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किस तरह गांधी द्वारा समर्थित एक हिंदी अखबार ने मॉरीशस में जगाई थी स्वतंत्रता की अलख

देश को 1947 में आजादी मिलने से 46 साल पहले महात्मा गांधी 18 दिनों के लिए मॉरीशस गए थे और अपनी इस यात्रा में उन्होंने इस द्वीपीय देश में प्रवासी भारतीय श्रमिकों के अधिकारों के लिए पहला आंदोलन शुरू किया था। भारतीय कामगारों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए उस वक्त महज 38 साल की उम्र में उन्होंने मीडिया को अपना अहम जरिया बनाया था। इसके लिए उन्होंने एक अनूठा प्रयोग करते हुए मॉरीशस में हिन्दी समाचार-पत्र ‘हिन्दुस्तानी’ शुरू कराया, जो कि शायद भारत के बाहर हिन्दी में प्रकाशित होने वाला पहला हिन्दी अखबार था। इस काम की जिम्मेदारी गांधी ने अपने मित्र मणिलाल डॉक्टर को दी और उन्हें 11 अक्टूबर, 1907 को मॉरिशस भेजा।
मॉरीशस के स्वतंत्रता आंदोलन में मीडिया, विशेष रूप से हिंदी पत्रकारिता की प्रमुख भूमिका को बताती हुई एक किताब वरिष्ठ टीवी पत्रकार सर्वेश तिवारी ने लिखी है। इस किताब का नाम ‘मॉरिशस : इंडियन कल्चर एंड मीडिया’ है। इस किताब में मॉरीशस में चलाए गए आंदोलन को बखूबी दर्शाया गया है, जिसका नेतृत्व भारतीय मूल के प्रवासी सेवूसागुर रामगुलाम ने किया था।
रोचक बात है कि तीन दशक के बाद जब मॉरीशस ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ तो यही प्रवासी मजदूर रामगुलाम मॉरीशस के पहले प्रधानमंत्री बने थे।
वैसे हिंदुस्तानी अखबार को लॉन्च करने वाले गांधी के दूत मणिलाल डॉक्टर ने बैरिस्टर होने के नाते वहां भारतीय प्रवासी श्रमिकों के नागरिक अधिकारों के लिए लड़ाई भी लड़ी।
नागरिक अधिकारों के आंदोलन को मजबूत करने के लिए मणिलाल ने ‘हिंदुस्तानी’ अखबार निकालने की शुरुआत पहले अंग्रेजी और गुजराती भाषा से की और बाद में इसे हिन्दी में निकाला। दरअसल, वहां बड़ी संख्या में भोजपुरी बोलने वाले भारतीय लोग थे। हिन्दी के इस अखबार का प्रभाव ऐसा पड़ा कि इसने तत्काल लोगों के दिलो-दिमाग पर कब्जा कर लिया।
जबकि 1900 की शुरूआत में जब यह हिन्दुस्तानी अखबार प्रेस से बाहर निकला था, उस वक्त मॉरीशस की मीडिया में फ्रेंच अखबार हावी थे। लेकिन हिन्दुस्तानी अखबार ने ऐसी ज्योत जलाई कि इसके प्रकाशन के कुछ ही सालों के अंदर मॉरीशस में दर्जन भर से ज्यादा हिंदी अखबार प्रकाशित होने लगे।
एक ओर जहां मॉरीशस में ‘हिंदुस्तानी’ के कारण हिन्दी अखबारों का दबदबा बढ़ रहा था, वहीं दूसरी ओर इस अखबार से मिल रही प्रेरणा ने प्रवासी श्रमिकों के मन में स्वतंत्रता की भावना को जगाया था। कागज और इसकी सामग्री ने भारतीय प्रवासियों को एकजुट किया और उनमें स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने का साहस जगाया।
गांधी के सिद्धांतों और भारतीय संस्कृति का असर इस देश पर ऐसा पड़ा कि अपनी स्वतंत्रता के इतने साल बाद आज भी मॉरीशस में हर क्षेत्र में भारतीयता की भावना नजर आती है।
लिहाजा इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिंह रूपन ने कहा है, “अगर हम भारत को ‘मां’ कहते हैं, तो मॉरीशस ‘बेटा’ है ..यही कारण है कि जो लोग सदियों से यहां रह रहे हैं वे अपनी जड़ों का पता लगाने के लिए उप्र और बिहार की यात्रा करना चाहते हैं।”
जाहिर है अब मन में सवाल आएगा कि उप्र और बिहार ही क्यों? दरअसल, मॉरीशस में गन्ने की फसल लगाने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार से बड़ी संख्या में भारतीय मजदूर वहां गए थे। इनमें से ज्यादातर मजदूर उत्तर भारत के भोजपुरी भाषी बेल्ट के थे।
