राजनीति
खट्टर बोले अमरिंदर से, किसानों को उकसाना बंद कीजिए
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कई ट्वीट कर पंजाब के अपने समकक्ष अमरिंदर सिंह से कहा कि वह किसानों को उकसाना बंद करें। खट्टर ने ट्वीट किया, “कैप्टन अमरिंदर जी, मैंने पहले भी कहा है और मैं फिर कह रहा हूं कि एमएसपी में अगर कोई गड़बड़ी हुई तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। इसलिए, कृपया निर्दोष किसानों को भड़काना बंद कीजिए।”
खट्टर ने उन्हें सस्ती राजनीति से बचने के लिए कहा।
खट्टर ने इस मुद्दे पर बीते तीन दिनों से पंजाब के मुख्यमंत्री पर सिर्फ ट्वीट करने और उनके साथ वार्ता से भागने का आरोप भी लगाया। खट्टर ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “मैं बीते तीन दिनों से आपसे संपर्क की कोशिश कर रहा हूं लेकिन, दुखद है कि आपने संपर्क नहीं करने का फैसला किया है। क्या किसानों के मुद्दों के लिए आप इतने ही गंभीर हैं? आप सिर्फ ट्वीट कर रहे हैं और बातचीत से बच रहे हैं, क्यों?”
सिंह पर निशाना साधते हुए खट्टर ने कहा, “आपके झूठ, धोखे और मिथ्या प्रचार का समय खत्म हुआ। अब लोगों को आपका असली चेहरा देखने दीजिए। कोरोना महामारी के दौरान लोगों की जिंदगी खतरे में डालने से रोकिए।”
खट्टर ने कहा, “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि लोगों की जिंदगी से मत खेलिए। कम से कम महामारी के दौरान सस्ती राजनीति से बचिए।”
केंद्र सरकार के कृषि से जुड़े कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली चलो का नारा बुलंद करके सड़कों पर उतर आए हैं। पुलिस और सुरक्षाबलों के साथ हरियाणा बॉर्डर पर उनकी झड़पें भी हुई हैं। एक तरफ किसान और पुलिस आमने सामने हैं तो दूसरी ओर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री ट्विटर पर टकरा रहे हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर को टैग करते हुए ट्वीट किया कि यह बहुत दुख की बात है कि संविधान दिवस पर किसानों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “उन्हें जाने दीजिए खट्टर जी। उन्हें मत धकेलिए। किसानों को अपनी आवाज शांति से दिल्ली तक पहुंचाने दीजिए।”
राष्ट्रीय समाचार
गणतंत्र दिवस समारोह, वीर गाथा का हिस्सा बने देशभर के 1.76 करोड़ छात्र
नई दिल्ली, 10 जनवरी। गणतंत्र दिवस समारोह के हिस्से के रूप में रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय ने ‘वीर गाथा’ की संयुक्त पहल की है। इसके चौथे संस्करण में इस वर्ष, लगभग 2.31 लाख स्कूलों के लगभग 1.76 करोड़ छात्रों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया है। इसके तहत राष्ट्रीय स्तर पर सौ (100) विजेताओं का चयन किया जाना है। इन्हें विशेष अतिथि के रूप में कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित किया जाएगा।
‘प्रोजेक्ट वीर गाथा’ को 2021 में भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया था। इस परियोजना का उद्देश्य वीरता पुरस्कार विजेताओं के बहादुरी भरे कार्यों और इन नायकों की जीवन से जुड़ी कहानियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह पहल छात्रों में देशभक्ति और नागरिक मूल्यों को स्थापित करने में मदद करती है।
शीर्ष 100 प्रविष्टियों को ‘सुपर-100’ विजेताओं के रूप में चुना गया। इन विजेताओं को नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक विजेता को 10,000 रुपये का नकद पुरस्कार और विशेष अतिथि के रूप में कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड देखने का अवसर मिलेगा।
100 राष्ट्रीय स्तर के विजेताओं के अतिरिक्त, राज्य स्तर पर आठ विजेताओं और जिला स्तर पर चार विजेताओं का चयन किया जाएगा। उन्हें प्राधिकारियों द्वारा सम्मानित किया जाएगा। विजेताओं को चार श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक से 25 विजेता होने हैं।
5 सितंबर 2024 को लॉन्च किए गए प्रोजेक्ट ‘वीर गाथा 4.0’ में निबंध और पैराग्राफ लेखन के लिए कई प्रेरक विषय प्रस्तुत किए गए। छात्रों को अपने चुने हुए रोल मॉडल के बारे में, विशेष रूप से वीरता पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए लिखने का अवसर मिला। उन्हें रानी लक्ष्मीबाई जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के प्रेरक जीवन, 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी विद्रोह की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया।
स्कूल स्तर की गतिविधियां 31 अक्टूबर 2024 को समाप्त हो गईं। राज्य और जिला स्तर पर मूल्यांकन के बाद राष्ट्रीय स्तर के मूल्यांकन के लिए लगभग 4,029 प्रविष्टियां भेजी गईं, जहां वीरगाथा के संस्करण 1 से संस्करण 4 तक प्रोजेक्ट की यात्रा प्रेरणादायक रही है, जिसने पूरे देश में प्रतियोगिता की पहुंच का विस्तार किया है।
राष्ट्रीय समाचार
भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद, आईटी सेक्टर में दिखी तेजी
