राजनीति
74वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण, कहा अगले साल मनाएंगे महापर्व

Prime Minister Narendra Modi.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा कि अगले वर्ष हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे। एक बहुत बड़ा पर्व हमारे सामने है। आजादी के जब 75 वर्ष पूरे होंग तब उसे संकल्पों की मूर्ति के महापर्व के रूप में मनाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान देश के शहीदों को याद किया। प्रधानमंत्री ने 74 वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण की शुरूआत कोरोना वारियर्स के प्रति आभार जताते हुए की। उन्होंने कहा, कोरोना के इस असाधारण समय में सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी जैसे अनेकों लोग चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण अर्पण नहीं हुआ हो। आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग बलिदान और मां भारती को आजाद कराने का समर्पण है। आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों को, वीर शहीदों को नमन करने का ये पर्व है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई में बेस्ट पोल में ‘ठाकरे ब्रांड’ चमकने में नाकाम; उद्धव-राज का गठबंधन शून्य पर गिरा, शशांक राव के पैनल को 14 सीटें, प्रसाद लाड के पैनल को 7 सीटें मिलीं

मुंबई: आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों से पहले एक बड़े झटके में, राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच बहुप्रचारित गठबंधन शर्मनाक तरीके से समाप्त हो गया है।
वर्षों में पहली बार एक साथ चुनाव लड़ते हुए, ठाकरे बंधुओं ने प्रतिष्ठित बेस्ट वर्कर्स को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के चुनावों में अपना संयुक्त ‘उत्कर्ष पैनल’ उतारा था। लेकिन यह गठबंधन एक भी सीट हासिल करने में नाकाम रहा, जिससे शहर के श्रमिक संघों और नगरपालिका की राजनीति पर कभी छाए रहे ‘ठाकरे ब्रांड’ को झटका लगा।
मंगलवार देर रात घोषित नतीजों में प्रतिद्वंद्वी पैनलों ने क्लीन स्वीप किया। शशांक राव के गुट ने 21 में से 14 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा नेता प्रसाद लाड के ‘श्रमिक पैनल’ को सात सीटें मिलीं। ठाकरे बंधुओं का संयुक्त मोर्चा खाता भी नहीं खोल पाया। यह हार विशेष रूप से प्रतीकात्मक है क्योंकि ठाकरे परिवार की कामगार सेना का बेस्ट यूनियन पर वर्षों से दबदबा रहा है, जिससे निकाय चुनावों से पहले सोसाइटी के चुनाव उनकी संयुक्त ताकत का लिटमस टेस्ट बन गए।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन पर राजनीतिक गलियारों में कड़ी नज़र रखी जा रही थी। उनके साथ आने को बीएमसी चुनावों के लिए एक ट्रायल के रूप में देखा गया था, जहाँ दोनों गुट एकता दिखाने और मुंबई के राजनीतिक परिदृश्य में अपना प्रभाव फिर से स्थापित करने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन, इस अपमानजनक हार ने इस बात पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या ठाकरे का नाम अब भी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के बीच उतना ही लोकप्रिय है।
अपने पैनल के प्रदर्शन से खुश प्रसाद लाड ने सोशल मीडिया पर ठाकरे बंधुओं का मज़ाक उड़ाया। लाड ने कभी ताकतवर रहे ठाकरे परिवार पर तीखा तंज कसते हुए लिखा, “ब्रांड के मालिक एक भी सीट नहीं जीत पाए। हमने उन्हें उनकी जगह दिखा दी।”
इस नतीजे का महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों पर भी असर पड़ने की उम्मीद है। ठाकरे परिवार, जिन्होंने इस मुकाबले को अपनी एकता और ताकत का प्रदर्शन बताया था, के लिए इस हार ने कड़े मुकाबले वाले बीएमसी चुनावों में उनकी कड़ी चुनौती पेश करने की क्षमता को लेकर अटकलों को जन्म दे दिया है।
राजनीति
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किए तीन अहम बिल, विपक्ष ने किया विरोध

