खेल
मुंबई: इस्लाम जिमखाना में लगा ताश पर प्रतिबंध, सदस्यों ने लगाया ‘मदरसा’ बनाने का आरोप
मुंबई के मरीन ड्राइव के किनारे बसा इस्लाम जिमखाना अचानक विवादों के घेरे में आया है। बता दें कि, यहां पिछले 129 सालों से खेल और सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते है। इस जिमखाना के प्रमुख यूसुफ अब्रहानी ने ताश समेत कार्ड के अन्य खेलों पर भी पाबंदी लगाई है। इसके बाद जिमखाना के सदस्यों ने अब्रहानी पर मदरसे का रूप देने का आरोप लगाया है।
जानकारी के मुताबिक, इस्लाम जिमखाने के अध्यक्ष यूसुफ अब्रहानी का कहना है कि, यह सदस्य ताश के खेल के आड़ जुआ और सट्टा भी खेला जाता है। जिसके चलके अब्रहानी ने कार्ड रूम को पूरी तरह से बंद कर दिया। अब्रहानी के इस फैसले का विरोध करते हुए सदस्यों ने जिमखाना के स्वछंद और खुले विचारों वाले माहौल को बदल कर मदरसे का रूप देने का आरोप लगाया।
अब्रहानी ने कहा, ‘हम यहां सभी तरह के खेलों को प्रोत्साहन देते हैं। टेनिस, बैडमिंटन, क्रिकेट, वॉलिबॉल, स्पा, स्टीम बाथ, जिम शामिल हैं। लेकिन कार्ड खेलने के नाम पर कई लोग जुए में लिप्त हैं। जो मदरसे में बदलने की बात कर रहे हैं, उन्हें बताना चाहिए कि किस मदरसे में स्पा और स्टीम बाथ की सुविधा होती है?’
सदस्य इश्तियाक अली ने सवाल उठाते हुए कहा, ‘अगर अब्रहानी को लगता है कि यहां जुआ खेला जाता है तो फिर वह पुलिस में शिकायत दर्ज क्यों नहीं करते हैं? यह एक क्लब है ना कि मदरसा। उन्हें धार्मिक कार्ड नहीं खेलना चाहिए।’
खेल
पुणे से दिल्ली तक एनसीसी का साइकिल अभियान रवाना, 27 जनवरी 2026 को होगा समापन

पुणे, 25 दिसंबर: एनसीसी निदेशालय महाराष्ट्र की ओर से आयोजित ऐतिहासिक साइकिल अभियान ‘शौर्य के कदम, क्रांति की ओर’ को गुरुवार को पुणे के ऐतिहासिक शनिवार वाड़ा से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
यह अभियान आगामी एनसीसी पीएम रैली 2026 का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका समापन 27 जनवरी 2026 को दिल्ली में प्रधानमंत्री की ओर से साइकिल रैली टीम को हरी झंडी दिखाने के साथ होगा।
इस अभियान का उद्देश्य युवाओं में राष्ट्रप्रेम, एकता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करना है। यह अभियान महान मराठा योद्धा जनरल पेशवा बाजीराव प्रथम से प्रेरित है, जिन्होंने पुणे से दिल्ली तक सफल सैन्य अभियान का नेतृत्व किया था।
उन्होंने मुगलों, पुर्तगालियों और निजाम के विरुद्ध 41 युद्ध जीतकर मराठा साम्राज्य का विस्तार किया। एनसीसी का यह साइकिल अभियान भी उसी ऐतिहासिक मार्ग की तर्ज पर लगभग 1680 किलोमीटर की दूरी तय करेगा।
अभियान के दौरान महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित पांच राज्यों से गुजरते हुए एनसीसी कैडेट्स स्थानीय युवाओं को जोड़ेंगे और सड़क सुरक्षा, फिटनेस, पर्यावरण संरक्षण, एकता और “राष्ट्र प्रथम” जैसे विषयों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
इस साइकिल अभियान टीम का नेतृत्व ब्रिगेडियर सचिन गवली, ग्रुप कमांडर, एनसीसी ग्रुप मुख्यालय अमरावती कर रहे हैं। टीम में 12 चयनित एनसीसी कैडेट शामिल हैं, जिनमें छह बालिका कैडेट भी हैं। इन कैडेट्स का चयन कठिन प्रक्रिया के बाद हुआ और उन्होंने तीन माह का गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
