खेल
मुश्ताक अहमद का आरोप, धर्म के कारण मेरे साथ भेदभाव हुआ

हॉकी इंडिया (एचआई) के पूर्व अध्यक्ष मुश्ताक अहमद ने खेल मंत्रालय पर भारत के 2011 के राष्ट्रीय खेल विकास संहिता के आवेदन में पक्षपात करने और धर्म के कारण उनके साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है। अहमद ने सात जुलाई को अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। एचआई के कार्यकारी बोर्ड ने शुक्रवार को बैठक रखी थी और मणिपुर के ज्ञानेंद्र निंगोमबाम को अपना नया अध्यक्ष चुना था।
लेकिन इसके एक सप्ताह बाद ही अहमद ने खेल मंत्रालय को लिखे पत्र में आरोप लगाते हुए कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय का होने के कारण उन्हें निशाना बनाया गया और उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि उनका नाम मोहम्मद मुश्ताक अहमद है।
खेल सचिव रवि मित्तल को लिखे पत्र में अहमद ने कहा कि वह एक अल्पसंख्यक समुदाय से हैं, इसलिए उन्हें पद से हटना पड़ा जबकि अन्य राष्ट्रीय खेल महासंघों के अध्यक्षों को खेल संहिता के कथित उल्लंघन के बावजूद उन्हें उनके पद पर बने रहने दिया जा रहा है।
अहमद ने अपने पत्र में लिखा, “मैं अपनी भावना को बयां करना चाहता हूं कि खेल मंत्रालय के इस फैसले से मेरे खिलाफ गलत इरादा है क्योंकि हॉकी इंडिया का अध्यक्ष अल्पसंख्यक समुदाय से हैं, जबकि सुधांशु मित्तल, राजीव मेहता और महासचिव आनंदेश्वर पांडे (मैं अलग से हैंडबॉल चुनाव के मुद्दों को साझा करूंगा) जैसे नामों के साथ जो क्रमश: खो खो, तलवारबाजी और हैंडबॉल में खेल संहिता के उल्लंघन के बावजूद अपने पद पर बने हुए हैं। इससे मुझे लगता है कि मेरा नाम मोहम्मद मुश्ताक अहमद होने से समस्या है।”
अहमद ने अपने पत्र की एक कॉपी केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू को भी भेजा है। खेल मंत्रालय ने पिछले सप्ताह ही कहा था कि उनका 2018 का चुनाव खेल संहिता का उल्लंघन था।
खेल मंत्रालय ने छह जुलाई को अपर सचिव राजू बग्गा के एक पत्र के माध्यम से कहा था, ” यह पाया गया है कि मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने इससे पहले 2010 से 2014 तक हॉकी इंडिया में कोषाध्यक्ष के रूप में और 2014 से 2018 तक महासचिव के रूप में काम किया था। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष के रूप में मोहम्मद मुस्ताक अहमद का मौजूदा कार्यकाल 2018 से 2022 तक का था, जोकि हॉकी इंडिया में एक पदाधिकारी के रूप में उनका लगातार तीसरा कार्यकाल है। इस तरह हॉकी इंडिया के अध्यक्ष के रूप में उनका चुनाव राष्ट्रीय खेल संघों के पदाधिकारियों की आयु और कार्यकाल को सीमित करने वाले सरकारी दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं है।”
उन्होंने कहा, “तदनुसार, हॉकी इंडिया को मोहम्मद मुश्ताक अहमद को अध्यक्ष के पद को त्यागने और शेष पद के लिए 30.09.2020 तक अध्यक्ष के पद के लिए नए सिरे से चुनाव करने की सलाह देने के लिए निर्देशित किया गया है अर्थात 30.09.2022 तक और विभाग को सूचित करें।”
अहमद ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि मित्तल और मेहता को भी भारतीय खो खो महासंघ और भारतीय तलवारबाजी संघ से अपने पदों से उसी आधार पर पद छोड़ने के लिए कहा जाना चाहिए, जिस आधार पर उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा गया था।
अहमद ने कहा, ” उनमें से एक अध्यक्ष ने दावा किया है कि वह राष्ट्रीय राजनीतिक दल के प्रतिनिधि के रूप में उत्तर पूर्व राज्यों के प्रभारी रहे हैं। कोई भी उनका कुछ नहीं कर सकता है।”
खेल
पीएसएल 17 मई से फिर शुरू होगा, फाइनल 25 मई को

