राष्ट्रीय
रेनॉल्ट निसान के कर्मचारी 26 मई से करेंगे काम का बहिष्कार
रेनॉल्ट निसान इंडिया थोझीलालार संगम (आरएनआईटीएस) ने कहा है कि जब तक संयंत्र में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती, रेनॉल्ट निसान ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों ने 26 मई से ड्यूटी का बहिष्कार करने का फैसला किया है। आरएनआईटीएस या रेनॉल्ट निसान वर्कर्स यूनियन ने सोमवार को अपने संयुक्त सचिव टी. तमीज कुमारन के एक पत्र में कंपनी प्रबंधन को नोटिस दिया है।
मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि कार्यालय और कारखाने में फुटफॉल को कम करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए । आरएनआईटीएस ने कहा कि कंपनी ने कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए कंपनी के संयंत्र में फुटफॉल को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।
रेनॉल्ट निसान ऑटोमोटिव फ्रांसीसी ऑटो प्रमुख रेनॉल्ट और जापान की निसान मोटर कंपनी का एक संयुक्त उद्यम कार निर्माण संयंत्र है।
कुमारन ने अपने पत्र में यह भी कहा कि कंपनी प्रबंधन किसी भी मामले में कर्मचारी संघ से परामर्श नहीं करता है और एकतरफा निर्णय लेता रहा है और यूनियन को अपने लाउडस्पीकर के रूप में इस्तेमाल करना चाहता है।
आरआईटीएस के अध्यक्ष के.बालाजी कृष्णन ने आईएएनएस को बताया, “पिछले साल से रेनॉल्ट निसान ऑटोमोटिव में पांच श्रमिकों की मौत हो गई है और लगभग 850 कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि अकेले 2021 में लगभग 420 कर्मचारियों का कोविड -19 परीक्षण पॉजिटिव आया है।
कृष्णन ने कहा, “हमारे सभी कर्मचारी युवा हैं और वे मर रहे हैं। कारखाने में कोई सामाजिक दूरी नहीं रखी गई है। हमने प्रति घंटे उत्पादित कारों की संख्या को कम करने का सुझाव दिया था। इससे प्रति कार्य केंद्र में श्रमिकों की संख्या कम हो जाएगी। लेकिन प्रबंधन इससे सहमत नहीं हैं।”
यहां के पास रेनॉल्ट निसान ऑटोमोटिव प्लांट में लगभग 8,550 कर्मचारी / कर्मचारी / प्रशिक्षु / अनुबंध श्रमिक (लगभग 3,547 तकनीशियन / कर्मचारी, लगभग 2,000 कर्मचारी, लगभग 2,000 संविदा कर्मचारी और लगभग 1,000 प्रशिक्षु) कार्यरत हैं।
अगर कोई श्रमिकों के परिवार के सदस्यों और वेंडर कंपनियों में काम करने वालों को ध्यान में रखता है तो जोखिम वाले व्यक्तियों की कुल संख्या दो लाख हो जाएगी।
कृष्णन के मुताबिक, यूनियन ने मजदूरों का टीकाकरण या अस्पतालों में बेड की मांग कम होने तक फैक्ट्री बंद रखने का अनुरोध किया था।
हालांकि मार्च 2020 के लॉकडाउन के दौरान ऑटोमोबाइल और कंपोनेंट निर्माताओं ने काम नहीं किया, लेकिन उन्हें राज्य सरकार के साथ काम करने की अनुमति है और उन्हें निरंतर प्रक्रिया उद्योगों के तहत लाया गया है।
उद्योग के कर्मचारियों ने आईएएनएस को बताया, “पेंट की दुकान और फाउंड्री को बिना उत्पादन के जिंदा रखा जा सकता है। लेकिन कंपनियां इसके लिए राजी हैं।”
कृष्णन ने कहा कि तमिलनाडु सरकार का ऑटोमोबाइल निर्माताओं को सार्वजनिक उपयोगिता सेवा के रूप में वर्गीकृत करने का आदेश इस फरवरी को समाप्त हो गया।
कृष्णन के अनुसार, रेनॉल्ट निसान ऑटोमोटिव ने प्रति कर्मचारी 1,00,000 रुपये के मूल्य के लिए कोविड -19 को कवर करने वाली बीमा पॉलिसी ली है, न कि उनके आश्रितों के लिए।
कृष्णन ने कहा, “श्रमिकों और उनके आश्रितों के लिए 2,00,000 रुपये का सामान्य स्वास्थ्य बीमा कवर है, लेकिन कवरेज अपर्याप्त है क्योंकि कोविड -19 के लिए अस्पताल का खर्च बहुत ज्यादा है।”
संघ ने मद्रास उच्च न्यायालय में तमिलनाडु सरकार और रेनॉल्ट निसान ऑटोमोटिव के खिलाफ एक मामला दायर किया है, जिसमें पूर्व के आदेश को चुनौती दी गई है, जो कि लगातार प्रक्रिया उद्योग वाली इकाइयों को वर्गीकृत करते हैं।
अपराध
मुंबई: सीबीआई ने निजी बैंक प्रबंधक से जुड़े फर्जी खाते घोटाले में दो और लोगों की पहचान की

CBI
