राजनीति
रिया ने मीडिया ट्रायल को अनुचित बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर की

दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर की है। इसमें रिया ने कहा है कि मामले में उसका गलत तरीके से मीडिया ट्रायल चलाया जा रहा है और उसे सुशांत की मौत का दोषी ठहराया जा रहा है। रिया ने शीर्ष अदालत से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि उसे इस साल के अंत में होने वाले बिहार चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक एजेंडे के तहत बलि का बकरा न बनाया जाए।
याचिका में कहा गया है कि बिहार पुलिस द्वारा सीबीआई को जांच स्थानांतरित करना गैरकानूनी है। हालांकि, याचिकाकर्ता ने दोहराया कि अगर अदालत ने इस मामले को सीबीआई को भेजा, तो भी उसे कोई आपत्ति नहीं है, मगर कानूनी तौर पर अधिकार क्षेत्र मुंबई में अदालतों के पास रहना चाहिए, न कि पटना में।
रिया ने दलील दी कि अभिनेता आशुतोष भाकरे और समीर शर्मा ने भी पिछले 30 दिनों में सुशांत की तरह आत्महत्या कर ली थी, लेकिन इन दोनों मामलों के बारे में मीडिया में कानाफूसी भी नहीं हुई।
मामले पर सुनवाई मंगलवार के लिए सूचीबद्ध है। इससे पहले, रिया ने शीर्ष अदालत का रुख किया था, ताकि उनके खिलाफ दर्ज मामला पटना से मुंबई स्थानांतरित किया जा सके।
रिया द्वारा दायर अतिरिक्त हलफनामे में कहा गया है, अभिनेता आशुतोष भाकरे (32) और समीर शर्मा (44) ने भी कथित तौर पर पिछले 30 दिनों में आत्महत्या कर ली थी, लेकिन सत्ता के गलियारों में इन मामलों के बारे में कानाफूसी भी नहीं हुई है।
रिया ने बिहार पर चुनाव के मद्देनजर राजनीति का आरोप लगाया और साथ ही सुशांत मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री को पटना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु की दुखद घटना बिहार में चुनाव के मद्देनजर उठाई जा रही है और इस मुद्दे को मीडिया में अनुपात से बाहर उठाया जा रहा है।
रिया ने यह भी कहा कि मीडिया चैनल सभी गवाहों की जांच और जिरह कर रहे हैं। याचिकाकर्ता को पहले से ही मीडिया द्वारा दोषी ठहराया गया है और सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु में फोल-प्ले की स्थापना की गई है।
हलफनामें में कहा गया है कि रिया के अधिकारों का चरम आघात और उनकी निजता का उल्लंघन किया जा रहा है।
रिया ने शीर्ष अदालत से यह भी कहा कि उन्हें राजनीतिक एजेंडे का बलि का बकरा बनाने के बजाए सुरक्षा दी जानी चाहिए।
राष्ट्रीय समाचार
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद रक्षा बजट में वृद्धि संभव, आधुनिक तकनीक और हथियारों पर भारत का फोकस

नई दिल्ली, 16 मई। पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर से दहलाने के बाद केंद्र सरकार रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपए की वृद्धि कर सकती है। रक्षा मंत्रालय की ओर से सरकार को फंड बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है, जिसे संसद के नवंबर-दिसंबर के दौरान शीतकालीन सत्र में मंजूरी मिल सकती है।
मिडिया की एक रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस साल के अंत में पूरक बजट के माध्यम से अतिरिक्त धनराशि आवंटित किए जाने की उम्मीद है, जिससे संभवतः कुल रक्षा व्यय पहली बार 7 लाख करोड़ रुपये के पार चला जाएगा।
1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट में पहले ही रक्षा के लिए रिकॉर्ड 6.81 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के 6.22 लाख करोड़ रुपये से 9.2 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।
यदि अतिरिक्त आवंटन को मंजूरी मिल जाती है, तो यह सैन्य आधुनिकीकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की रणनीतिक प्राथमिकता को और अधिक रेखांकित करेगा।
सूत्रों ने बताया कि अतिरिक्त धनराशि को अनुसंधान और विकास, उन्नत हथियारों की खरीद, गोला-बारूद के भंडार की पुनःपूर्ति और अत्याधुनिक सैन्य हार्डवेयर के अधिग्रहण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लगाया जाएगा।
इस प्रस्ताव को शीतकालीन सत्र के दौरान संसद की मंजूरी के लिए पेश किए जाने की संभावना है।
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की शुरुआत से ही रक्षा खर्च में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है।
