राजनीति
एआई ने विरोध के बावजूद कर्मचारी भत्तों में 50 प्रतिशत तक कटौती की
राष्ट्रीय कैरियर एयर इंडिया ने कर्मचारियों के लगातार भारी विरोध के बावजूद भत्तों में 50 प्रतिशत तक की भारी कटौती कर दी है। आधिकारिक आदेश के अनुसार, यह कदम नागरिक उड्डयन मंत्रालय के निर्देश पर उठाया गया है और इसे एयर इंडिया लिमिटेड के निदेशक मंडल ने मंजूरी दी है। भत्तों का युक्तिकरण पहली अप्रैल, 2020 से लागू होगा और एयर इंडिया बोर्ड की समीक्षा तक लागू रहेगा।
यह सभी कर्मचारियों के लिए भत्तों में कटौती की गई है। यह कटौती मात्र पायलट और अन्य फ्लाइंग स्टाफ के लिए नहीं है।
वेतन और भत्ते (आईडीए, एचआरए और बेसिक पे से संबद्ध अन्य भत्ते) यथावत रहेंगे।
डीपीई भत्तों के अलावा अन्य भत्तों में कटौती की दर स्वीकृत भत्ते का 40 प्रतिशत होगी। इसमें फ्लाइंग अलाउंस, एक्जक्यूटिव फ्लाइंग अलाउंस, स्पेशल पे वाइड बॉडी अलाउंस, डोमेस्टिक लेओवर अलाउंस, चेक अलाउंस, इंस्ट्रक्टर अलाउंस, एक्जामिनर अलाउंस और अतिरिक्त लैंडिंग अलाउंस शामिल हैं।
फ्लाइंग अलाउंस का भुगतान किसी पायलट द्वारा एक महीने में उड़ान के वास्तविक घंटों पर किया जाएगा। हालांकि किसी विशेष मामले में उड़ान के लिए उपलब्ध सभी पायलटों को वित्त वर्ष 2020-21 की प्रथम तिमाही और दूसरी तिमाही के दौरान महीने में 20 घंटे की उड़ान या वास्तविक उड़ान घंटों, जो भी अधिक होगा, के लिए संशोधित उड़ान भत्ता दर पर भुगतान किया जाएगा।
सिमुलेटर ट्रेनिंग अवधि के लिए उड़ान भत्ते के संशोधित दर पर भुगतान किया जाएगा। एक महीने में 70 घंटे से अधिक के ओवरटाइम की दर उड़ान भत्ते की संशोधित दर का 125 गुना होगी। जबकि भारत के बाहर के केंद्रों पर लेओवर अलाउंस का भुगतान अधिसूचित सरकारी दरों के अनुसार किया जाएगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक जनवरी, 2016 के पत्र के अनुसार, अन्य लागू शर्ते और जुर्मानें यथावत रहेंगे।
सामान्य श्रेणी के अधिकारियों के लिए वेतन और भत्ता (बेसिक पे से संबद्ध बेसिक, आईडीए और एचआरए) अपरिवर्तित रहेगा। हालांकि अन्य भत्तों में 50 प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी।
सामान्य श्रेणी के स्टाफ के लिए भत्तों में 30 प्रतिशत तक कटौती की जाएगी और ऑपरेटरों के लिए भी इतनी ही कटौती की जाएगी। स्थाई और अनुबंध वाले केबिन क्रू के लिए भत्तों में 20 प्रतिशत तक कटौती की जाएगी।
उपरोक्त सभी भत्तों का भुगतान वास्तविक उड़ान पर घटाई गई दर पर किया जाएगा।
फ्लाइंग केबिन क्रू सहित सभी श्रेणी के कर्मचारियों के लिए विदेश यात्रा भत्ता/विदेश दैनिक भत्ता का भुगतान विदेश मंत्रालय के 21 सितंबर, 2010 के आदेश के अनुरूप अधिसूचित सरकारी दरों के आधार पर किया जाएगा। उड़ान क्रू के लिए लेओवर भत्ता भी उसी अनुरूप संशोधित रहेगा।
जिन कर्मचारियों (स्थायी और एफटीसी दोनों) का सकल वेतन 25,000 रुपये प्रति माह तक है, उनके वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
पर्यावरण
दिल्ली में आज हो सकती है क्लाउड सीडिंग, प्रदूषण कम करने के लिए तैयारियां पूरी

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आज क्लाउड सीडिंग की जा सकती है। मौसम विभाग के अनुसार यदि विजिबिलिटी (दृश्यता) ठीक रहती है तो कानपुर से क्लाउड सीडिंग करने वाला एयरक्राफ्ट उड़ान भरेगा। इसका उद्देश्य कृत्रिम वर्षा के माध्यम से हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों में कमी लाना है, जिससे दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार हो सके।
