राजनीति
रक्षा उपकरणों के मैन्यूफैक्चरिंग का नया हब बनेगा उत्तर प्रदेश

डिफेंस इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर (डीआईसी) के जरिये उत्तर प्रदेश, रक्षा विनिर्माण क्षेत्र का नया मैन्यूफैक्चरिंग हब बनेगा। छह जिलों के 50 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे पर बनने वाले कॉरिडोर का सर्वाधिक लाभ, प्रदेश के सबसे पिछड़े इलाकों में शुमार बुंदेलखंड को मिलेगा।
कॉरिडोर की स्थापना लखनऊ , कानपुर, आगरा, झांसी, चित्रकूट और अलीगढ़ जनपदों में की जा रही है। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में अलीगढ़, कानपुर, झांसी एवं चित्रकूट जिलों में 1,289 हेक्टेयर से भी ज्यादा भूमि डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना के लिए अधिग्रहित हो चुकी है। अतिरिक्त भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। यही नहीं अलीगढ़ में अधिग्रहित भूमि निवेशकों को आंवटित कर दी गई है। डीआईसी को गति देने के लिए गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेवल टेक्नॉलाजी एक्सीलेरशन कौंसिंल का ऑनलाइन लोकार्पण किया।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, “उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना छह जिलों के 5,072 हेक्टेयर क्षेत्रफल में की जा रही है। इस कॉरिडोर का सबसे अधिक लाभ बुंदेलखंड को होगा। झांसी में 3,025 हेक्टेयर, कानपुर में 1,000 हेक्टेयर, चित्रकूट में 500 हेक्टेयर और आगरा में 300 हेक्टेयर भूमि पर कॉरिडोर के नोड्स स्थापित किये जा रहे हैं। इसके अलावा लखनऊ और अलीगढ़ इस कॉरिडोर के विशेष हिस्से होंगे। राज्य में में स्थापित रक्षा उद्योग कॉरिडोर एक ‘ग्रीन फील्ड’ परियोजना है, जिसके तहत रक्षा उत्पादन क्षेत्र की इकाइयों को और सुढृढ़ करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अनेक प्रोत्साहन एवं सब्सिडी की व्यवस्था की है।”
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में प्रदेश सरकार घरेलू रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार बड़े कदम उठा रही है। इसी क्रम में प्रदेश में पहली बार फरवरी 2020 में आयोजित हुए डेफ एक्सपो-2020 में 50,000 करोड़ रुपये के मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग(एमओयू) हस्ताक्षरित हुए थे। इसके तहत विभिन्न संस्थाओं ने प्रदेश के रक्षा क्षेत्र में निवेश करने में विशेष रुचि ली है।
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देने के लिए और घरेलू रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, मालवाहक विमान, पारंपरिक पनडुब्बियां, तोपें, कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और क्रूज मिसाइलों समेत 101 सैन्य उपकरणों, हथियारों और वाहनों के आयात पर 2024 तक रोक लगाई है। अब इनका निर्माण घरेलू स्तर पर किया जाएगा। प्रदेश की रक्षा विनिर्माण क्षेत्र से जुड़ी औद्योगिक इकाइयों के प्रोत्साहन में केंद्र सरकार का यह फैसला मील का पत्थर बनेगा। इस निर्णय से अगले कुछ वर्षो में घरेलू रक्षा उद्योग को लगभग 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कार्य मिलेंगे। स्वाभाविक है कि इसका सबसे अधिक लाभ उत्तर प्रदेश को मिलेगा।
डीआईसी में भारतीय नौसेना के प्रतिभाग करने से उद्योग, एमएसएमई एवं स्टार्ट-अप उद्योगों का खरीददारों से सीधा सम्पर्क होगा। इसके परिणामस्वरूप वे भारतीय नौसेना के जरूरतों को पूर्ण करने में सुगमता होगी। इस योजना के माध्यम से स्वदेशीकरण में सुगमता के साथ ही साथ डिफेन्स उत्पादन इको सिस्टम में और भी उद्योग जुड़ेंगे। यूपीडा ने आईआईटी, बीएचयू एवं कानपुर के सहयोग से ‘सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स’ की स्थापना की है, जो भारतीय नौसेना के सहयोग से उद्योग-विद्या संस्थान एवं उपभोक्ताओं के बीच एक मजबूत कड़ी का काम करेगा।
राजनीति
बिहार चुनाव : सुपौल के पिपरा विधानसभा में जदयू-राजद की राह नहीं होगी आसान

