मनोरंजन
भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में गैंग सिस्टम हावी : कनक पाण्डेय

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में अपने अभिनय के दम पर अलग पहचान बनाने वाली कनक पांडेय इन दिनों दुबई से प्रवासी मजदूरों को भारत भेजने को लेकर सुर्खियों में हैं। बॉलीवुड में पिछले दिनों से हो रही नेपोटिज्म की चर्चा पर वह कहती हैं कि भोजपुरी इंडस्ट्री में नेपोटिज्म नहीं बल्कि गैंग सिस्टम हावी है।
आईएएनस से एक विशेष वार्ता में सिने अदाकारा कनक पाण्डेय कहती हैं कि भोजपुरी इंडस्ट्री अभी तक नेपोटिज्म से अछूती है। यह अच्छी बात है। लेकिन, यहां पर गैंग सिस्टम बहुत प्रभावी है। इंडस्ट्री में किसको रखना है, किसे नहीं रखना है। यहां बहुत चलता है।
सुशांत राजपूत के मामले में वह कहती हैं, “मेरे दिमाग से अभी तक वो गया नहीं है। जब भी सोशल मीडिया पर जाती हूं तो रोने लगती हूं। वो हमारे भोजपुर की शान था। उन्होंने हमें वो रास्ता दिखाया, कि अगर आपमें टैलेंट है तो आप भी जा सकते हैं। नेपोटिज्म ने उन्हें खत्म किया। मुझे कहीं से भी नहीं लगता कि उन्होंने सुसाइड किया है। मैं उनके बारे में पढ़ती हूं तो लगता नहीं की इतना टैलेंटेड बंदा सुसाइड कर सकता है। वर्कर तक से अच्छे से बात करता था। कहीं न कहीं ये लगता है कि वो बंदा सिर्फ फिल्मों को लेकर सुसाइड नहीं कर सकता है। ये गलत है, कुछ न कुछ साजिश जरूर है। इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिये।”
यह पूछने पर कि भोजपुरी इंडस्ट्री का चार्म कम हुआ है, इसका क्या कारण है, उन्होंने कहा कि हमारे यहां जो स्टोरी बनती है, उसका दर्शक मजदूर वर्ग है। बड़े लोग भोजपुरी को नहीं देखते क्योंकि उसमें रियल टच नहीं होता। ऐसी स्टोरी नहीं होती जो बांधे रखे, जैसे साउथ या अन्य फिल्मों में होता है। हमारे यहां डांस, गाना और हीरोइन को नचा लिया बस यही फिल्म है। कोई कांसेप्ट नहीं है। इसलिए लोगों को जोड़ नहीं पा रहे। इसके अलावा जो अच्छे लोग हैं उनको काम नहीं मिलता। स्टोरी भी अच्छी नहीं होती। पैसा बचाने के चक्कर मे इंडस्ट्री खत्म हो रही है। भोजपुरी फिल्म मारपीट के सीन के साथ हीरोइन नचा कर खत्म हो जाती है। आप किसी इंटरनेशनल लेवल पर भोजपुरी के बारे में बोलिये तो इसे रिस्पेक्ट नहीं मिलती।”
क्षेत्रीय भाषाओं में मराठी फिल्में दर्शकों को बहुत खींचती हैं, लेकिन, भोजपुरी की कहानी चर्चित नहीं हो पाती, इसका कारण पूछने पर कनक पाण्डेय बताती हैं, “हमारी फिल्मों में कोई सकारात्मक संदेश नहीं होता है। इसलिए वे चर्चा की विषय नहीं बन पातीं है। हमारे यहां लोग हीरो-हीरोइन के नाम पर फिल्म देखते हैं। वास्तव में फिल्में ऐसी बननी चाहिए जिसे लोग फैमिली के साथ देख सकें। उसमें मैसेज हों। लेकिन, ये सब यहां नहीं है।”
भोजपुरी में डबल मीनिंग के गाने फिल्म की क्रेडिबिल्टी पर सवाल उठाते हैं, इस सवाल पर वह कहती हैं कि अश्लीलता हर जगह है। लेकिन, उनका तरीका दूसरा है।
उन्होंने कहा कि क्या गांव में कोई लहंगा चोली पहनता है। लेकिन, हम फिल्मों में पहनते हैं। दिखाने का तरीका गलत है। उसे बदलना होगा। ड्रेसिंग सेंस और बॉडी लेंग्वेज भी बदलनी होगी।
वेब सीरीज के बढ़ते क्रेज को लेकर पूछे गये सवाल पर कनक पाण्डेय ने कहा, “मैं भोजपुरी के लिए बहुत कुछ करना चाहती हूं। इसे बड़ा बनाने के लिए हर प्रयास करुगी। हमारी एक संस्था है पूवार्ंचल प्रवासी मिलन। उसके जरिये हम दुबई में शो कराते हैं। भारतीय आर्टिस्ट को बुलाकर परफॉर्म् कराते हैं। मैं पूरी दुनिया मे ये करुं गी। बहुत सारा ऐसा काम करूंगी, जिसमें फिल्में, चैनल सब शामिल हैं। वेब सीरीज और शार्ट फिल्म भी शामिल है।”