इससे पहले बुराड़ी और खेरा के बीच क्लाउड सीडिंग की परीक्षण उड़ान की जा चुकी है, जिसमें तकनीकी टीमों ने मौसम की परिस्थितियों का मूल्यांकन किया था। बताया जा रहा है कि यह उड़ान सफल रही, जिसके बाद अब वास्तविक प्रयोग की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में बताया था कि बुराड़ी क्षेत्र में कृत्रिम वर्षा के लिए विशेषज्ञों ने गुरुवार को परीक्षण किया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम वर्षा कराने की तैयारी पूरी हो चुकी है। यह प्रयोग राजधानी की हवा को स्वच्छ करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह पहल केवल तकनीकी दृष्टि से ऐतिहासिक नहीं है, बल्कि यह दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए वैज्ञानिक तरीका स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का लक्ष्य राजधानी की हवा को स्वच्छ और पर्यावरण को संतुलित बनाना है।
सरकार के अनुसार यह प्रयास केवल वर्तमान तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि भविष्य को भी ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की जा रही हैं।
क्लाउड सीडिंग का यह प्रयोग भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के सहयोग से किया जा रहा है।
बता दें कि वायु प्रदूषण ने राजधानी और आसपास के इलाकों की सांसें फिर से रोक दी हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह-शाम के समय बाहर जाने से बचने, मास्क पहनने और इनडोर एयर क्वालिटी बनाए रखने की सलाह दी है।
यदि आज मौसम ने साथ दिया तो दिल्ली में कृत्रिम बारिश का पहला सफल प्रयास भी साबित हो सकता है और प्रदूषण से जूझ रही राजधानी को थोड़ी राहत भी मिलेगी।
महाराष्ट्र
मुंबई मौसम अपडेट: बारिश से हवा साफ होने के बाद शहर ने राहत की सांस ली, कुल AQI 64 पर मध्यम बना हुआ है; IMD ने आगे और बारिश की चेतावनी दी

मुंबई: रात भर हुई भारी बारिश के बाद, मंगलवार को मुंबई में आसमान साफ़ और तेज़ धूप खिली, जिससे निवासियों को दिवाली के बाद की धुंध से राहत मिली। हालाँकि, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आगाह किया है कि यह सुहावना मौसम ज़्यादा देर तक नहीं रहेगा, इसलिए शहर में आज और अगले दो दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, दिन में बाद में मध्यम बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
आईएमडी के अनुसार, अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचने की उम्मीद है, जबकि न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास गिर सकता है। दिवाली के तुरंत बाद हुई बेमौसम बारिश ने शहर को अस्थायी रूप से ठंडा कर दिया है और वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार किया है, जो प्रदूषण और स्थिर हवाओं के कारण खराब हो गई थी।
AQI.in के रीयल-टाइम आंकड़ों से पता चला है कि मंगलवार सुबह मुंबई का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 64 रहा, जो इसे मध्यम श्रेणी में रखता है, जो पिछले सप्ताह दर्ज किए गए अस्वस्थ स्तरों से स्पष्ट सुधार है। स्वच्छ हवा ने राहत की सांस ली, धुंध छंट गई और शहर के अधिकांश हिस्सों में दृश्यता में सुधार हुआ।
शहर के निगरानी केंद्रों में, जोगेश्वरी में सबसे ज़्यादा 83 AQI दर्ज किया गया, उसके बाद कोलाबा (82), वडाला ट्रक टर्मिनल (75), चेंबूर (73) और बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (72) का स्थान रहा। हालाँकि शुरुआती घंटों में कुछ इलाकों में धुंध छाई रही, लेकिन शहर के ज़्यादातर हिस्सों में हवा काफ़ी ताज़ा रही।
दूसरी ओर, कई इलाकों में हवा असाधारण रूप से साफ़ रही। मुलुंड पश्चिम 48 AQI के साथ सूची में सबसे ऊपर रहा, उसके बाद कांदिवली पूर्व (50), मलाड पश्चिम (52), भांडुप पश्चिम (53), और परेल-भोईवाड़ा (55) का स्थान रहा, जो सभी “अच्छे” से “मध्यम” श्रेणी में रहे।