मुंबई, 10 जनवरी। भारत के घरेलू बेंचमार्क सूचकांक हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को लाल निशान में बंद हुए। हालांकि, आईटी सेक्टर 3.44 प्रतिशत की बढ़त के बाद हरे निशान में बंद हुआ।
सेंसेक्स 241.30 अंक या 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,378.91 पर बंद हुआ और निफ्टी 95 अंक या 0.40 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,431.50 पर बंद हुआ।
निफ्टी बैंक 769.35 अंक या 1.55 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48,734.15 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,160.15 अंक या 2.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 54,585.75 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 472.80 अंक या 2.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,645.55 पर बंद हुआ।
बाजार के जानकारों के अनुसार, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों, सप्लाई से जुड़ी चिंताओं और डॉलर इंडेक्स में मजबूती के कारण घरेलू बाजार की धारणा सुस्त रही।
जानकारों ने बताया, “तीसरी तिमाही के सकारात्मक नतीजों के बाद आईटी सेक्टर के लचीलेपन के बावजूद, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और हाई-वैल्यूएशन के आसपास अनिश्चितताओं के कारण व्यापक सूचकांकों में गिरावट आई। निकट भविष्य में कंसोलिडेशन जारी रह सकता है, फिर भी निवेशक आगे के मार्गदर्शन के लिए अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल डेटा पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।”
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मजबूत तीसरी तिमाही के नतीजों के बाद आईटी क्षेत्र में खरीदारी देखी गई, जिसके शेयर 5.60 प्रतिशत बढ़कर 4,265 रुपये पर पहुंच गए।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर, 829 शेयर हरे और 3,162 शेयर लाल निशान में बंद हुए, जबकि 87 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
सेंसेक्स पैक में इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा, एक्सिस बैंक, एसबीआई, पावरग्रिड, टाटा स्टील, कोटक महिंद्रा बैंक और टाइटन टॉप लूजर्स रहे। टीसीएस, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, इंफोसिस, बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एलएंडटी और बजाज फाइनेंस टॉप गेनर्स रहे।
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 9 जनवरी को 7,170.87 करोड़ रुपये के शेयर बेचे और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 7,639.63 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
राजनीति
केंद्र सरकार ने राज्यों को जारी किए 1.73 लाख करोड़ रुपये
नई दिल्ली, 10 जनवरी। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को राज्य सरकारों को कर में हिस्सेदारी के रूप में 1,73,030 करोड़ रुपये जारी किए। यह आंकड़ा दिसंबर 2024 में जारी किए 89,086 करोड़ रुपये के हस्तांतरण से अधिक है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस महीने में किया गया अधिक हस्तांतरित राज्यों को पूंजीगत व्यय में तेजी लाने और विकास एवं कल्याण संबंधी खर्च को फाइनेंस करने में मदद करेगा।
शुक्रवार को घोषित पैकेज के तहत 26 राज्यों को पैसे जारी किए गए हैं।
इसमें पश्चिम बंगाल के लिए 13,017.06 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश के लिए 7,002.52 करोड़ रुपये, कर्नाटक के लिए 6,310.40 करोड़ रुपये, असम के लिए 5,412.38 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ के लिए 5,895.13 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश के लिए 1,436.16 करोड़ रुपये, केरल के लिए 3,330.83 करोड़ रुपये, पंजाब के लिए 3,126.65 करोड़ रुपये और तमिलनाडु के लिए 7,057.89 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश को 31,039.84 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र को 10,930.31 करोड़ रुपये, गुजरात को 6,017.99 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 13,582.86 करोड़ रुपये, मणिपुर को 1,238.9 करोड़ रुपये और मेघालय को 1,327.13 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
कर हस्तांतरण केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किए गए करों की शुद्ध आय को राज्यों को वितरित करने की प्रक्रिया है।
केंद्र सरकार वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर नियमित किस्तों में राज्यों को कर वितरित करती है।
वित्त आयोग कॉरपोरेट कर, आयकर और केंद्रीय जीएसटी सहित सभी करों की कुल शुद्ध आय में राज्यों के हिस्से की सिफारिश करता है।
15वें वित्त आयोग ने सिफारिश की थी कि केंद्र सरकार के विभाज्य कर पूल का 41 प्रतिशत 2021-26 की अवधि के लिए राज्यों को आवंटित किया जाए। इसे वर्टिकल हस्तांतरण के रूप में जाना जाता है।
इसने राज्यों के बीच धन वितरित करने के लिए मानदंड की भी सिफारिश की थी, जिसे हॉरिजॉन्टल हस्तांतरण के रूप में जाना जाता है।
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