Connect with us
Friday,12-December-2025
ताज़ा खबर

राजनीति

चुनाव में ‘भागीदारी के स्वरूप’ पर अभी कोई फैसला नहीं : हमास

Published

on

Palestine

 इस्लामिक हमास मूवमेंट की ओर से कहा गया है कि आगामी आम चुनावों में ‘भागीदारी के स्वरूप’ के बारे में फैसला लिया जाना अभी बाकी है। हमास गाजा पट्टी को नियंत्रित करता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, हमास राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य खलील अल-हया ने बुधवार को यहां प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, “आगामी चुनावों में हमास की भागीदारी के स्वरूप के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी।”

अल-हया ने कहा, “लेजिस्लेटिव और राष्ट्रपति चुनावों में भाग लेना काहिरा वार्ता में हम जिस बात पर सहमत हैं, उस पर निर्भर करता है।” उन्होंने कहा कि चुनाव में हमास की भागीदारी के स्वरूप को लेकर संभवत: ‘कई विकल्प’ हैं।

लेकिन अल-हया ने कहा कि किसी को भी चुनाव से पीछे हटने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा कि उनका मूवमेंट चुनाव प्रक्रिया के अंत तक आगे बढ़ना चाहता है।

उन्होंने कहा, “हमास मूवमेंट चाहता है कि सभी गुट चुनाव में शामिल हों।”

हमास और फतह मूवमेंट सहित 14 फिलिस्तीनी गुटों के नेता 8 फरवरी को काहिरा में एक व्यापक राष्ट्रीय वार्ता शुरू करेंगे।

वार्ता का उद्देश्य फिलिस्तीनी क्षेत्रों में आम चुनाव कराने के मैकेनिज्म पर समझौता करना है।

15 जनवरी को, फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने फिलिस्तीनी राष्ट्रीय परिषद के लिए वोट के अलावा, विधायी और राष्ट्रपति चुनाव के लिए विशिष्ट तिथियां निर्धारित करने का फरमान जारी किया।

डिक्री के तहत 22 मई को विधायी चुनाव, 31 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव और 31 अगस्त को फिलिस्तीनी राष्ट्रीय परिषद के चुनाव होंगे।

आखिरी विधायी चुनाव फिलिस्तीनी क्षेत्रों में 2006 के अंत में हुए थे, जब हमास मूवमेंट ने बहुमत हासिल किया था।

अब्बास को 2005 में फिलिस्तीनी अथॉरिटी के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था।

राजनीति

इंडिगो पर डीजीसीए का बड़ा एक्शन, निरीक्षकों को निकाला और सीईओ को दोबारा समन किया

Published

on

नई दिल्ली, 12 दिसंबर: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बड़ा एक्शन लिया है और उन चार फ्लाइट निरीक्षकों को निकाल दिया है, जो कि इंडिगो की सुरक्षा और ऑपरेशनल मानकों के लिए जिम्मेदार थे।

डीजीसीए ने यह कदम एयरलाइन की ओर से इस महीने की शुरुआत में हजारों फ्लाइट्स रद्द करने के कारण उठाया है।

इसके अलावा विमानन नियामक ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को दोबारा समन भेजा है और उन्हें शुक्रवार को अधिकारियों के समक्ष फिर से पेश होने के लिए कहा गया है।

सूत्रों के अनुसार, निरीक्षण और निगरानी ड्यूटी में लापरवाही पाए जाने के बाद डीजीसीए ने निरीक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की है।

नियामक ने अब इंडिगो के गुरुग्राम कार्यालय में दो विशेष निगरानी दल तैनात किए हैं ताकि एयरलाइन के संचालन पर कड़ी नजर रखी जा सके।

यह दल प्रतिदिन शाम 6 बजे तक डीजीसीए को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। एक दल इंडिगो के बेड़े की क्षमता, पायलटों की उपलब्धता, चालक दल के उपयोग के घंटे, प्रशिक्षण कार्यक्रम, ड्यूटी विभाजन पैटर्न, अनियोजित अवकाश, स्टैंडबाय क्रू और चालक दल की कमी के कारण प्रभावित उड़ानों की संख्या की निगरानी कर रहा है।

यह एयरलाइन की औसत उड़ान अवधि और नेटवर्क की भी समीक्षा कर रहा है ताकि परिचालन में होने वाली बाधा के पूरे पैमाने को समझा जा सके।