2014-15 में रक्षा मंत्रालय को 2.29 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। मौजूदा बजट न केवल उस आंकड़े को छोटा करता है, बल्कि सभी मंत्रालयों में सबसे बड़ा आवंटन भी दर्शाता है, जो राष्ट्रीय बजट का 13 प्रतिशत है।
प्रस्तावित वृद्धि का संकेत पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की निर्णायक सैन्य प्रतिक्रिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद मिला है।
पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाकर किए गए इस ऑपरेशन ने भारत की बढ़ती सैन्य क्षमताओं और रणनीतिक संकल्प को प्रदर्शित किया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भारतीय सेना के स्वदेशी रक्षा प्रणालियों को उन्नत तकनीकों के साथ एकीकृत करने की ओर भी ध्यान आकर्षित किया है।
विशेष रूप से, इस ऑपरेशन ने भारत की एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत को प्रदर्शित किया, जिसमें स्वदेशी आकाश मिसाइल प्रणाली भी शामिल है, जिसकी तुलना अक्सर इजरायल के आयरन डोम से की जाती है।
इससे संबंधित एक घटनाक्रम में, भारत ने भार्गवस्त्र नामक एक नए ड्रोन-रोधी हथियार का भी परीक्षण किया। इसे ‘हार्ड किल’ मोड में संचालित करने वाले कम लागत वाले काउंटर-ड्रोन सिस्टम के रूप में डिजाइन किया गया है, यह हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए माइक्रो-रॉकेट का उपयोग करता है।
इस सिस्टम का इस सप्ताह की शुरुआत में ओडिशा के गोपालपुर में सीवर्ड फायरिंग रेंज में सफल परीक्षण किया गया था।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली-एनसीआर की बिगड़ी हवा : मुंडका में एक्यूआई 400 पार, नोएडा की भी स्थिति खराब

नई दिल्ली, 16 मई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार को धूल भरी आंधी के बाद वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) बिगड़ गई है। दिल्ली में शुक्रवार सुबह 7 बजे तक औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 अंक पर बना हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एक्यूआई के बारे में जानकारी दी है।
केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राजधानी दिल्ली में शुक्रवार सुबह 7 बजे तक औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 अंक पर बना हुआ है, जबकि एनसीआर के शहर गुरुग्राम में 294, फरीदाबाद में 288, गाजियाबाद में 283, ग्रेटर नोएडा में 256, नोएडा में 289 अंक पर बना हुआ है।
दिल्ली के मुंडका इलाके में सबसे अधिक 419 और वजीरपुर में 422 एक्यूआई दर्ज किया गया है। इसके अलावा, राजधानी के 21 इलाकों में एक्यूआई लेवल 300 से ऊपर और 400 के बीच में बना हुआ है।
सीपीसीबी के मुताबिक, अलीपुर में 352, आनंद विहार में 362, अशोक विहार में 328, आया नगर में 328, मथुरा रोड में 344, डीटीयू में 365, द्वारका सेक्टर 8 में 388, दिलशाद गार्डन में 334, जहांगीरपुरी में 353, नरेला में 311, नॉर्थ कैंपस डीयू में 324, एनएसआईटी द्वारका में 355, ओखला में 322, पंजाबी बाग में 311, पटपड़गंज में 321, रोहिणी में 338, शादीपुर में 326, सिरी फोर्ट में 355, सोनिया विहार में 302, विवेक विहार में 324 अंक पर एक्यूआई बना हुआ है।
इसके अलावा, दिल्ली के 12 इलाकों में एक्यूआई लेवल 200 से ऊपर और 300 के बीच में बना हुआ है। बवाना में 289, बुराड़ी क्रॉसिंग में 243, डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज में 290, आईजीआई एयरपोर्ट में 240, आईटीओ में 218, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 260, लोधी रोड में 277, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 249, मंदिर मार्ग में 241, नजफगढ़ में 271, नेहरू नगर में 264, उषा में 261, आरके पुरम में 265, श्री अरविंदो मार्ग में 293 अंक पर वायु गुणवत्ता सूचकांक बना हुआ है।
दिल्ली-एनसीआर में हाल ही में धूल भरी आंधी और धुंध की स्थिति देखी गई। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने बताया कि यह स्थिति दबाव ढाल (प्रेशर ग्रेडियंट) में अंतर के कारण उत्पन्न हुई है। राजस्थान में उच्च तापमान के कारण दबाव कम हो रहा है, जबकि अन्य क्षेत्रों में दबाव बढ़ रहा है। इस दबाव अंतर के कारण धूल भरी हवाएं दिल्ली-एनसीआर तक पहुंची।
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि पश्चिमी राजस्थान में धूल भरी आंधी की संभावना है, जबकि पंजाब और हरियाणा में इसका असर कम हो सकता है।