मुंबई: सीबीआई ने उस मामले में कथित तौर पर शामिल दो और व्यक्तियों की पहचान की है, जिसमें एजेंसी के अधिकारियों ने पिछले महीने मुंबई के एक निजी बैंक के शाखा प्रबंधक नितेश राय को फर्जी खाते खोलने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला है कि गिरफ्तार अधिकारी ने साइबर अपराधियों के साथ मिलीभगत करके अवैध रिश्वत ली और अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खाता खोलने के फॉर्म भरे, जिससे साइबर अपराध की कमाई के लेन-देन और हेराफेरी के लिए रास्ते बने।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, “उक्त मामले की जांच के दौरान, 30 अप्रैल, 2025 से 4 मई, 2025 तक, यह पता चला है कि आरोपी नितेश राय ने मुंबई स्थित बांद्रा रिक्लेमेशन शाखा के शाखा प्रबंधक के रूप में कार्य करते हुए, अवैध खातों को खोलने में सहायता की और अपने आधिकारिक कर्तव्यों के अनुचित निर्वहन के लिए एएन पठान और पीबी साहनी से अवैध रिश्वत प्राप्त की।”
जांच में यह भी पता चला है कि एक बार 2 जनवरी, 2025 को नितेश राय के एक्सिस बैंक खाते में 10,000 रुपये अवैध रिश्वत के रूप में जमा किए गए थे, जो खाता खोलने के फॉर्म को प्रोसेस करने के बदले में दिए गए थे। नितेश राय ने व्हाट्सएप चैट के माध्यम से साहनी से इस अवैध रिश्वत की मांग और उसके बाद किए जाने वाले काम के बारे में चर्चा की थी।
“मांग के अनुसार, साहनी ने पठान के माध्यम से नितेश राय के खाते में 10,000 रुपये ट्रांसफर करवाए। पठान ने मनी एक्सचेंज के जरिए भुगतान की सुविधा प्रदान की। उक्त अवैध रिश्वत मिलने पर नितेश राय ने खाता खोलने के फॉर्म भरे।” अधिकारी ने आगे कहा, “इस प्रकार पठान और साहनी ने एक लोक सेवक को उसके आधिकारिक कर्तव्यों के अनुचित निर्वहन के लिए प्रेरित किया।”
अपराध
मुंबई: फर्जी पुलिस कमिश्नर बनकर एक करोड़ की ठगी, 4 के खिलाफ मामला दर्ज

FIR
मुंबई, 22 दिसंबर : मुंबई में एक गैस डीलर से फर्जी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बनकर 1 करोड़ रुपए की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में शिकायत के आधार पर दिंडोशी पुलिस ने बीएनएस की धारा 308(4), 308(5), 308(6) और 3(5) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह पूरा मामला तब सामने आया जब पीड़ित गैस डीलर को सुरक्षित बरामद कर लिया गया।
जानकारी के अनुसार, मालाड पूर्व निवासी राहुल गुप्ता (39) भारत पेट्रोलियम गैस के बड़े डीलर हैं। 15 दिसंबर को वह बिना किसी सूचना के घर से अचानक लापता हो गए थे। उनकी पत्नी ने दिंडोशी पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। मामले की जांच में जुटी पुलिस ने 19 दिसंबर को राहुल को पालघर के दहानू रेलवे स्टेशन से सुरक्षित ढूंढ निकाला। पुलिस पूछताछ के दौरान राहुल ने जो आपबीती सुनाई, उसने सभी को हैरान कर दिया।
राहुल ने बताया कि मलाड अप्पा पाड़ा इलाके में उनका गैस गोदाम है, जहां पिछले तीन-चार वर्षों से गणपति मंडल के लिए प्रवीण खेडेकर नाम का व्यक्ति चंदा मांगने आता था। सितंबर में उसने खुद को मुश्किल में बताते हुए राहुल से 2,100 रुपए ट्रांसफर करवाए। इसके बाद सितंबर-अक्टूबर के बीच चार बार में कुल 10,600 रुपए ले लिए। कुछ दिन बाद राहुल को एक अज्ञात नंबर से फोन आया। कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस का जॉइंट सीपी बताया और आरोप लगाया कि प्रवीण खेडेकर ने हत्या की है और राहुल ने उसे सुपारी देकर भुगतान किया है।
कॉलर ने गैस डीलर को गिरफ्तारी की धमकी दी और इससे बचने के लिए तुरंत 50 हजार रुपए भेजने को कहा। डर और दबाव में राहुल ने धनजेवाड़ी बीएमसी गार्डन के पास उस शख्स को यह रुपए नकद दे दिए जिसे कथित रूप से जॉइंट सीपी का आदमी बताया गया था। इसके बाद कभी हत्या की कहानी, तो कभी पुलिस कमिश्नर से सेटिंग कराने का झांसा देकर ठगी का खेल और तेज होता गया। इसी कड़ी में अंधेरी फ्लाईओवर के पास राहुल से 7 लाख रुपए नकद ऐंठ लिए गए। बाद में फर्जी पुलिस कमिश्नर बनकर 20 लाख रुपए और मांगे गए तथा धमकी दी गई कि पैसे न दिए तो उनका एनकाउंटर कर दिया जाएगा और परिवार को नुकसान पहुंचाया जाएगा।