नई दिल्ली, 13 मई। पीएसएल 2025, 17 मई से फिर शुरू होगा और फाइनल 25 मई को खेला जाएगा। हालांकि अभी तक मैचों के कार्यक्रम और स्थानों के बारे में कोई आधिकारिक फैसला नहीं आया है, लेकिन इस ऐलान से यह साफ हो गया है कि लीग अपने मूल कार्यक्रम से एक हफ्ता देरी से खत्म होगी।
पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नकवी ने अपने एक्स (पहले ट्विटर) एकाउंट पर यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “पीएसएल वहीं से शुरू होगा जहां रुका था। 6 टीमें बिना किसी डर के फिर से अपना खेल शुरू करेंगी। 17 मई से शुरू होने वाले आठ रोमांचक मैचों के लिए तैयार हो जाइए, जिसका समापन 25 मई को ग्रैंड फाइनल के साथ होगा। सभी टीमों को शुभकामनाएं!”
पीसीबी जल्द ही आगे की जानकारी जारी करेगा। हालांकि नकवी के ट्वीट में आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन उम्मीद है कि बाकी मैच पाकिस्तान में ही खेले जाएंगे। भारत के साथ बढ़ते सीमा पार तनाव के कारण लीग को स्थगित कर दिया गया था। पीसीबी और कई फ्रेंचाइजी जल्द से जल्द सीजन को खत्म करने के लिए उत्सुक हैं।
पीएसएल ने सोमवार को फ्रेंचाइजी के साथ विशिष्ट तारीखोंऔर स्थानों पर चर्चा करने के लिए बैठकें कीं। सबसे अहम मुद्दा विदेशी खिलाड़ियों की उपलब्धता है, क्योंकि ईएसपीएन क्रिकइंफो को मिली जानकारी के अनुसार, उनमें से कई के वापस आने की संभावना नहीं है। खिलाड़ियों की उपलब्धता में असमानता का असर टीमों पर भी पड़ सकता है, क्योंकि कई फ्रेंचाइजी विदेशी खिलाड़ियों पर अधिक निर्भर हैं। इससे निपटने के लिए पीसीबी ने खिलाड़ियों की कमी को पूरा करने के लिए एक रिप्लेसमेंट ड्राफ्ट पर भी विचार किया है।
इससे यह भी साफ हो गया है कि बांग्लादेश का पाकिस्तान दौरा अपने मूल कार्यक्रम के अनुसार नहीं होगा। पीएसएल का फाइनल उस दिन होगा, जब बांग्लादेश को फैसलाबाद में पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलना था। बीसीबी ने कहा है कि इस दौरे के बारे में “सक्रिय बातचीत” चल रही है।
खेल
भारत-पाक तनाव के बीच पीसीबी ने तत्काल प्रभाव से पुरुष घरेलू टूर्नामेंट स्थगित किए

लाहौर, 10 मई। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने भारत के साथ सीमा पार बढ़ते तनाव के कारण देश में सभी पुरुष घरेलू टूर्नामेंटों को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने की शनिवार को घोषणा की।
“पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पुष्टि करता है कि देश में मौजूदा सुरक्षा स्थिति के कारण चल रहे प्रेसिडेंट्स ट्रॉफी ग्रेड-II, क्षेत्रीय अंतर-जिला चैलेंज कप, अंतर-जिला अंडर-19 वनडे टूर्नामेंट को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है।”
पीसीबी ने शनिवार को अपने आधिकारिक बयान में कहा, “टूर्नामेंट बाद में उसी चरण से फिर से शुरू होंगे और फिर से शुरू होने के करीब एक संशोधित कार्यक्रम साझा किया जाएगा।”
इससे पहले शुक्रवार को, जब बीसीसीआई ने सीमावर्ती क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के कारण आईपीएल 2025 को एक सप्ताह के लिए रोक दिया था, तो पीसीबी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ द्वारा दी गई सलाह का हवाला देते हुए पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के चल रहे संस्करण को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की घोषणा की थी।
टूर्नामेंट के स्थगित होने की खबर पीसीबी द्वारा दावा किए जाने के कुछ घंटों बाद आई कि वह यूएई में टूर्नामेंट के शेष आठ मैचों की मेजबानी करने जा रहा है, हालांकि संगठन ने उन पुनर्निर्धारित मैचों की तारीखों या स्थानों को निर्दिष्ट नहीं किया।
