अपराध
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने शरीफ को ‘घोषित अपराधी’ ठहराने का फैसला टाला

इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को घोषित अपराधी के तौर पर घोषित करने के फैसले को दो दिसंबर तक के लिए टाल दिया है। जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति आमिर फारूक और न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी की दो सदस्यीय खंडपीठ ने अल-अजीजिया और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला लिया।
अक्टूबर महीने में पीठ ने आगाह करते हुए कहा था कि आगे की प्रतिकूल प्रक्रिया से बचने के लिए शरीफ को 30 दिनों के अंदर आत्मसमर्पण करना होगा।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए शरीफ को 24 नवंबर तक पेश होने का आदेश दिया था। अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें अपराधी घोषित कर दिया जाएगा।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार कार्यालय ने अल-अजीजिया और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में अपील पर कार्यवाही का लिखित आदेश जारी किया था।
विदेश कार्यालय में यूरोप मामलों के निदेशक मोहम्मद मुबाशीर खान ने पीठ के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि नवाज अदालत की कार्यवाही से अवगत हैं।
उन्होंने कहा, “उद्घोषणा के बारे में स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रिंट और डिजिटल मीडिया पर खबरें आईं। उन्होंने रॉयल मेल के माध्यम से अदालत का समन भी प्राप्त किया।”
न्यायमूर्ति फारूक ने कहा, “हम संतुष्ट हैं कि नवाज की अदालत में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए हर उपाय किया गया।”
पीठ ने संघीय जांच एजेंसी के अधिकारियों – एजाज अहमद और तारिक मसूद के बयान दर्ज करने का फैसला किया और इस मामले पर अब आगे की सुनवाई दो दिसंबर के लिए निर्धारित कर दी गई है।
उसी दिन अदालत नवाज को घोषित अपराधी घोषित करने पर फैसला करेगी।
एक जवाबदेही अदालत ने नवाज को अल अजीजिया स्टील मिल्स एंड हिल मेटल इस्टैब्लिशमेंट संदर्भ में दोषी ठहराया और उन्हें 10 साल के लिए सार्वजनिक पद संभालने से अयोग्य ठहराते हुए 1.5 अरब रुपये और 2.5 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया।
एवेनफील्ड संदर्भ में नवाज को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी और उन्हें फ्लैगशिप संदर्भ में बरी कर दिया गया था।
इन संदर्भो को पनामागेट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भ्रष्टाचार निरोधी निकाय की ओर से दायर किया गया था।
चिकित्सा आधार पर अल अजीजिया संदर्भ में नवाज को पिछले साल आठ हफ्ते की जमानत दी गई थी और फरवरी में यह जमानत अवधि समाप्त हो चुकी है।
अपराध
नासिक : धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह के बाद बवाल, पथराव में कई घायल

नासिक, 16 अप्रैल। नासिक के काठे गली इलाके में मंगलवार रात पुलिस पर पथराव किया गया। यह घटना तब हुई जब क्षेत्र में बिजली कट गई और इसी अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने अचानक पुलिस और आसपास खड़े वाहनों पर पत्थर बरसाने शुरू कर000000 दिए। इस हिंसक घटनाक्रम में तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पांच वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हंगामे की वजह एक धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह बताई जा रही है।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। रात में करीब 500 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया ताकि हालात और न बिगड़ें। बताया जा रहा है कि हंगामे के समय करीब 400 से 500 लोग मौजूद थे। पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए इलाके में ट्रैफिक मार्गों में बदलाव भी कर दिए हैं। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मिलकर हालात पर कड़ी नजर रखी और रात भर गश्त जारी रही।
सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले की जड़ एक विवादास्पद धार्मिक स्थल है, जिस पर पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। नगरपालिका ने 1 अप्रैल को अदालत के आदेश के बाद एक अनधिकृत निर्माण पर नोटिस दिया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्माण को स्वयं नहीं हटाया गया तो प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। इस चेतावनी के बावजूद धार्मिक स्थल को नहीं हटाया गया, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और तमाम तरह की अफवाह फैल गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में कुछ धार्मिक स्थलों का निर्माण बिना अनुमति के किया गया था और इन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, जिसके बाद यह घटना हुई है। अगले दो दिनों में ऐसे सभी अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा। नासिक पुलिस का कहना है पुलिस पूरे इलाके में शांति बनाए रखने के लिए कार्रवाई कर रही है। पुलिस और प्रशासनिक अमले की मौजूदगी अब भी इलाके में बनी हुई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
अपराध
जयपुर: ईडी ने पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी की

जयपुर, 15 अप्रैल। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को जयपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी शुरू की। प्रताप सिंह राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
यह कार्रवाई प्रदेश के चर्चित 2,850 करोड़ रुपये के पीएसीएल घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह पर आरोप है कि घोटाले की कुछ राशि उनके पास भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 माह में लोगों को ब्याज सहित भुगतान करें। सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है।
पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे, जिसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी और सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और सेबी केस जीत गई। 17 साल तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2,850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49,100 करोड़ का निवेश किया था।
कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। इस घोटाले का पहला खुलासा जयपुर में ही हुआ था, जब 2011 में चौमू थाने में ठगी और चिट फंड एक्ट के तहत पहला केस दर्ज किया गया। मामले में प्रताप सिंह की भागीदारी 30 करोड़ के आसपास बताई जा रही है, जिसको लेकर अब ईडी जांच कर रही है।
अपराध
सलमान खान को फिर मिली जान से मारने की धमकी

मुंबई: फिल्म अभिनेता सलमान खान को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। सलमान खान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर हैं और लॉरेंस गैंग सलमान को जान से मारने की धमकी भी दे चुका है, जिसके बाद से सलमान खान को सोशल मीडिया पर लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल रूम को एक व्हाट्सएप संदेश मिला जिसमें सलमान खान को उनके घर में घुसकर जान से मारने और उनकी कार को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। यह धमकी भरा संदेश मिलने के बाद वर्ली पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धमकी का मामला दर्ज कर लिया है।
मुंबई पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि सलमान खान को धमकी देने वाला शख्स किसी गिरोह से जुड़ा है या फिर किसी ने शरारत में यह धमकी दी है। धमकी भरे संदेश के बाद पुलिस भी अलर्ट पर है। सलमान खान के घर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही सलमान खान को वाई प्लस सुरक्षा भी प्राप्त है। ऐसे में पुलिस ने भी इस धमकी को गंभीरता से लिया है।
मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पंचालकर ने भी पुलिस को धमकी भरे फोन कॉल, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर धमकी भरे संदेशों को लेकर सतर्क रहने का आदेश दिया है। मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच भी इस मामले की जांच कर रही है। सलमान खान की जान को खतरा है, इसलिए पुलिस किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है और पुलिस ने इस मामले में जांच भी शुरू कर दी है। सलमान खान को इससे पहले भी कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
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