जो आंकड़े मिले हैं उनके मुताबिक 1834 और 1923 के बीच करीब 4.50 लाख भारतीय मजदूरों को अनुबंधित श्रमिकों के रूप में मॉरीशस लाया गया था। इनमें से 1.5 लाख अपना अनुबंध खत्म होने पर भारत लौट गए, जबकि बाकी मजदूर यहीं बस गए। आज भी इस देश में इनकी करीब 12 लाख की आबादी रहती है।
इस किताब के लेखक सर्वेश तिवारी ने मॉरीशस के इतिहास और महत्वपूर्ण घटनाओं का भी जिक्र किया है। इसके साथ वहां की स्थानीय आबादी के साथ उनके संवाद और 30 सालों के दौरान मॉरीशस की ढेरों यात्राओं के अनुभव भी इस किताब में है।
बता दें कि लेखक सर्वेश तिवारी ने शीर्ष भारतीय समाचार चैनलों के साथ काम किया है और वर्तमान में वे मॉरीशस ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के साथ जुड़े हुए हैं।
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झारखंड हाईकोर्ट ने डीजीपी पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति और सरकार की नियमावली पर किया जवाब तलब

रांची, 16 जून। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति के मामले में भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और यूपीएससी सहित सभी प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का एक और मौका दिया है। मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की गई है।
चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इसके पहले इस याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई की थी और सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए 16 जून तक जवाब देने को कहा था। मरांडी ने अपनी याचिका में कहा है कि डीजीपी के पद पर गुप्ता की नियुक्ति में यूपीएससी की गाइडलाइन्स और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना की गई है।
याचिका में झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, डीजीपी चयन समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा, समिति के सदस्य पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि राज्य सरकार ने बिना किसी गंभीर आरोप के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह को कार्यकाल पूरा किए बगैर डीजीपी के पद से हटाकर इस पद पर अनुराग गुप्ता को नियुक्त कर दिया, जबकि उनका कार्यकाल 14 फरवरी 2025 तक था।
मरांडी की ओर से दायर अवमानना याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया गया है, जिसके अनुसार डीजीपी के चयन के लिए राज्य सरकार की ओर से भेजे जाने वाले आईपीएस अधिकारियों के पैनल से यूपीएससी तीन बेहतर छवि और कार्यकाल वाले नामों का चयन करता है और इसके बाद राज्य की सरकार इनमें से किसी एक को कम से कम दो वर्ष के लिए डीजीपी पद पर नियुक्त करती है।
इसी नियम के तहत राज्य सरकार ने 14 फरवरी 2023 को अजय कुमार सिंह को डीजीपी बनाया था, लेकिन उन्हें बिना किसी आरोप के कार्यकाल पूरा होने के पहले ही पद से हटा दिया गया। याचिका में प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित आदेश को दरकिनार करने और कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाया गया है। यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए जो चयन समिति बनाई है, उसमें एक संघ लोक सेवा आयोग और एक झारखंड लोक सेवा आयोग का नामित सदस्य रखना अनिवार्य है, लेकिन सरकार ने अपने ही इस नियम का अनुपालन नहीं किया। जिस चयन समिति ने डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए अनुराग गुप्ता के नाम की अनुशंसा की, उसकी बैठक में यूपीएससी और जेपीएससी का कोई सदस्य नहीं था।
