राजनीति
आपातकाल की याद दिलाता है अर्णब के खिलाफ सत्ता का दुरुपयोग : शाह

गृहमंत्री अमित शाह ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी की बुधवार को मुंबई में हुई गिरफ्तारी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने घटना की तुलना आपातकाल से करते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया है। गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार पर भी निशाना साधा। गृहमंत्री अमित शाह ने गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार किया। रिपब्लिक टीवी और अर्णब गोस्वामी के खिलाफ राज्य की सत्ता का दुरुपयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। यह आपातकाल की याद दिलाता है।
गृहमंत्री अमित शाह के अलावा मोदी सरकार के कई अन्य वरिष्ठ मंत्रियों ने भी अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की है। सभी ने इसे प्रेस की आजादी का दमन और इमरजेंसी जैसी कार्रवाई कहा है। भाजपा ने इस मामले में बुधवार दोपहर प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर पूरे घटना पर महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। भाजपा मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि इटली माफिया सरकार महाराष्ट्र में प्रेस की आजादी पर हमला कर रही है।
राजनीति
प्रधानमंत्री मोदी ने नानाजी देशमुख को दी श्रद्धांजलि, ग्रामीण विकास और राष्ट्र निर्माण में योगदान को किया याद

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘भारत रत्न’ नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने देश के ग्रामीणों, विशेषकर वंचित समाज के सशक्तिकरण के लिए उनके समर्पण और सेवा भाव के लिए नानाजी देशमुख को याद किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “महान नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। वे एक दूरदर्शी समाज सुधारक, राष्ट्र निर्माता और आत्मनिर्भरता व ग्रामीण सशक्तिकरण के आजीवन समर्थक थे। उनका जीवन समर्पण, अनुशासन और समाज सेवा की प्रतिमूर्ति था।”
इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने भाषण का एक छोटा-सा अंश भी शेयर किया है, जिसमें वे नानाजी देशमुख के योगदान के बारे में बता रहे थे।
उन्होंने अपने भाषण में कहा था, “नानाजी देशमुख जीवन भर देश के लिए जीए। उन्होंने दीनदयाल रिसर्च इंस्टीट्यूट के माध्यम से ‘देश के लिए जीना सीखो’ और ‘देश के लिए कुछ करके रहो’ मंत्र के साथ युवा दंपतियों को आमंत्रित किया। सैकड़ों की तादाद में युवा दंपति आगे आए। नाना देशमुख ने उन्हें ग्राम विकास के काम में लगाया। नानाजी देशमुख को मंत्रिपरिषद के लिए आमंत्रित किया गया, लेकिन जयप्रकाश नारायण के कदमों पर ही नानाजी ने भी मंत्रिपरिषद में जुड़ने से इनकार कर दिया और स्वयं को राजनीतिक जीवन से निवृत करके 60 साल की उम्र के बाद, जब तक वे जीवित रहे, करीब साढ़े 3 दशक तक उन्होंने अपना जीवन चित्रकूट और गोंडा को केंद्रबिंदु बनाकर ग्रामीण विकास के लिए खपा दिया।”
प्रधानमंत्री मोदी ने नानाजी देशमुख का वक्तव्य भी सार्वजनिक किया, जो उन्होंने 20 अप्रैल 1978 में दिया था। पीएम मोदी ने लिखा, “नानाजी देशमुख लोकनायक जेपी से बेहद प्रेरित थे। जेपी के प्रति उनकी श्रद्धा और युवा विकास, सेवा और राष्ट्र निर्माण के प्रति उनके दृष्टिकोण को जनता पार्टी के महामंत्री रहते हुए उनके की ओर से दिए गए इस संदेश में देखा जा सकता है।”
अप्रैल 1978 के अपने वक्तव्य में नानाजी देशमुख ने कहा था, “युवा पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण के कार्य में सम्मिलित करने के लिए जरूरत है कि हम राजनीतिज्ञ अपने आचरण के द्वारा यह सिद्ध करें कि सत्ता हमारे लिए साध्य न होकर राष्ट्र निर्माण का एक रचनात्मक साधन है। यह तभी हो सकता है जब हममें से कुछ वरिष्ठ अनुभवी राजनेता स्वेच्छा से सत्ता को त्याग कर रचनात्मक कार्यों में जुटें। एक साधारण राजनीतिक कार्यकर्ता होते हुए भी मेरे मन में यह विचार इतना प्रबल होता जा रहा है कि अब मैं उसे दबा सकने में असमर्थ हूं।”
नानाजी ने इस मौके पर राजनीतिक कार्यों से दूर होने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, “मुझे लगता है कि जीवन के 60 वर्ष पूर्ण कर लेने के बाद भी मैं सिर्फ राजनीतिक कार्य में ही लगा रहूं, यह ठीक नहीं है। अब मुझे अपना शेष जीवन रचनात्मक कार्यों में लगाना चाहिए। हमारा राष्ट्रीय मिशन होना चाहिए ‘समग्र विकास के माध्यम से समग्र क्रान्ति।’ अब यही मेरा जीवन व्रत रहेगा। मेरे इस रचनात्मक अभियान का आधार होगा देश की युवाशक्ति। विश्वास है कि इस रचनात्मक पथ पर बढ़ते समय मेरे समस्त सहयोगियों और देश के समस्त नागरिकों का शुभ आशीर्वाद मुझे प्राप्त होता रहेगा।”
राजनीति
आरएसएस के स्मारक सिक्के और टिकट ऑनलाइन उपलब्ध