दूसरी टीम यात्रियों पर संकट के प्रभाव पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसमें एयरलाइन और ट्रैवल एजेंट दोनों से रिफंड की स्थिति, नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं (सीएआर) के तहत दी जाने वाली क्षतिपूर्ति, समय पर उड़ान भरना, सामान की वापसी और समग्र रद्दीकरण की स्थिति की जांच करना शामिल है।

इंडिगो को अपने परिचालन में 10 प्रतिशत की कटौती करने का आदेश दिया गया है ताकि उड़ानों का शेड्यूल स्थिर हो सके और आगे की व्यवधानों को नियंत्रित किया जा सके।

एयरलाइन आमतौर पर प्रतिदिन लगभग 2,200 उड़ानें संचालित करती है, जिसका अर्थ है कि अब एयरलाइन प्रतिदिन 200 से अधिक उड़ानें कम भरेगी।

नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि इंडिगो द्वारा क्रू रोस्टर, उड़ान समय और संचार के कुप्रबंधन के कारण यात्रियों को “गंभीर असुविधा” का सामना करना पड़ा है।

इंडिगो के सीईओ एल्बर्स के साथ बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एयरलाइन को किराए की सीमा और प्रभावित यात्रियों की सहायता के उपायों सहित मंत्रालय के सभी निर्देशों का पालन करना होगा।

डीजीसी की जांच जारी है और इंडिगो के सीईओ को आगे स्पष्टीकरण के लिए तलब किया गया है। एयरलाइन ने 3 से 5 दिसंबर के बीच अत्यधिक देरी का सामना करने वाले यात्रियों के लिए मुआवजे की घोषणा की है।

Continue Reading

राजनीति

न्यायपालिका को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रही है भाजपा: शिवसेना (यूबीटी)

Published

on

मुंबई, 12 दिसंबर: शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से भाजपा पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। संपादकीय में शिवसेना (यूबीटी) ने आरोप लगाया गया है कि भाजपा न्यायपालिका को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रही है और संवैधानिक मुद्दों पर अदालतों का रुख बदलने में लगी है।

संपादकीय के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट दलबदल, भ्रष्टाचार और विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसे गंभीर संवैधानिक मामलों पर फैसले देने में पीछे हटता दिखता है, जबकि धार्मिक तनाव बढ़ाने वाली याचिकाओं पर अदालतें असामान्य रूप से सक्रिय दिखती हैं। शिवसेना (यूबीटी) का आरोप है कि भाजपा अदालतों और चुनाव आयोग पर दबाव बनाकर हिंदुत्व के मुद्दों को अपनी सुविधा अनुसार मोड़ रही है।

संपादकीय के मुताबिक जस्टिस स्वामीनाथन मामले ने हिंदुत्व की राजनीति को नए तरीके से भड़काया है। संपादकीय में जज जस्टिस जीआर स्वामीनाथन पर सीधा आरोप लगाया गया है कि वे भाजपा की विचारधारा से प्रभावित हैं और उनकी अदालत में उपस्थिति लोकतंत्र तथा संविधान के लिए खतरा बनती जा रही है। सर्वोच्च, उच्च और जिला अदालतों में ऐसे कई न्यायाधीश नियुक्त किए जा रहे हैं जो एक विशेष राजनीतिक विचारधारा के करीब माने जाते हैं।

संपादकीय में तो यहां तक लिखा गया है कि विपक्ष पहले ही मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ला चुका है, जिस पर सौ से अधिक सांसद हस्ताक्षर कर चुके हैं। वहीं भाजपा नेताओं (अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस) ने इस कदम को गलत बताते हुए शिवसेना सांसदों की आलोचना की है।

सामना संपादकीय में सवाल उठाया गया है कि अगर कोई न्यायाधीश हिंदुत्ववादी विचारधारा से जुड़ा है तो क्या यह उसे महाभियोग से बचा लेने का आधार बन सकता है? अदालत में जाति, धर्म और संप्रदाय को तूल देना न्यायिक परंपराओं के विरुद्ध है और मौजूदा सरकार में न्यायपालिका के कई परंपरागत प्रतीक कमजोर हुए हैं।

शिवसेना (यूबीटी) ने यह भी दावा किया है कि संघ परिवार भारत में धार्मिक तनाव बढ़ाकर राजनीतिक लाभ उठाने की रणनीति पर काम कर रहा है। संपादकीय में कहा गया है कि चुनावों से पहले योजनाबद्ध तरीके से विवाद खड़े किए जाते हैं, फिर उन मामलों को अदालतों में ले जाकर मनचाहे फैसले प्राप्त किए जाते हैं। स्वामीनाथन का हालिया फैसला भी इसी रणनीति का हिस्सा बताया गया है, जिससे ‘मंदिर बनाम दरगाह’ जैसा नया विवाद खड़ा हुआ है।