पटना, 2 अक्टूबर : बिहार के सुपौल जिले में स्थित पिपरा विधानसभा क्षेत्र राज्य की राजनीति के लिए काफी अहम मानी जाती है। इस सीट की अहमियत इस बात से लगाई जा सकती है कि यहां जदयू की मजबूत स्थिति के बावजूद विपक्ष का भी दबदबा रहा है।
बिहार में 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई। 2010 में इस सीट पर पहली बार विधानसभा चुनाव हुए और उस दौरान जदयू की सुजाता देवी ने 14,686 वोटों से जीत हासिल की। हालांकि, 2015 के चुनाव में यह सीट जदयू के हाथों से निकल गई और राजद के यदुवंश कुमार यादव ने भाजपा के विश्व मोहन कुमार को 36,369 वोटों से मात दी। 2020 में फिर से यहां परिवर्तन हुआ और जदयू ने जीत दर्ज की।
पिपरा की राजनीति में एक खास बात यह है कि कोई भी पार्टी लगातार तीन चुनावों में एक ही उम्मीदवार को टिकट नहीं दे पाई है। पिछले तीन चुनावों में पार्टी के साथ-साथ जीतने वाला उम्मीदवार भी अलग ही रहा है। 2020 विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव 2024 में यहां जीतने वाली पार्टी का दबदबा रहा है।
पिपरा विधानसभा क्षेत्र कोसी नदी के तट पर स्थित है, जिसके कारण यहां हर साल बाढ़ का खतरा बना रहता है। कोसी नदी इस क्षेत्र के लिए वरदान और अभिशाप दोनों है। यह नदी जहां कृषि के लिए उपजाऊ भूमि प्रदान करती है, वहीं बाढ़ के रूप में तबाही भी लाती है। इसके बावजूद, यहां धान, मक्का और जूट जैसी फसलों की बड़े पैमाने पर खेती होती है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था का आधार है। हालांकि, क्षेत्र की भौगोलिक-आर्थिक स्थिति और बुनियादी ढांचे की चुनौतियां इसे विकास में पीछे रखती हैं।
सड़क, बिजली और स्वच्छ पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी भी यहां के निवासियों के लिए बड़ी समस्या है। कृषि-आधारित उद्योगों की कमी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के सीमित अवसरों के कारण युवाओं का पलायन एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है।
सुपौल जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दक्षिण में स्थित पिपरा के आसपास के प्रमुख क्षेत्रों में मधेपुरा (40 किमी), सहरसा (50 किमी), बनमंखी (60 किमी), और पूर्णिया (70 किमी) शामिल हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, 2020 के विधानसभा चुनाव में पिपरा में 2,89,160 रजिस्टर्ड मतदाता थे, जिनमें 16.70 प्रतिशत मुस्लिम और 14.65 प्रतिशत अनुसूचित जाति के मतदाता शामिल थे। इसके अलावा, यादव मतदाता भी क्षेत्र में बड़ी संख्या में हैं, जो चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
पिपरा में जदयू की मजबूत पकड़ के बावजूद आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में राजद-नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन से उन्हें कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस कमिश्नर देविन भारती ने दशहरा विजयादशमी पर शस्त्र पूजा की

मुंबई: दशहरे के अवसर पर आज मुंबई पुलिस कमिश्नर देविन भारती द्वारा मुंबई पुलिस में शस्त्र और गोला-बारूद की पूजा की गई। देविन भारती के साथ संयुक्त पुलिस आयुक्त (प्रशासन) जयकुमार, अतिरिक्त आयुक्त वनिता साहू, डीसीपी (जोन एलवी) रागसुधा आर, डीसीपी (एलए-नायगांव) आनंद भूते और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
दशहरे पर मुंबई के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में भी शस्त्र और गोला-बारूद की पूजा की गई। मुंबई शहर में पुलिस ने दशहरे के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे, इसके साथ ही पुलिस ने दुर्गा देवी के विसर्जन की भी व्यवस्था की थी। मुंबई पुलिस कमिश्नर ने शस्त्र पूजा के बाद शस्त्र पूजा की तस्वीरें अपने एक्स अकाउंट पर शेयर की हैं। नायगांव में शस्त्र पूजन समारोह आयोजित किया गया
अपराध
मुंबई क्राइम: कांदिवली के डेवलपर पर ₹4.07 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला दर्ज

मुंबई: कांदिवली पुलिस ने एक स्थानीय डेवलपर के खिलाफ 4.07 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। डेवलपर की पहचान जयंत मेहता के रूप में हुई है, जो समाजदीप बिल्डिंग, बाटा शोरूम लेन, कांदिवली (पश्चिम) में रहता है।
रियल एस्टेट एजेंट दिनेश दयालाल वडोदरिया (74) द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, आरोपी ने शिवमहल बिल्डिंग, दानविभवन चॉल, मथुरादास रोड, कांदिवली (पश्चिम) स्थित 11 कमरों के पुनर्विकास के दस्तावेज़ दिखाकर कथित तौर पर उनके साथ धोखाधड़ी की। आरोपी ने शिकायतकर्ता को परियोजना के लिए धन मुहैया कराने पर लाभदायक रिटर्न का आश्वासन दिया।
इन आश्वासनों पर विश्वास करके, वडोदरिया ने ₹2.89 करोड़ नकद और ₹1.18 करोड़ चेक के माध्यम से, कुल मिलाकर ₹4.07 करोड़ का निवेश किया। हालाँकि, न तो पुनर्विकास परियोजना पूरी हुई और न ही शिकायतकर्ता को कोई रिटर्न मिला, जिसके कारण मामला दर्ज किया गया।
कथित धोखाधड़ी मथुरादास रोड, व्हाइट आर्च बिल्डिंग, कांदिवली (पश्चिम) में हुई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। आगे की जाँच जारी है।
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