक कॉन्फॉर्मेशन देनी होगी।
यहां बड़ी बात यह है कि हर चेक का एक ‘आइटम एक्सपायरी टाइम’ होगा, जिस समय तक कॉन्फॉर्मेशन देनी आवश्यक है।
साथ ही, बैंकों ने ग्राहकों से सुरक्षा बढ़ाने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम का उपयोग करने का भी आग्रह किया गया है, जिसके तहत सत्यापन के लिए चेक का मुख्य विवरण पहले से जमा करना अनिवार्य है। खाताधारकों को 50,000 रुपए से अधिक के चेक जमा करने से कम से कम 24 कार्य घंटे पहले बैंक को खाता संख्या, चेक संख्या, तिथि, राशि और लाभार्थी का नाम बताना होगा।
चेक प्रस्तुत करते समय बैंक इन विवरणों की पुष्टि करेंगे। यदि जानकारी मेल खाती है, तो चेक क्लियर कर दिया जाएगा, अन्यथा, अनुरोध अस्वीकार कर दिया जाएगा और चेक जारीकर्ता को विवरण दोबारा जमा करना होगा।
अंतरराष्ट्रीय
फिलीपींस में भूकंप की घटना पर पीएम मोदी ने जताया दुख, अब तक 69 लोगों की मौत

मनीला, 1 अक्टूबर : फिलीपींस में 6.9 की तीव्रता से आए भूकंप के बाद का भयावह मंजर सामने आया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है। वहीं नागरिक सुरक्षा कार्यालय (ओसीडी) ने बताया कि भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 69 हो गई।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “फिलीपींस में आए भूकंप से हुई जान-माल की हानि और व्यापक क्षति के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन समय में भारत फिलीपींस के साथ एकजुटता से खड़ा है।”
ओसीडी के उप-प्रशासक और सहायक सचिव बर्नार्डो राफेलिटो एलेजांद्रो ने ब्रीफिंग में बताया कि भूकंप के केंद्र बोगो शहर में 30 लोगों की मौत हो गई, मेडेलिन शहर में 10, सैन रेमिगियो शहर में 22, तबोगोन शहर में पांच और सोगोड और तबुएलन नगर पालिकाओं में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों की मौत घरों और इमारतों की ढही हुई दीवारों के नीचे दबने से हुई। राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन परिषद (एनडीआरआरएमसी) ने शुरुआत में बताया कि कम से कम 147 लोग घायल हुए हैं।
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, सहायक सचिव ने घायलों और लापता लोगों के बारे में नए आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान ने शुरुआत में बताया था कि मंगलवार रात स्थानीय समयानुसार 9:59 बजे सेबू प्रांत में 6.7 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि, बाद में फिर तीव्रता को संशोधित कर 6.9 कर दिया गया। भूकंप का केंद्र बोगो शहर से लगभग 19 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में, 5 किलोमीटर की गहराई में था।
बता दें कि मध्य फिलीपींस के कई पड़ोसी प्रांतों के साथ-साथ दक्षिणी फिलीपींस के कुछ क्षेत्रों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान की ओर से साझा जानकारी के अनुसार मंगलवार रात से 600 से ज्यादा झटके दर्ज किए गए।
बता दें कि फिलीपींस प्रशांत महासागर के “रिंग ऑफ फायर” क्षेत्र में स्थित है, जो भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधि के लिए एक्टिव माना जाता है।
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