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तमिलनाडु: पश्चिमी घाट क्षेत्र में लगातार बारिश से बांधों का जलस्तर बढ़ा

तिरुनेलवेली, 16 जून। दक्षिण-पश्चिम मानसून के तेज होने से तमिलनाडु के कई इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। खासकर पश्चिमी घाट क्षेत्र में बारिश ने परेशानी बढ़ा दी है। इसके कारण तिरुनेलवेली जिले के बांधों में जलस्तर काफी बढ़ गया है। पश्चिमी घाट क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण इन बांधों में जलस्तर और बढ़ने की उम्मीद है।
जानकारी के मुताबिक, पिछले तीन दिनों में पापनासम डैम का जलस्तर 6 फीट बढ़कर 130.20 फीट पर पहुंच गया है। बांध में प्रति सेकंड 5222 क्यूबिक फीट पानी आ रहा है और सिंचाई के लिए प्रति सेकंड 1400 क्यूबिक फीट पानी छोड़ा जा रहा है।
पिछले तीन दिनों में सर्वलार डैम का जलस्तर 10 फीट बढ़कर 142.12 फीट पर पहुंच गया। मणिमुथर डैम का जलस्तर 94 फीट पर है, जिसमें 619 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड का इनफ्लो और सिंचाई के लिए 75 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड का आउटफ्लो है।
इसके पहले बारिश के चलते तमिलनाडु के कोयंबटूर में आयोजित होने वाला लोकप्रिय इकोटूरिज्म कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। ये कार्यक्रम हर शनिवार, रविवार और त्यौहारी छुट्टियों पर आयोजित होता है, जिसके लिए पर्यटकों को पहले से बुकिंग करानी पड़ती है।
कोयंबटूर जिले के मेट्टुपलायम में भवनिया नदी पर स्थित पिल्लूर डैम के जलाशय क्षेत्र परालीकाड में 2007 से लगातार इकोटूरिज्म कार्यक्रम रखा जाता है, जो 14 जून को रद्द कर दिया गया। मौसम विभाग ने कोयंबटूर और नीलगिरी जिलों में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी। मौसम का ऑरेंज अलर्ट जारी होने के बाद वन विभाग ने कार्यक्रम रद्द करने का फैसला लिया।
इकोटूरिज्म का मुख्य आकर्षण डैम के जलाशय में स्थानीय नावों से की जाने वाली यात्रा है, जो जंगल के बीच झील जैसा दृश्य पेश करती है। पर्वतीय चोटियों और घने जंगलों के बीच बसे इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को खूब लुभाती है। हालांकि, भारी बारिश की संभावना के चलते एहतियातन 14 और 15 जून को इकोटूरिज्म कार्यक्रम को रद्द करने की घोषणा की गई।
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मुंबई पुलिस के डीसीपी का आंतरिक तबादला: दत्ता नलावडे को जोन 10 और असलम शेख को जोन 6 में तैनात किया गया

मुंबई: मुंबई पुलिस में आंतरिक तबादले किए गए हैं, जिसके तहत कृष्णकांत उपाध्याय को जोन 3 में स्थानांतरित किया गया है, वे पहले पुलिस मुख्यालय 1 में थे। डीसीपी डिटेक्शन दत्ता नलावड़े को जोन 10 और सचिन गंजाल को प्रिवेंटिव में स्थानांतरित किया गया है। महेश चामटे को प्रोटेक्शन से जोन 12, जोन 6 नुनाथ धुले को एंटी नारकोटिक्स सेल, जोन 7 विजय कांत सागर को सी प्रोटेक्शन पोर्ट जोन, प्रशांत परदेसी मंत्रालय से ट्रैफिक साउथ, निमित गोयल को एलए से एसटीएफ ईओडब्ल्यू, जोन 3 दत्तात्रे कांबले को एसबी 1, पुरुषोत्तम कराड साइबर क्राइम, असलम शेख को जोन 6 में स्थानांतरित किया गया है। राकेश ओला को जोन 7, राज तिलक रोशन को डिटेक्शन क्राइम ब्रांच, डीसीपी.
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