कोरोना का फिल्म इंडस्ट्री पर पड़ रहे असर के सवाल पर वह कहती हैं, ” इस वायरस ने सिर्फ इंडस्ट्री, बल्कि पूरे विश्व पर अपना प्रभाव डाला है। जो आर्थिक नुकसान इस बीच हुआ है उसकी दो से तीन साल में भी भरपाई मुश्किल है। हालांकि कोरोना ने एक अच्छा मैसेज दिया, लोगों ने अपने परिवार के साथ समय बिताना शुरू किया है। आज हर कोई आत्मनिर्भर होने की कोशिश कर रहा है। चाहे अभिनय का क्षेत्र हो या कोई व्यवसाय हो यही स्थिति कमोबेश हर जगह है। कोरोना ने लोगों को जीने का सबक भी दिया हैं। अच्छे कांसेप्ट लेकर आ सकते हैं, कुछ नवाचार कर सकते हैं। कहीं न कहीं कोरोना ने ये मौका दिया है।”
कोरोना काल में मजूदरों की मदद के लिए आप चर्चा में है। कितने मजदूरों की आपने मदद की है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया, “दुबई में यूपी, बिहार और झारखंड के करीब पांच लाख लोग हैं। इसमें से लगभग 4़ 5 लाख लोग ऐसे हैं जिनकी कोरोना महामारी में ऐसी दुर्दशा हुई कि उसे बयां नहीं किया जा सकता। लोगों की नौकरी छूट गई। उनके पास खाना नहीं, रहने का भी ठिकाना नहीं। ऐसे तमाम लोगों को मैने अपनी तरफ से खाना, पीना दिया और रहने की जगह मुहैया कराई। आज भी ये जारी है। हमने बहुत मेहनत करके हवाई जहाज अरेंज किया। करीब तीन लाख लोग वंदे भारत अभियान के तहत अपने घर गए। अभी भी हमारे पास 28 हजार ऐसे लोग हैं जिनको इंडिया भेजना है। दुबई के नियमों के बीच ये सब बहुत मुश्किल है। बहुत सारे अप्रूवल लेने पड़ते हैं। यूपी से अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी समेत कई लोगों का बहुत सहयोग मिल रहा है, जिसकी वजह से हम ये कर पा रहे हैं। हमने यहां यूपी, बिहार और झारखंड के लोगों की मदद की क्योंकि इनका कोई प्रतिनिधित्व करने वाला नहीं है। स्पाइस जेट के अजय सिंह ने बहुत सपोर्ट किया। कई और लोगों ने भी सपोर्ट किया। आज लोग घर पहुंचकर फोन करके बोलते हैं कि आपकी वजह से घर पहुंच पाए।”
कनक पांडेय ने बताया कि रवि किशन के साथ सबसे बड़ा चैंपियन, दिनेश लाल के साथ लल्लू की लैला, इण्डिया वर्सेज पाकिस्तान जैसी तमाम फिल्में हैं। इसके अलावा पांच मेहेरिया, जुगजुग जियो ललनवा, विजेता, जिंदगी की जंग, जंजीर जैसी फिल्म आने वाली है।
बॉलीवुड
कनाडा कैफे हमले के बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने बॉलीवुड को दी चेतावनी, सलमान खान की बजाय कपिल शर्मा पर साधा निशाना

मुंबई: कनाडा के सरे स्थित कॉमेडियन कपिल शर्मा के कैफ़े, “कैप्स कैफ़े” में हुई दूसरी गोलीबारी के बाद लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने अपनी धमकियाँ बढ़ा दी हैं। शुक्रवार को, गिरोह ने बिश्नोई के कथित करीबी सहयोगी हैरी बॉक्सर का एक ऑडियो क्लिप जारी किया, जिसमें हमले की ज़िम्मेदारी लेते हुए इसे शर्मा के नेटफ्लिक्स शो के शुरुआती एपिसोड में बॉलीवुड स्टार सलमान खान की उपस्थिति से जोड़ा गया।
यह घटना गुरुवार को हुई जब हमलावरों ने कैफ़े पर कम से कम 25 राउंड गोलियां चलाईं। गिरोह का दावा है कि यह हमला कपिल शर्मा द्वारा सलमान खान को “द ग्रेट इंडियन कपिल शो” सीज़न 2 के लॉन्च पर आमंत्रित करने का सीधा बदला लेने के लिए किया गया था।
धमकी भरे ऑडियो में, बॉक्सर चेतावनी देता है: “जो कोई भी सलमान खान के साथ काम करेगा, उसे बिश्नोई गिरोह खत्म कर देगा—उसे मार डाला जाएगा।” उसने घोषणा की कि अब कोई और चेतावनी नहीं दी जाएगी, और कहा कि अगली बार “सीधे सीने पर गोली चलाई जाएगी।” संदेश में मुंबई में अभूतपूर्व अराजकता फैलाने की भी कसम खाई गई है, और खास तौर पर निर्माताओं, निर्देशकों और अभिनेताओं को संभावित निशाना बनाया गया है। आवाज़ में धमकी दी गई है, “सलमान खान के साथ काम करने वाला कोई भी व्यक्ति अपनी मौत का ज़िम्मेदार होगा।”