सामना संपादकीय के मुताबिक, किसी भी न्यायाधीश से अपेक्षा होती है कि वह संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के अनुरूप निर्णय दे, लेकिन स्वामीनाथन पर आरोप है कि वे संघ की विचारधारा से प्रभावित हैं और उसी आधार पर फैसला सुनाते हैं। कई पूर्व न्यायाधीश भी उनकी कार्यशैली पर आपत्ति जता चुके हैं।

संपादकीय में यह भी कहा गया कि हिंदुओं की पूजा-पद्धति पर किसी का कोई हस्तक्षेप नहीं है, इसलिए अन्य धर्मों की भावनाओं को चोट पहुंचाने की कोई आवश्यकता नहीं। मंदिर के पास दरगाह या मस्जिद होना कोई नई बात नहीं है और ऐसी स्थितियों में अदालत से संयमित निर्णय की अपेक्षा की जाती है। यदि अदालतें किसी धार्मिक संगठन की इच्छा के अनुरूप फैसले सुनाने लगेंगी, तो भविष्य में बड़े विवाद पैदा हो सकते हैं।

Continue Reading

राजनीति

शिवराज पाटिल से जुड़े दो विवाद, जब उन्हें देशभर में आलोचनाओं का करना पड़ा था सामना

Published

on

नई दिल्ली, 12 दिसंबर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह निधन हो गया है। वे अपने शांत स्वभाव और संयमित राजनीतिक शैली के लिए जाने जाते थे। हालांकि अपने लंबे राजनीतिक करियर में उन्हें अपने बयानों और लाइफ स्टाइल की वजह से कड़ी आलोचना का सामना भी करना पड़ा।

इसमें से एक विवाद शिवराज पाटिल के श्रीमद्भवत गीता को लेकर दिए बयान से जुड़ा है, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों से लेकर टीवी डिबेट तक घमासान मच गया था।

दरअसल दिल्ली में एक बुक लॉन्च इवेंट के दौरान शिवराज पाटिल ने कहा था कि जिहाद की अवधारणा केवल कुरान में ही नहीं, बल्कि गीता और ईसाइयों से जुड़े ग्रंथों में भी देखने को मिलती है। उन्होंने कहा था कि इस्लाम धर्म में जिहाद पर बहुत चर्चा होती है। तमाम कोशिशों के बाद भी अगर कोई साफ विचारों को नहीं समझता है तो ताकत का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह अवधारणा सिर्फ कुरान शरीफ में ही नहीं, बल्कि महाभारत में भी है। महाभारत में गीता के जिस हिस्से में श्री कृष्ण ने अर्जुन को धर्म के लिए युद्ध करने की प्रेरणा दी, वह भी जिहाद के समान है।” शिवराज पाटिल ने कहा था कि ईसा मसीह के तलवार उठाने का जिक्र करते हुए कहा कि आप इसे जिहाद नहीं कह सकते और आप इसे गलत नहीं कह सकते, यही बात हमें समझनी चाहिए।

उनके इस बयान पर विभिन्न धर्मों के नेताओं, सामाजिक संगठनों और विपक्षी पार्टियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ बताया। हालांकि पाटिल अपनी बात पर कायम रहे और इसे केवल धर्मग्रंथों की ‘दार्शनिक व्याख्या’ बताया था।

शिवराज पाटिल से जुड़ा दूसरा विवाद वर्ष 2008 में सामने आया था, जब दिल्ली में सीरियल बम ब्लास्ट वाली शाम को करीब चार घंटे में उन्हें तीन अलग-अलग

परिधानों में देखा गया। एक और ब्लास्ट के पीड़ित अस्पताल में तड़प रहे हैं, वहीं दूसरी ओर तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल को उनके कपड़े बदलने के लिए जमकर घेरा गया। दरअसल ब्लास्ट वाली शाम को उन्हें सबसे पहले सीडब्ल्यूसी की बैठक, फिर ब्लास्ट के बाद मीडिया से मुखातिब होते समय और इसके बाद घटनास्थल के जायजे के दौरान अलग-अलग कपड़ों में देखा गया।

