अपराध
पाकिस्तान द्वारा किए गए संघर्षविराम उल्लंघनों में पिछले 6 महीनों में 14 भारतीयों की मौत
murder
सरकार ने शुक्रवार को कहा है कि पिछले छह महीनों में पाकिस्तान ने 2,400 से अधिक बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है। इसमें नियंत्रण रेखा के पास रहने वाले 14 भारतीय मारे गए हैं, जबकि 88 लोग घायल हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कहा, “इस साल जून 2020 तक पाकिस्तानी बलों द्वारा किए गए 2,432 से अधिक संघर्षविराम उल्लंघनों में 14 भारतीय मारे गए हैं और 88 भारतीय घायल हुए हैं।”
भारत और पाकिस्तान 2003 में नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर संघर्षविराम के लिए सहमत हुए थे। हालांकि, भारत का आरोप है कि पाकिस्तान लगातार इसकी शर्तों का उल्लंघन करता रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने इस मामले को लेकर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
सरकार ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को सीमा पार से घुसपैठ के लिए समर्थन देने पर चिंता भी जताई है।
सूत्रों ने कहा कि डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिल्रिटी ऑपरेशंस के माध्यम से इन सब बातों को साझा किए जाने के बावजूद पाकिस्तानी सेना ने ऐसी गतिविधियों को बंद नहीं किया है।
अपराध
कोलकाता : मां को चढ़ाई गई थी एक्सपायर्ड सेलाइन , नवजात ने तोड़ा दम
कोलकाता, 16 जनवरी। सरकारी मेदनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एमएमसीएच) में पिछले हफ्ते कथित तौर पर एक्सपायर्ड रिंगर लैक्टेट दिए जाने के बाद बीमार पड़ी पांच में से एक महिला की नवजात की गुरुवार को मौत हो गई।
पिछले सप्ताह पांच महिलाओं में से एक, मामोनी रुइदास, की उसी अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।
गुरुवार को अन्य चार जीवित महिलाओं में से एक, रेखा शॉ, की नवजात की कोलकाता के सरकारी मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई।
चार में से तीन महिलाओं की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। बता दें कि जन्म के तुरंत बाद बच्चे को भी उसी अस्पताल में रखा गया था।
रेखा की सास, पुष्पा शॉ, ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा, “हमें बच्चे को जन्म के बाद सिर्फ एक बार दिखाया गया था और तब से उसे अलग-थलग रखा गया था। अब हमें बताया गया है कि बच्चे की मौत हो गई है।”
बुधवार को, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मांग की कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) जैसी केंद्रीय एजेंसियों को मामले की चल रही जांच में शामिल किया जाए।
बता दें कि पिछले हफ्ते, पश्चिम मेदिनापुर जिले के उक्त सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित तौर पर एक्सपायर्ड रिंगर लैक्टेट दिए जाने के बाद पांच महिलाएं बीमार पड़ गई थीं, जिसमें से रुइदास की पिछले शुक्रवार को मौत हो गई थी। वहीं अन्य चार को उसी अस्पताल में रखा गया था। हालांकि, बाद में हालत बिगड़ने के बाद उन्हें कोलकाता के सरकारी एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ले जाया गया।
इस घटना ने गंभीर चिंताएं पैदा कर दीं। एक्सपायर्ड आरएल सलाइन कथित तौर पर पश्चिम बंगाल फार्मास्युटिकल लिमिटेड से आई थी, जो पहले से ही कर्नाटक सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रतिबंधित थी।
सबसे पहले, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक-सह-उप-प्रिंसिपलों और जिलों के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे कंपाउंड सोडियम लैक्टेट इंजेक्शन (आरएल) के मौजूदा स्टॉक को पूरी तरह से रोक दें।”
बाद में, राज्य सरकार ने राज्य की सभी स्वास्थ्य सेवा संस्थाओं से उक्त कंपनी द्वारा आपूर्ति की गई सभी दवाओं के स्टॉक को हटाने का भी निर्देश दिया।
अपराध
ग्वालियर में झूठी इज्जत की खातिर बेटी की गोली मारकर हत्या
ग्वालियर, 15 जनवरी। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है, जहां पिता ने अपने भतीजे के साथ मिलकर बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी।
लड़की का नाम तनु था और वह 18 जनवरी को होने वाली शादी के लिए तैयार नहीं थी। पिता और चचेरे भाई की गोली का शिकार बनी तनु गुर्जर महाराजपुरा थाने में रहती थी। वह पिछले छह साल से अपने प्रेमी के साथ रिलेशन में थी। घर वालों ने जबरदस्ती तनु की शादी तय कर दी थी।