राष्ट्रीय समाचार
गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भुज एयरबेस का करेंगे दौरा

नई दिल्ली, 16 मई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर गुजरात पहुंचेंगे। वे भुज एयरबेस भी जाएंगे । रक्षा मंत्री भारत-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र का भी दौरा करेंगे।
सिंह से इस क्षेत्र में भारतीय सशस्त्र बलों की तैयारियों का मूल्यांकन करने और पाकिस्तान की असफल ड्रोन घुसपैठ के बाद मजबूत सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता की जांच करने की उम्मीद है।
सैन्य तनाव के बीच, पाकिस्तानी सेना ने ड्रोन का उपयोग करके भारत के भुज को निशाना बनाने का प्रयास किया था।
हालांकि, भारत के सुरक्षा बलों ने वायु रक्षा प्रणालियों की सहायता से पाकिस्तान के बार-बार हमलों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया। आखिरकार, लगातार सैन्य असफलताओं का सामना करने और कोई सफलता नहीं मिलने के बाद, पाकिस्तान ने युद्धविराम की घोषणा की।
भुज रुद्र माता वायु सेना स्टेशन भुज में स्थित भारतीय वायु सेना का प्रमुख एयरबेस है।
स्टेशन का रनवे नागरिक भुज हवाई अड्डे के साथ साझा होता है और यह दक्षिण पश्चिमी वायु कमान (एसडब्ल्यूएसी) के तहत कार्य करता है।
भुज एयरफोर्स स्टेशन, जिसमें 27 विंग स्थित है, भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट होने के कारण वायु रक्षा और निगरानी के लिए एक महत्वपूर्ण बेस है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह पंजाब के आदमपुर एयरबेस का दौरा किया।
आदमपुर एयरबेस के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री को वायुसेना अधिकारियों ने जानकारी दी और ऑपरेशन में शामिल कर्मियों से बातचीत की थी।
आदमपुर एयरबेस भारतीय वायुसेना की पश्चिमी वायु कमान के अंतर्गत आता है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ सहित कई सैन्य अभियान पश्चिमी वायु कमान द्वारा संचालित किए गए थे। पश्चिमी वायु कमान प्रमुख एयर मार्शल जीतेंद्र चौधरी वायुसेना प्रमुख के समन्वय में मिशन की निगरानी कर रहे थे।
पश्चिमी वायु कमान भारतीय वायुसेना की सबसे महत्वपूर्ण परिचालन कमानों में से एक है, जो जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित एक विशाल और रणनीतिक क्षेत्र को कवर करती है।
इस क्षेत्र में कुछ सबसे संवेदनशील सीमाएं और अग्रिम एयरबेस शामिल हैं, जो इसे पाकिस्तान से जुड़ी किसी भी हवाई सैन्य कार्रवाई का केंद्र बनाते हैं।
राजनाथ सिंह ने हाल ही में भारत की पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी। पाकिस्तान से सटे राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती इलाके पश्चिमी सीमा का हिस्सा हैं।
देश की सीमाओं की सुरक्षा पर केंद्रित सुरक्षा समीक्षा बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), सेना और नौसेना प्रमुखों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में पश्चिमी सीमाओं पर सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर स्थित आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय इलाकों में ड्रोन हमले किए, जिसमें 300 से 400 ड्रोन भेजे गए। हालांकि, भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने इन ड्रोन को प्रभावी ढंग से मार गिराया, जिससे पाकिस्तान को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। इस झटके के बाद पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का आह्वान किया और कहा कि वह सीमा पार से आगे गोलीबारी नहीं करेगा।
रक्षा मंत्री की यात्रा पाकिस्तान और उसके सहयोगियों को स्पष्ट संदेश देती है: भारतीय एयरबेस पर पाकिस्तानी ड्रोन हमलों का कोई असर नहीं हुआ है, बल्कि पाकिस्तान को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। पाकिस्तान के ड्रोन बेअसर रहे हैं। भारत ने पाकिस्तान के ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया, लेकिन भारतीय एयरबेस पूरी तरह से चालू और सुरक्षित हैं। इसी तरह की एक घटना में, पाकिस्तानी सेना ने पंजाब के आदमपुर एयरबेस को ड्रोन से निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत की मजबूत वायु रक्षा प्रणाली ने हमलों को निष्क्रिय कर दिया।
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