AQI.in के वर्गीकरण के अनुसार, 0-50 के बीच की रीडिंग “अच्छी” हवा, 51-100 “मध्यम”, 101-150 “खराब”, 151-200 “अस्वास्थ्यकर” और 200 से ऊपर “गंभीर” से “खतरनाक” हवा को दर्शाती है।
इस बीच, आईएमडी ने बताया कि सोमवार शाम को मुंबई के कुछ इलाकों में तेज़ हवाओं और गरज के साथ बारिश जारी रही। मुंबई और आसपास के जिलों, ठाणे, पालघर और रायगढ़ के लिए 30 अक्टूबर तक येलो अलर्ट जारी रहेगा।
मौसम विभाग ने बेमौसम बारिश के लिए अरब सागर के ऊपर बने ऊपरी हवा के चक्रवाती परिसंचरण को ज़िम्मेदार ठहराया है। यह अलर्ट मराठवाड़ा, उत्तरी महाराष्ट्र, विदर्भ और कोंकण क्षेत्रों में भी जारी किया गया है, जिसमें गरज के साथ बारिश, बिजली गिरने और 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएँ चलने की चेतावनी दी गई है।
राष्ट्रीय समाचार
एलआईसी-अदाणी रिपोर्ट के समय पर विशेषज्ञों ने उठाए सवाल, कहा- बिहार चुनाव से पहले विवाद पैदा करने की कोशिश

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: अदाणी ग्रुप में एलआईसी के निवेश को लेकर हाल ही में आई ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट पर विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं और कहा है कि यह आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विवाद पैदा करने की कोशिश है।
जानकारों ने आगे कहा कि यह रिपोर्ट राजनीतिक रूप से प्रेरित लगती है,क्योंकि यह ऐसे समय पर आई है, जब भारत की अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है और बाजार में निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है।
इस मुद्दे पर कमेंट करते हुए, इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रमण्यन ने मिडिया को बताया कि भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी द्वारा निवेश निर्णयों का राजनीतिकरण निवेशकों या व्यापक अर्थव्यवस्था के हितों में नहीं है।
उन्होंने पूछा, “जब विदेशी निवेशक भारतीय कंपनियों में निवेश कर सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं, तो एलआईसी ऐसा क्यों नहीं कर सकती?”
अमेरिकी मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने एलआईसी पर अदाणी ग्रुप में 3.9 अरब डॉलर निवेश करने का दबाव बनाया, जिसमें मई 2025 में किया गया 568 मिलियन डॉलर (5,000 करोड़ रुपए) का भी निवेश शामिल है।
विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेशक भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों से लगातार लाभ कमा रहे हैं, इसलिए एलआईसी के निवेश पर सवाल उठाना तर्कसंगत नहीं लगता है और इसका उद्देश्य संभवतः घरेलू संस्थानों को कमजोर करना है।
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने अदाणी ग्रुप को टारगेट करने के विदेशी नैरेटिव की आलोचना की। उन्होंने आगे कहा कि कुछ समय पहले इस तरह के हमले शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की ओर से किए गए थे, जो बाद में आधारहीन साबित हुए।
उन्होंने मिडिया से बातचीत करते हुए कहा, “भारतीय कंपनियों को हिट एंड रन करने की विदेशी नीति, देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा सकती है।”
पूनावाला ने कहा कि एलआईसी 57 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्तियों को मैनेज करता है, जिसमें से 14.5 लाख करोड़ रुपए इक्विटी में लगे हुए हैं।
वहीं, अदाणी ग्रुप में एलआईसी का एक्सपोजर करीब 56,000 करोड़ रुपए का है, जो कि उसके कुल पोर्टफोलियो का 1 प्रतिशत से भी कम है।
उन्होंने आगे कहा कि अदाणी ग्रुप के निवेश से एलआईसी को अब तक केवल फायदा हुआ है।
एलआईसी ने पहले ही वाशिंगटन पोस्ट के लेख का आधिकारिक खंडन जारी कर दिया है और स्पष्ट रूप से इसे “झूठा, निराधार और सच्चाई से कोसों दूर” बताया है।
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