झंडी दिखाने से पहले कैडेट्स ने पेशवा बाजीराव के जन्मस्थान सिन्नर और पुणे के शनिवार वाड़ा में रक्तदान शिविर, वृक्षारोपण और श्रमदान जैसी सामाजिक सेवा गतिविधियां की। कैडेट्स ने शनिवार वाड़ा का लाइट एंड साउंड शो देखा और श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर में आशीर्वाद लेकर यात्रा की शुरुआत की।
इस अवसर पर मेजर जनरल विवेक त्यागी, एडीजी, एनसीसी निदेशालय महाराष्ट्र ने कैडेट्स की मेहनत और दृढ़ संकल्प की सराहना की। कार्यक्रम में उपस्थित बॉलीवुड अभिनेता विवान शाह ने भी कैडेट्स की प्रशंसा करते हुए जनता से उनके अभियान को समर्थन देने और विकसित भारत@2047 के युवा दूतों की भावना का उत्सव मनाने का आह्वान किया।
अंतरराष्ट्रीय
बांग्लादेश में यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत हिरासत में मौतों में वृद्धि, अवामी लीग ने जताई चिंता

ढाका, 24 दिसंबर : बांग्लादेश की अवामी लीग ने बुधवार को आरोप लगाया कि मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत देश भर में जेल और पुलिस कस्टडी में मौतें तेजी से बढ़ी हैं। पार्टी ने पहले भी दावा किया है कि उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेल में बंद किया जा रहा है और सुनियोजित तरीके से उन्हें मौत के घाट उतारा जा रहा है।
अवामी लीग ने यूनुस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिरासत सुरक्षा के बजाय डर का जरिया बन गई है। लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है और मृत लौटाया जा रहा है। इसे लेकर सरकार की तरफ से ना तो साफतौर पर स्थिति के बारे में बताया जा रहा है और ना ही जवाबदेही ली जा रही है। हिरासत का समय सुधार का होना चाहिए था, लेकिन सरकार की कस्टडी में लोगों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी में एक खतरनाक गिरावट देखने को मिल रही है।
अवामी लीग के मुताबिक, यह कोई मानवाधिकार का तर्क नहीं है, बल्कि मौतों का एक साफ पैटर्न है। इस पैटर्न के तहत अवामी लीग के कार्यकर्ता और नेता बार-बार पीड़ितों के बीच दिखाई दे रहे हैं।
अवामी लीग ने कहा, ”कई लोगों को राजनीतिक रूप से चार्ज किए गए मामलों में हिरासत में लिया गया, लंबे समय तक रखा गया, और सही मेडिकल केयर नहीं दी गई। उनकी मौतों को अक्सर बीमारी या आत्महत्या बताकर टाल दिया जाता है। इससे यह भावना और मजबूत होती है कि कस्टडी एक ऐसी जगह बन गई है, जहां जिम्मेदारी चुपचाप खत्म हो जाती है। यहीं पर राजनीतिक जिम्मेदारी जरूरी हो जाती है। यूनुस सरकार सकारात्मक वादा करके सत्ता में आई थी। वह उम्मीद अब झूठी साबित हुई है।”
अवामी लीग ने यूनुस पर न सिर्फ बदलाव लाने में नाकाम रहने का, बल्कि भरोसा देकर जनता को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया, “यूनुस की सरकार ने जवाबदेही के बजाय चुप्पी और जिम्मेदारी के बजाय इनकार को चुना है। इसकी वजह से ऐसा माहौल बना है, जहां बिना किसी नतीजे के गलत काम फल-फूल रहे हैं। दखल देने, जांच का आदेश देने या सुधार लागू करने से इनकार करके, यूनुस ने हिरासत में मौत को असल में सामान्य बना दिया है।”