क्लिप जारी होने के बाद, मुंबई पुलिस हाई अलर्ट पर है। क्राइम ब्रांच ने रिकॉर्डिंग की जाँच शुरू कर दी है और कपिल शर्मा के ओशिवारा स्थित आवास की सुरक्षा बढ़ा दी है। उनके अपार्टमेंट परिसर के बाहर कई पुलिस अधिकारी तैनात किए गए हैं और इलाके में नियमित गश्त भी की जा रही है। आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जाँच की जा रही है ताकि संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाया जा सके।
सूत्रों ने पुष्टि की है कि क्राइम ब्रांच के अधिकारी शुक्रवार को शर्मा के घर धमकियों के बारे में पूछताछ करने गए थे। कॉमेडियन से यह उनकी पहली मुलाक़ात नहीं थी। जुलाई में पहली बार कैफ़े को निशाना बनाए जाने के बाद, पुलिस ने शर्मा से पूछा था कि क्या उन्हें बिश्नोई गिरोह से जबरन वसूली के लिए फ़ोन आए थे या धमकियाँ मिली थीं—जिस दावे का उन्होंने उस समय खंडन किया था।
दूसरे हमले और नई ऑडियो चेतावनी ने अधिकारियों को यह जाँच करने के लिए प्रेरित किया है कि क्या बिश्नोई गिरोह के सदस्य शर्मा के घर या गोलीबारी की जगहों के आसपास निगरानी कर रहे थे। सूत्रों का कहना है कि शर्मा ने अब स्थानीय पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है, हालाँकि उन्होंने कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।
बिश्नोई गिरोह ने ऑडियो सामने आने से कुछ घंटे पहले गुरुवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट करके सरे गोलीबारी की जिम्मेदारी ली थी।
कपिल शर्मा भारत के सबसे प्रमुख मनोरंजनकर्ताओं में से एक हैं। बेहद लोकप्रिय द कपिल शर्मा शो और उसके नेटफ्लिक्स स्पिन-ऑफ द ग्रेट इंडियन कपिल शो के होस्ट, उन्हें देश के सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले हिंदी कॉमेडियन माना जाता है। उन्होंने 2007 में द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज सीज़न 3 जीतकर प्रसिद्धि हासिल की, और बाद में किस किस को प्यार करूँ (2015) से बॉलीवुड में कदम रखा, उसके बाद फिरंगी (2017) और ज़्विगाटो (2023) में काम किया।
बॉलीवुड
‘मंडला मर्डर्स’ के सेट पर रो पड़े थे वैभव राज, ‘विक्रम सिंह’ की भूमिका को बताया शानदार

मुंबई, 30 जुलाई। अभिनेता वैभव राज गुप्ता की वेब सीरीज ‘मंडला मर्डर्स’ रिलीज हो चुकी है, जिसमें उनके अभिनय की तारीफ हो रही है। सीरीज में पुलिस अधिकारी विक्रम सिंह की भूमिका निभाने वाले एक्टर ने बताया कि यह किरदार उनके लिए बेहद खास है। उन्होंने बताया कि वह शूटिंग के दौरान सेट पर रो पड़े थे।
उन्होंने बताया कि इस किरदार के लिए चुना जाना उनके लिए गर्व का पल था। वैभव ने अपनी इस सफर को याद करते हुए कहा कि यशराज फिल्म्स के दरवाजे उनके लिए खुलना और लुक टेस्ट का पहला दिन उनके लिए यादगार था।
वैभव ने बताया, “मैंने ‘मंडला मर्डर्स’ के पहले दिन से आखिरी दिन तक हर पल को रिकॉर्ड किया। यशराज फिल्म्स के साथ काम करने का मौका मिलना मेरे लिए बेहद खास है और इसे मैं कभी नहीं भूलूंगा। लुक टेस्ट का पहला दिन भी एक बड़ा पड़ाव था। इस भूमिका के लिए चुना जाना मेरे लिए गर्व की बात है।”
उन्होंने अपनी तैयारी के बारे में बताया कि निर्देशक गोपी पुथरन और मनन रावत ने महीनों तक उनके साथ वर्कशॉप किया। अभिनेता ने बताया, “विक्रम का किरदार मेरे व्यक्तित्व से बिल्कुल उलट है। वह एक गुस्सैल इंसान है। मैंने उसके रोल को निभाने के लिए गोपी के साथ मिलकर उसके खड़े होने, चलने, गुस्से को व्यक्त करने और आवाज के लहजे पर काम किया। यह किरदार धीरे-धीरे मेरे अंदर बस गया।”