नई दिल्ली, 20 अगस्त। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद के मानसून सत्र में तीन अहम बिल पेश किए। उनकी ओर से पेश किए गए बिल में मुख्य रूप से संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, संघ राज्य क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल है।
केंद्रीय मंत्री ने यह बिल पेश करते हुए कहा कि भारत के संविधान का संशोधन करने वाले विधेयक को पुनर्स्थापित करने की अनुमति दी जाए। मैं प्रस्ताव करता हूं कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम का संशोधन करने वाले विधेयक को पुनर्स्थापित करने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा, मैं यह भी प्रस्ताव करता हूं कि संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम 1963 का संशोधन करने वाले विधेयक को पुनर्स्थापित करने की अनुमति दी जाए।
लोकसभा में इन तीनों बिलों को पेश करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने इसे संयुक्त संसदीय समिति में भेजने की सिफारिश की। इस बिल को लेकर संसद में विपक्षी दलों की ओर से विरोध किया गया। यही नहीं, विपक्षी दलों ने इस बिल पर रोष प्रकट करते हुए इसकी कॉपी फाड़कर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंक दी।
वहीं, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि जब अमित शाह को गिरफ्तार किया गया था, तो क्या उन्होंने अपनी नैतिकता दिखाई थी? इस पर अमित शाह ने कहा कि जब मुझे झूठे मामले में गिरफ्तार किया गया था, तो मैंने इस्तीफा देकर अपनी नैतिकता दिखा दी थी। कोर्ट से निर्दोष साबित नहीं होने तक मैंने किसी भी संवैधानिक पद की जिम्मेदारी ग्रहण नहीं की थी।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से लोकसभा में पेश किए गए बिल का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर कोई केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य का मुख्यमंत्री या किसी केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री किसी आपराधिक मामले में आरोपी पाया जाता है, तो उसे तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना होगा। लेकिन, केंद्रीय मंत्री की ओर से पेश किए गए इस बिल का विपक्ष की ओर से विरोध किया जा रहा है।
राजनीति
पूर्व भाजपा सांसदों ने कहा, ‘साजिश के तहत सीएम रेखा गुप्ता पर हुआ हमला

नई दिल्ली, 20 अगस्त। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार को जनसुनवाई के दौरान हुए हमले को लेकर भाजपा के पूर्व सांसदों ने इसे साजिश करार दिया है। भाजपा के पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी ने इसे साजिश बताया, जबकि विजय गोयल ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि पुलिस जांच कर रही है और मुख्यमंत्री जल्द काम पर लौटेंगी।
रमेश बिधूड़ी ने मीडिया से बातचीत में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले को एक साजिश करार देते हुए कहा कि रेखा गुप्ता जनता से सीधे मिल रही हैं, जिसे विरोधी दल पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि जांच में यह सामने आएगा कि हमलावर किसी न किसी राजनीतिक दल का कार्यकर्ता होगा।
उन्होंने कहा कि इसे सुरक्षा में चूक नहीं कह सकते हैं, क्योंकि जनसुनवाई में सीएम अपनी इच्छानुसार लोगों से मिल रही थी।
भाजपा नेता योगिता सिंह ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले की निंदा करते हुए इसे सोची-समझी साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि सीएम रेखा गुप्ता जनसुनवाई के दौरान जनता से सीधे संवाद कर रही थीं, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ रही थी, और विरोधी इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। स्वाभाविक है कि यह हमला साजिश और राजनीति से प्रेरित है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने रेखा गुप्ता पर हुए हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी निंदा की। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और सीएम रेखा गुप्ता साहसी हैं, जो लगातार दिल्ली की जनता के लिए काम कर रही हैं। गोयल ने विश्वास जताया कि रेखा गुप्ता जल्द ही अपने काम पर लौटेंगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला करने वाले की पहचान गुजरात के राजकोट निवासी राजेश भाई खिमजी भाई सकारिया के रूप में हुई है। वह 41 साल का है। पुलिस आरोपी को पकड़ सिविल लाइंस थाने लाई है। पुलिस हमले के कारणों का पता लगाने के लिए हमलावर से पूछताछ कर रही है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में गुजरात पुलिस से संपर्क किया है।
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