रावलपिंडी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास एक फूड स्ट्रीट पर ड्रोन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद पीएसएल का भविष्य काफी अनिश्चितता में आ गया था, जिसके परिणामस्वरूप गुरुवार को पेशावर जाल्मी और कराची किंग्स के बीच मैच अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था।
जम्मू और कश्मीर के एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों की गोली मारकर हत्या किए जाने के दो सप्ताह बाद, भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई और निर्देशित की गई है। पाकिस्तान ने शुक्रवार को भारतीय सीमावर्ती शहरों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के अन्य सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हवाई हमले जारी रखे। लेकिन भारत की रक्षा प्रणालियों ने इन सभी हमलों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी ड्रोन के निशाने पर थे निर्दोष नागरिक, भारतीय सेना ने मार गिराया

नई दिल्ली, 10 मई। भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर दिया है। पाकिस्तान ने हमला ड्रोन के जरिए शनिवार की सुबह किया। हालांकि, पहले से सतर्क भारतीय सेना के आगे पाकिस्तान की एक नहीं चली और उसके ड्रोन जमीन पर औंधे मुंह गिरे।
बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान की सेना ने विस्फोटकों से भरे ड्रोन भारतीय आबादी क्षेत्र में भेजे थे। इनका मकसद पंजाब में सामान्य नागरिकों के ठिकानों पर हमला करना था। पाकिस्तान के ड्रोन भारत में ज्यादा से ज्यादा सामान्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। लेकिन, पाकिस्तान के नापाक मंसूबे को भारतीय सेना ने पूरी तरह से विफल कर दिया।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के सुबह लगभग पांच बजे, पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार पंजाब के अमृतसर की ओर कई कामिकेज ड्रोन भेजे। कामिकेज ड्रोन एक खतरनाक आत्मघाती मानव रहित हवाई वाहन होते हैं। ये ड्रोन विस्फोटक के साथ उड़ान भरते हैं। पेलोड यानी विस्फोटक समेत ड्रोन अपने लक्ष्य से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे गए इन ड्रोनों का लक्ष्य भारत में अमृतसर की घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों पर हमला करना था। हालांकि, भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली की सतर्कता और तेज प्रतिक्रिया के चलते, ये ड्रोन भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही कुछ ही क्षणों में पहचान लिए गए। सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने इन्हें ट्रैक किया और तुरंत ही नष्ट कर दिया।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा क्षेत्र में तैनात त्वरित प्रतिक्रिया वाली वायु रक्षा तोपों का उपयोग कर गनर्स ने इन ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया। इन पाकिस्तानी ड्रोन का मलबा अमृतसर के रिहायशी इलाकों में नहीं गिरा और कोई जनहानि नहीं हुई।
रक्षा जानकार बताते हैं कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि इन ड्रोनों में उच्च विस्फोटक सामग्री थी। पाकिस्तानी ड्रोन में मौजूद इस विस्फोटक सामग्री का उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को अधिकतम क्षति पहुंचाना था। यह पाकिस्तान की ओर से उकसावे की एक नई और गंभीर हरकत मानी जा रही है।
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