18 जनवरी को तनु की शादी होने वाली थी। घर में हल्दी आदि की रस्में भी चल रही थीं। इसी दौरान तनु ने शादी से इंकार कर दिया। तनु के शादी से इंकार पर परिजन नाराज थे। तनु ने दो दिन पहले एक वीडियो पुलिस अधिकारियों को भेजकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था, जिसमें उसने कहा था कि वह किसी और युवक से प्रेम करती है, लेकिन पिता उसकी मर्जी के बगैर कहीं और शादी करना चाहते हैं।
इसके बाद पुलिस द्वारा नजर रखी जा रही थी। इसी बीच पिता और चचेरा भाई तनु को एक कमरे में ले गए और गोली मार दी। वहीं पुलिस ने पिता और भतीजे के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। बेटी की गोली मारकर हत्या करने के बाद पिता मौके पर ही मौजूद रहा और उसे बेटी की हत्या का कोई पछतावा नहीं है।
तनु का एक वीडियो सोशल मीडिया पर है, जिसमें वह कह रही है कि मेरा नाम तनु गुर्जर है, मेरे पापा का नाम महेश और मां का नाम ममता गुर्जर है। मैं एक लड़के से प्यार करती हूं, छह साल से उसके साथ रिलेशन में हूं। घर वाले पहले हमारी शादी के लिए मान गए थे, लेकिन बाद में मुकर गए। अब वो मुझे मारते हैं और जान से मारने की धमकी देते हैं। मैं जिससे प्यार करती हूं, वह आगरा में रहता है। अगर मुझे कुछ हुआ तो मेरी मौत के जिम्मेदार मेरे घर वाले होंगे। वो मुझ पर शादी करने का दबाव बना रहे हैं, लेकिन मैं यह नहीं कर सकती हूं।
अपराध
बंगाल : ‘एक्सपायरी’ सलाइन से मौत मामला, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई अंगों के फेल होने की बात आई सामने
कोलकाता, 15 जनवरी। पश्चिम मिदनापुर जिले में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 10 जनवरी को कथित तौर पर एक्सपायर रिंगर लैक्टेट दिए जाने के बाद मरने वाली महिला मामोनी रुइदास की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें उसकी मौत के पीछे मल्टी ऑर्गन फेलियर और सेप्टीसीमिया होने का संकेत दिया गया है।
मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी महिला के शरीर में जहरीले तरल पदार्थ की मौजूदगी की बात कही गई है। इस बात ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पीड़िता को सलाइन के अलावा ऑक्सीटोसिन भी दिया गया था ताकि जहरीले तरल पदार्थ के असर को नियंत्रित रखा जा सके।
इस मामले में पहले से ही दो जांच की जा रही हैं, पहली राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित समिति और दूसरी राज्य पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) कर रहा है।
पिछले सप्ताह पश्चिम मिदनापुर जिले के उक्त सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पांच महिलाएं कथित तौर पर एक्सपायरी रिंगर लैक्टेट दिए जाने के बाद बीमार पड़ गई थीं। इनमें से एक महिला की अस्पताल में मौत हो गई।
इसके बाद अन्य चार महिलाओं को उसी अस्पताल की क्रिटिकल केयर यूनिट और इंटेंसिव केयर यूनिट में उपचार के लिए रखा गया। उनमें से तीन को उनकी चिकित्सा स्थिति में तेज गिरावट के बाद कोलकाता के सरकारी एस.एस.के.एम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित करना पड़ा।
इस घटना ने गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं, क्योंकि एक्सपायरी आरएल सलाइन कथित तौर पर पश्चिम बंगा फार्मास्युटिकल लिमिटेड से आई थी, जो कि पहले कर्नाटक सरकार और बाद में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गई कंपनी थी।
इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों-सह-उप-प्रधानाचार्यों और जिलों के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में पश्चिम बंगा फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आपूर्ति किए गए कंपाउंड सोडियम लैक्टेट इंजेक्शन (आरएल) के मौजूदा स्टॉक को पूरी तरह से बंद कर दें।
बाद में, राज्य सरकार ने राज्य में सभी स्वास्थ्य सेवा संस्थाओं से उक्त कंपनी द्वारा आपूर्ति की गई सभी दवाओं के स्टॉक को हटाने का भी निर्देश दिया।
इस घटना ने राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में इसी तरह के मामलों को लेकर चिंताएं फिर से पैदा कर दी हैं।
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