बयान में आगे कहा गया, ”जिस चीज पर कभी गुस्सा भड़कता था, उसे अब रोज का काम माना जाता है। आज के बांग्लादेश में, गिरफ्तारी अब कानून की सुरक्षा का संकेत नहीं है। यह एक ऐसे राज्य के सामने आने का संकेत है, जिसने बंदियों को जिंदा रखने की अपनी जिम्मेदारी छोड़ दी है।”
पिछले साल के आंकड़ों का हवाला देते हुए, अवामी लीग ने बताया कि यूनुस शासन के तहत कम से कम 119 लोग जेल में मारे गए, जबकि 21 अन्य पुलिस हिरासत में मारे गए। इसके अलावा, 26 लोग गैर-कानूनी कामों में मारे गए, और 106 लोग राजनीतिक हिंसा से जुड़ी घटनाओं में मारे गए। कुल आंकड़े बांग्लादेश के अधिकारियों द्वारा हिरासत और पब्लिक ऑर्डर को संभालने में गंभीर खराबी का संकेत देते हैं।
अवामी लीग का कहना है, “इन मौतों को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ये राजनीतिक पसंद को दिखाती हैं। दखल देने, जांच करने या सुधार करने में यूनुस सरकार नाकाम रही।”
खेल
केन विलियमसन भारत के खिलाफ वनडे सीरीज का हिस्सा क्यों नहीं हैं?

SPORTS
नई दिल्ली, 24 दिसंबर: भारत के खिलाफ 3 वनडे और 5 टी20 मैचों की सीरीज के लिए न्यूजीलैंड ने अपनी टीम का ऐलान कर दिया है। वनडे टीम में पूर्व कप्तान केन विलियमसन का नाम नहीं है। विलियमसन न्यूजीलैंड क्रिकेट का सबसे बड़ा चेहरा है। टी20 सेटअप से उन्हें बाहर रखा जा रहा है, लेकिन वनडे टीम में उन्हें जगह नहीं मिलना उनके फैंस के लिए बड़े सवाल के रूप में उभरा है। आइए बताते हैं कि विलियमसन क्यों भारत के खिलाफ वनडे सीरीज का हिस्सा नहीं हैं।
केन विलियमसन न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने दुनियाभर में खेली जाने वाली टी20 लीग में अवसर तलाशने के उद्देश्य से सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर रहने का फैसला किया था। सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का सदस्य नहीं होने की स्थिति में विलियमसन यह निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं कि वे लीग क्रिकेट खेलेंगे या देश के लिए।
भारत के खिलाफ वनडे सीरीज के दौरान विलियमसन साउथ अफ्रीका टी20 लीग में खेलेंगे। वह इस लीग की नीलामी में अनसोल्ड रहे थे, लेकिन बाद में डरबन सुपर जायंट्स ने उन्हें बांग्लादेश के स्पिनर ताइजुल इस्लाम की जगह अपनी टीम में शामिल किया। साउथ अफ्रीका लीग में प्रतिबद्धता की वजह से विलियमसन भारत के खिलाफ वनडे सीरीज का हिस्सा नहीं होंगे। इसकी पुष्टि न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने की है। अगर डरबन सुपर जायंट्स ने विलियमसन को टीम में शामिल नहीं किया होता, तो निश्चित रूप से वह भारत के खिलाफ वनडे सीरीज का हिस्सा होते।
विलियमसन न्यूजीलैंड के लिए वनडे फॉर्मेट के सफलतम बल्लेबाजों में से एक हैं। 2010 से 2025 के बीच 175 वनडे मैचों की 167 पारियों में 15 शतक और 47 अर्धशतक लगाते हुए 48.69 की औसत से वह 7256 रन बना चुके हैं।
विलियमसन ने आखिरी वनडे इंग्लैंड के खिलाफ इसी साल 29 अक्टूबर को खेला था।
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