इसके बाद एक टीवी इंटरव्यू में शिवराज पाटिल ने आलोचना का जवाब देते हुए कहा था, “मैं साफ-सुथरे तरीके से रहने वाला व्यक्ति हूं। अगर मैं ऐसे समय शांति से अपना काम करता हूं तो भी लोग मुझमें कमी निकालते हैं। आप नीतियों की आलोचना कीजिए, कपड़ों की नहीं।” उन्होंने कहा कि इस तरह की आलोचना राजनीतिक मर्यादा के खिलाफ है और इसका मूल्यांकन जनता करेगी।

भाजपा समेत विरोधी दलों ने पाटिल के कृत्य को असंवेदनशीलता बताया था। हालांकि बिहार के पूर्व मंत्री शकील अहमद ने कहा था कि कपड़ों पर विवाद निरर्थक है। हर इंसान को अच्छा दिखने का अधिकार है। किसी मंत्री का मूल्यांकन उसकी नीतियों और उसके काम से होना चाहिए, न कि उसकी वेशभूषा से। उन्होंने इसे बेतुका विवाद बताया था।

Continue Reading
Advertisement
राजनीति8 minutes ago

इंडिगो पर डीजीसीए का बड़ा एक्शन, निरीक्षकों को निकाला और सीईओ को दोबारा समन किया

राजनीति30 minutes ago

न्यायपालिका को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रही है भाजपा: शिवसेना (यूबीटी)

राजनीति58 minutes ago

शिवराज पाटिल से जुड़े दो विवाद, जब उन्हें देशभर में आलोचनाओं का करना पड़ा था सामना

अंतरराष्ट्रीय समाचार2 hours ago

ऑस्ट्रेलिया : रेडिट ने सरकार के अंडर-16 सोशल मीडिया बैन को हाई कोर्ट में चुनौती दी

अंतरराष्ट्रीय समाचार2 hours ago

बांग्लादेश : अवामी लीग ने चुनाव कार्यक्रम को किया खारिज, यूनुस सरकार पर लगाया पक्षपात का आरोप

राजनीति3 hours ago

ममता बनर्जी को भाजपा सांसद का जवाब- ‘उन्हें चुनाव में हार का डर, इसलिए फर्जी वोटरों को हटाने का विरोध’

राजनीति3 hours ago

पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन, मुंबई हमले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए दे दिया था पद से इस्तीफा

व्यापार4 hours ago

भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुला, मेटल स्टॉक्स में खरीदारी

अपराध4 hours ago

मुंबई: अवैध कॉल सेंटर से 5 लोग गिरफ्तार, विदेशी ग्राहकों को बेचते थे प्रतिबंधित दवाएं

राष्ट्रीय समाचार21 hours ago

आतंकवाद के लिए धन जुटाने के संदेह में ईडी और एटीएस ने महाराष्ट्र और दिल्ली में छापेमारी की।

पर्यावरण3 weeks ago

भारत स्वच्छ ऊर्जा की तरफ तेजी से बढ़ रहा, सोलर पावर के उत्पादन में दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंचा : भूपेंद्र यादव

व्यापार3 weeks ago

ईडी का बड़ा एक्शन; अनिल धीरुभाई अंबानी ग्रुप की 1,400 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त कीं

महाराष्ट्र2 weeks ago

नागपाड़ा पुनर्विकास विवाद: MHADA डेवलपर को ब्लैकलिस्ट करेगी, आपराधिक मामला भी दर्ज होगा

अंतरराष्ट्रीय समाचार3 weeks ago

दुबई एयर शो में भारतीय वायुसेना का तेजस विमान क्रैश, पायलट की मौत, कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश

बॉलीवुड3 weeks ago

अभिनेता धर्मेंद्र का निधन, 89 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

राष्ट्रीय समाचार2 weeks ago

जीएसटी सुधार से बढ़ी अर्थव्यवस्था की रफ्तार, हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स से मिले सकारात्मक संकेत : वित्त मंत्रालय

महाराष्ट्र4 weeks ago

एमपी पुलिस थाने से महाराष्ट्र ड्रग रैकेट का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार

महाराष्ट्र3 weeks ago

मुंबई: माहिम रेलवे स्टेशन के पास धारावी में भीषण आग लगी; कई धमाकों की आवाज सुनी गई

महाराष्ट्र1 week ago

मुंबई के ठग बिल्डर पिता-पुत्र करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार

महाराष्ट्र3 weeks ago

मुंबई मौसम अपडेट: शहर में धूप खिली, धुंध छाई; AQI 263 पर बरकरार, वडाला और मलाड में हवा बेहद खराब

रुझान