अपराध
बेंगलुरु पावर प्लांट में लगी आग में बुरी तरह झुलसे इंजीनियर की मौत
बेंगलुरु के येलहंका में 370 मेगावाट गैस बेस्ड कंबाइंड साइकल पावर प्लांट में हुई हीट ब्लास्ट के बाद आग लगने की घटना में दो इंजीनियरों में से गंभीर रूप से घायल एक इंजीनियर की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान जनरल इलेक्ट्रिक के बालाजी मुरुगन के रूप में हुई थी। उन्हें शहर के विक्टोरिया अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया था और सोमवार रात उनकी मौत हो गई।
गौरतलब है कि कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के 370 मेगावाट गैस पावर प्लांट में काम करने वाले कम से कम 15 कर्मचारी 2 अक्टूबर के दिन हुए हादसे में घायल हो गए थे।
केपीसीएल ने दावा किया था कि प्रारंभिक जांच के दौरान, यह संदेह था कि तेल रिसाव से आग लग सकती है।
बयान में कहा गया, “घटना के सही कारण का पता लगाने के लिए मूल कारण का विश्लेषण किया जा रहा है। येलहंका में कंबाइंड साइकल गैस पावर प्लांट निमार्णाधीन और कमीशनिंग चरण में है। निर्माण भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) द्वारा किया जा रहा है।”
वहीं, कर्नाटक राज्य के अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा निदेशक के. शिव कुमार ने कहा था कि येलहंका में केपीसीएल के कंबाइंड साइकल पावर प्लांट (370 मेगावाट) में हीट ब्लास्ट उस समय हुआ था, जब इंजीनियर गैस टरबाइन चैम्बर में परीक्षण कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “संयंत्र को दिसंबर में अपने संचालन को चालू करना था। पूरे दिन उन्होंने परीक्षण किया था। लेकिन जब वे परीक्षण कर रहे थे, तो दबाव में भिन्नता देखी गई थी। गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा इस संयंत्र को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की जाती है। यह घटना तब हुई जब केपीसीएल के इंजीनियर टरबाइन का परीक्षण करने के लिए कई जांच कर रहे थे।”
अपराध
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 5 साल से फरार रोहित बलारा को किया गिरफ्तार, पैरोल पर आने के बाद से था फरार

नई दिल्ली, 16 दिसंबर: दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पैरोल पर 5 साल से फरार रोहित बलारा को द्वारका से गिरफ्तार किया है। आरोपी को नेब सराय थाना क्षेत्र में 8 वर्षीय नाबालिग लड़के के साथ यौन शोषण के मामले में दोषी ठहराया जा चुका है और वह 2021 से फरार था।
पुलिस के अनुसार, रोहित बलारा को कोविड-19 महामारी के दौरान वर्ष 2021 में 90 दिनों की इमरजेंसी पैरोल दी गई थी, लेकिन पैरोल अवधि समाप्त होने के बाद उसने आत्मसमर्पण नहीं किया और फरार हो गया। जेल प्रशासन की तरफ से बार-बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद उसने आत्मसमर्पण नहीं किया और लगातार फरार चल रहा था।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी के लिए कई बार इसके घर और अन्य स्थानों पर तलाशी ली, लेकिन वो वहां नहीं मिला। पुलिस के आने की सूचना उसे पहले ही मिल जाती थी और वो फरार हो जाता था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मामला क्राइम ब्रांच को दिया गया। इस टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर गौतम मलिक ने किया। टीम ने मुखबिर की सूचना और एडवांस्ड मोबाइल सर्विलांस के माध्यम से फरार आरोपी बलारा को द्वारका से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम लगातार छापेमारी कर रही थी। बलारा पुलिस से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने भी बदल रहा था। आखिरकार टीम को पुख्ता सूचना मिली कि रोहित बलारा द्वारका में छिपा हुआ है। सूचना मिलने पर टीम ने इलाके को घेरकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि रोहित बलारा नेब सराय का ही निवासी है और उसने स्थानीय सरकारी स्कूल से सातवीं तक पढ़ाई की है। वर्ष 2019 में लंबी जांच और ट्रायल के बाद उसे दोषी ठहराते हुए साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई थी। गिरफ्तारी के साथ ही वर्षों से फरार आरोपी को भगाने में कई लोग शामिल थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है, जल्द ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। रोहित बलारा से पूछताछ भी की जा रही है, जिससे सभी लोगों का नाम जल्द से जल्द सामने आ सके।
अपराध
कर्नाटक के लोकप्रिय यूट्यूब लोक गायक और 6 अन्य लोगों के खिलाफ पॉक्सो का केस दर्ज