इसके कुछ समय बाद राहुल को अविनाश शिंदे नाम के एक कथित पुलिस अधिकारी का फोन आया, जिसने खेडेकर की हत्या केस को सेटल करने के लिए 7 लाख रुपये मांगे। इसके बाद 20 लाख रुपए की और मांग की गई। इस दौरान पीड़ित का एनकाउंटर करने और परिवार को किडनैप करने की धमकी दी गई। इन लगातार धमकियों और भय के माहौल में राहुल ने करीब 65 वर्षीय एक शख्स को अलग-अलग किश्तों में करीब 80 लाख रुपए नकद दिए। बाकी रकम उसके बैंक ऑफ इंडिया खाते से आरोपी द्वारा बताए गए कई बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी गई।
इसके बाद, 14 दिसंबर को ठगों ने जब एक और बड़ी रकम की मांग की, तो मानसिक रूप से टूट चुके राहुल बिना किसी को बताए घर से निकल गए। पुलिस को आशंका है कि वह आत्महत्या करने का विचार लेकर निकले थे। लेकिन, उसी दिन उनकी पत्नी ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और पांच दिन बाद पुलिस उन्हें पालघर क्षेत्र से खोज लाई।
राहुल का पूरा बयान दर्ज करने के बाद दिंडोशी पुलिस ने चार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 308(4), 308(5), 308(6) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अब कॉल डिटेल्स, बैंक लेनदेन और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इस संगठित ठगी में शामिल गिरोह की पहचान करने का प्रयास कर रही है।
राष्ट्रीय
मुंबई जा रही विमान तकनीकी खराबी के कारण दिल्ली लौटी, सभी यात्री सुरक्षित

नई दिल्ली, 22 दिसंबर : दिल्ली से मुंबई जा रही एयर इंडिया की उड़ान एआई887 में तकनीकी समस्या आने के बाद विमान को दिल्ली एयरपोर्ट पर वापस उतारना पड़ा।
उड़ान ने सोमवार को दिल्ली से टेक-ऑफ किया था, लेकिन कुछ ही देर बाद तकनीकी गड़बड़ी के संकेत मिलने पर फ्लाइट क्रू ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के तहत एहतियातन वापस लौटने का फैसला लिया। जानकारी के अनुसार, विमान सुरक्षित रूप से दिल्ली एयरपोर्ट पर उतारा गया और सभी यात्री व क्रू सदस्य सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए।
यात्रियों को हुई इस असुविधा के लिए एयर इंडिया ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि स्थिति पूरी तरह अप्रत्याशित थी, लेकिन यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा कंपनी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। विमान की वापस लैंडिंग के बाद तकनीकी जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और इंजीनियरिंग टीम आवश्यक निरीक्षण में जुटी हुई है।
विमान की लैंडिंग के बाद ग्राउंड स्टाफ ने दिल्ली में यात्रियों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई है। साथ ही, यात्रियों को मुंबई भेजने के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं की गई हैं। एयर इंडिया का कहना है कि यात्रियों और क्रू की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
विमान की लैंडिंग को लेकर एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत 22 दिसंबर को दिल्ली से मुंबई जाने वाली फ्लाइट एई887 के क्रू ने टेक्निकल दिक्कत के कारण टेक-ऑफ के तुरंत बाद दिल्ली लौटने का फैसला किया। दिल्ली में विमान सुरक्षित लैंड कर गया है। साथ ही, यात्रियों और क्रू को विमान से उतार लिया गया है।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि एयर इंडिया इस अप्रत्याशित स्थिति के कारण हुई असुविधा के लिए ईमानदारी से माफी मांगती है। विमान की ज़रूरी जांच की जा रही है। दिल्ली में हमारी ग्राउंड टीम यात्रियों को तुरंत मदद दे रही है और उन्हें जल्द ही उनके डेस्टिनेशन तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक इंतज़ाम किए गए हैं। एयर इंडिया में, हमारे यात्रियों और क्रू की सुरक्षा और भलाई हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
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