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में कोलकाता टकसाल द्वारा जारी स्मारक सिक्के आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन खरीदने के लिए उपलब्ध हैं।
भारत सरकार ने राष्ट्रीय एकता और सेवा में अपने योगदान के लिए जाने जाने वाले एक प्रमुख सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन, आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में विशेष स्मारक सिक्के और डाक टिकट जारी किए हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के माध्यम से यह घोषणा की, जिसमें आरएसएस की समर्पण और सामाजिक प्रभाव की एक शताब्दी लंबी यात्रा के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
आरएसएस की विरासत का सम्मान करने के लिए डिजाइन किए गए सिक्के, उत्साही और समर्थकों दोनों के लिए एक बहुमूल्य संग्रहणीय वस्तु बनने की उम्मीद है।
सिक्कों के साथ जारी किए गए विशेष डाक टिकट देश भर के फिलेटली ब्यूरो से प्राप्त किए जा सकते हैं, जिससे डाक टिकट संग्रहकर्ताओं और आम जनता को इस ऐतिहासिक उपलब्धि का एक अंश प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने इस उपलब्धि के महत्व पर जोर देते हुए एक्स पर कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, भारत सरकार ने सेवा, एकता और समर्पण की एक शताब्दी का सम्मान करते हुए विशेष स्मारक सिक्के और डाक टिकट जारी किए हैं।”
इस पहल की व्यापक रूप से सराहना हुई है और कई लोग इसे एक ऐसे संगठन के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि मानते हैं, जिसने एक सदी तक भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य को आकार दिया है।
डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा 1925 में स्थापित आरएसएस, एकता, अनुशासन और निस्वार्थ सेवा के मूल्यों को बढ़ावा देते हुए भारत के सबसे प्रभावशाली संगठनों में से एक बन गया है।
महाराष्ट्र
वारिस पठान को पता है नितेश राणे क्या कर रहे हैं। नितेश राणे की पठान को धमकी

मुंबई: महाराष्ट्र भाजपा नेता और मंत्री नितेश राणे ने एक बार फिर मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगला और कहा कि यह उनके पिता का पाकिस्तान और कराची नहीं, बल्कि हिंदू राष्ट्र और देव भाऊ की सरकार है। ऐसे में अगर कोई व्यवस्था और माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेगा, तो उसे जवाब दिया जाएगा। नितेश राणे ने एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा और कहा कि जिस जगह ओवैसी की रैली हुई, वह अहमदनगर नहीं, बल्कि अहलिया नगर है। सरकार ने अहमदनगर और औरंगाबाद का नाम बदल दिया है, इसके बावजूद लोग अहमदनगर को अहलिया नगर और औरंगाबाद को छत्रपति संभाजी नगर कहने से बचते हैं। ऐसे लोग भारत के संविधान को नहीं, बल्कि शरिया को मानते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ओवैसी राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेंगे, तो सरकार को यह सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा कि उन्हें रैली करने की अनुमति दी जाए या नहीं, क्योंकि वह अपनी राजनीतिक रैली के लिए यहां आते हैं।
एडवोकेट वारिस पठान को धमकी देते हुए नितेश राणे ने कहा कि वारिस पठान जानते हैं कि नितेश राणे क्या हैं। उन्होंने कहा कि वारिस पठान समय और जगह तय कर लें, नितेश राणे ज़रूर आएंगे, तब पता चलेगा कि क्या होगा। नितेश राणे ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ उकसावे का परिचय देते हुए कहा कि जब हमारे देवी-देवताओं की मूर्ति का अपमान किया जाता है और हिंसा की जाती है, तब भाईचारा कहाँ चला जाता है और भारत का संविधान कहाँ चला जाता है? उन्होंने कहा कि अगर कोई राज्य की शांति भंग करने की कोशिश करता है, तो उसे पता होना चाहिए कि यहाँ देवेंद्र फडणवीस की हिंदुत्ववादी सरकार है।
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