बागलकोट (कर्नाटक), 16 दिसंबर: कर्नाटक पुलिस ने एक नाबालिग लड़की के साथ कथित यौन उत्पीड़न के मामले में मशहूर यूट्यूब लोक गायक और 6 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। साथ ही, उन पर प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस एक्ट (पॉक्सो) भी लगाया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक, पीड़िता बेलगावी की रहने वाली है और एक ऑर्केस्ट्रा प्रोग्राम में डांस करने आई थी। यह घटना 24 अक्टूबर को हुई थी। आरोपी एक धार्मिक कार्यक्रम के मौके पर एक गांव में ऑर्केस्ट्रा प्रोग्राम में गाने आया था।
शिकायत में पीड़िता का आरोप है कि इवेंट के दौरान, आरोपी सिंगर और दूसरे लोग उसे एक लॉज में ले गए और यौन उत्पीड़न किया। पीड़िता ने आगे कहा कि आरोपी ने उसके साथ रेप किया और घटना का वीडियो भी बनाया। लड़की ने इस अपराध के लिए एक सिंगर समेत कुल सात लोगों पर आरोप लगाया है।
पीड़िता के बयान के आधार पर शिकायत शुरू में 14 दिसंबर को चिक्कोडी पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। इसके बाद, घटना की जगह के आधार पर, 15 दिसंबर को केस बागलकोट जिले के महालिंगपुरा पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया गया।
फिलहाल, महालिंगपुरा स्टेशन में आरोपी सिंगर और छह अन्य लोगों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि वे तथ्यों की जांच कर रहे हैं।
मालूम हो कि 11 दिसंबर को शिवमोग्गा की एक फास्ट-ट्रैक पॉक्सो कोर्ट ने 2023 में भद्रावती शहर में एक 17 साल की लड़की के साथ रेप और मारपीट के मामले में 21 साल के एक बदमाश को 30 साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई थी। साथ ही, दोषी पर 1.8 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
आरोपी को पीड़िता की मां की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसके खिलाफ लड़की से शादी का वादा करके रेप करने का आरोप पत्र दायर किया गया था। इससे पहले, उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था और रिहाई के बाद वह तीन अलग-अलग आपराधिक मामलों में शामिल था। पॉस्को मामले की सुनवाई के दौरान, अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में दूसरे मामलों के बारे में सबूत पेश किए थे।
11 अक्टूबर को कुंबलगोडु पुलिस ने एक 25 साल के प्राइवेट फर्म के कर्मचारी को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया। उस पर आरोप है कि उसने अपने अपार्टमेंट में एक 10 साल की लड़की का यौन उत्पीड़न किया। यह घटना तब सामने आई जब लड़की ने अपनी मां को आरोपी द्वारा की गई हरकत के बारे में बताया।
अपराध
जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग ने कई जगहों पर छापेमारी की

श्रीनगर, 16 दिसंबर: जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग मंगलवार को आतंकवाद से जुड़े एक मामले और आतंकवाद के ऑनलाइन महिमामंडन करने के सिलसिले में कश्मीर में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है।
अधिकारियों ने बताया कि काउंटर-इंटेलिजेंस कश्मीर ने आतंकवाद से जुड़े एक मामले की चल रही जांच के तहत कश्मीर घाटी में कई जगहों पर एक साथ छापेमारी की। यह मामला आतंकवाद की ऑनलाइन तारीफ और भर्ती गतिविधियों से जुड़ा है।
ये छापेमारी पुलवामा, बडगाम, कुलगाम, श्रीनगर, बारामूला, अनंतनाग और कुपवाड़ा सहित सात जिलों में 12 जगहों पर की जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि ये सर्च ऑपरेशन पुलिस स्टेशन काउंटर-इंटेलिजेंस कश्मीर में आईपीसी की धारा 153-ए और 505 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13 और 18 के तहत दर्ज एफआईआर नंबर 03/2023 के सिलसिले में उचित सर्च वारंट हासिल करने के बाद किए जा रहे हैं। यह मामला आतंकवाद से जुड़े अपराधों, खासकर ऑनलाइन आतंकवाद की विचारधारा का महिमामंडन और प्रचार करने से संबंधित है, जिसका मकसद लोगों को कट्टरपंथी बनाना और आतंकवादी संगठनों में भर्ती करना है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बल आतंकवादियों, उनके ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) और हमदर्दों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अभियान चला रहे हैं। इस रणनीति का मकसद सिर्फ हथियारबंद आतंकवादियों को निशाना बनाने के बजाय आतंकवाद के पूरे सपोर्ट सिस्टम को खत्म करना है।
नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले, ड्रग पेडलर और हवाला मनी रैकेट और दूसरी गैर-कानूनी वित्तीय गतिविधियों में शामिल लोग भी सुरक्षा बलों की नजर में हैं।
माना जाता है कि इन गैर-कानूनी गतिविधियों से मिले फंड का इस्तेमाल आखिर में जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद को बनाए रखने के लिए किया जाता है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा अंदरूनी इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए जाते हैं।
लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सीमा पार से होने वाली घुसपैठ, बाहर निकलने, ड्रग्स तस्करी और ड्रोन गतिविधियों के खिलाफ पहरा देते हैं।
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