वैभव ने किरदार की भावनात्मक गहराई के बारे में कहा, “विक्रम का किरदार आसान नहीं था। कई सीन के बाद मैं सेट पर रो पड़ा, क्योंकि यह किरदार बहुत कुछ झेलता है। मैं इसे वास्तविक और व्यक्तिगत बनाना चाहता था। मेरे निर्देशकों ने मुझे भावनात्मक गहराई लाने में बहुत मदद की।”
‘मंडला मर्डर्स’ उत्तर प्रदेश के काल्पनिक शहर चरणदासपुर की कहानी पर आधारित है। यह रहस्य, अलौकिक और मनोवैज्ञानिक थ्रिलर का मिश्रण है।
आठ एपिसोड वाली इस सीरीज में वैभव राज गुप्ता के साथ वाणी कपूर, सुरवीन चावला, रघुबीर यादव और श्रिया पिलगांवकर मुख्य भूमिकाओं में हैं।
मनोरंजन
गूगल और मेटा को पेशी के लिए ईडी ने फिर भेजा समन, 21 जुलाई को नहीं पहुंचे थे इनके प्रतिनिधि

नई दिल्ली, 28 जुलाई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा देने के मामले में टेक दिग्गज गूगल और मेटा को दोबारा 21 जुलाई को समन भेजा था। इन दोनों टेक कंपनियों के प्रतिनिधियों को 28 जुलाई (सोमवार) को ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इससे पहले इन दोनों टेक कंपनियों को 21 जुलाई को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हो पाए थे।
ऐसे में ईडी ने दोनों कंपनियों को दोबारा समन भेज कर 28 जुलाई को पेश होने के लिए कहा। बता दें कि ईडी की जांच उन ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर केंद्रित है जो कथित तौर पर अवैध जुए और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। इनमें महादेव बेटिंग ऐप और फेयरप्ले आईपीएल जैसे ऐप्स शामिल हैं।
ईडी का आरोप है कि गूगल और मेटा ने अपने प्लेटफॉर्म्स पर इन अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को विज्ञापनों के जरिए बढ़ावा दिया और इनकी पहुंच को व्यापक बनाने में मदद की। जांच में पाया गया कि ये ऐप्स स्किल-बेस्ड गेमिंग के नाम पर अवैध सट्टेबाजी को बढ़ावा देते हैं। इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की गई, जिसे हवाला चैनलों के माध्यम से छिपाया गया ताकि जांच से बचा जा सके।
ईडी ने इन ऐप्स के विज्ञापनों को गूगल और मेटा के प्लेटफॉर्म्स पर प्रमुखता से प्रदर्शित होने का आरोप लगाया है, जिससे इनके यूजर्स बढ़े।
10 जुलाई को ईडी ने इस मामले में 29 मशहूर हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इनमें अभिनेता विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, निधि अग्रवाल, प्रणिता सुभाष, मंचू लक्ष्मी और अनन्या नगेला शामिल थें। इसके अलावा, टीवी कलाकार, होस्ट और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स जैसे श्रीमुखी, श्यामला, वर्षिणी सौंदर्यराजन, वसंती कृष्णन, शोभा शेट्टी, अमृता चौधरी, नयनी पावनी, नेहा पठान, पांडु, पद्मावती, हर्षा साय और बय्या सनी यादव के नाम भी जांच में हैं।
इन पर जंगली रम्मी, ए23, जीतविन, परिमैच और लोटस365 जैसे प्लेटफॉर्म्स के प्रचार का आरोप है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। यह जांच पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867 और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हो रही है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में दर्ज पांच एफआईआर के आधार पर ईडी ने यह कार्रवाई शुरू की।
मार्च में, साइबराबाद पुलिस ने भी विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती और प्रकाश राज सहित कई हस्तियों के खिलाफ अवैध सट्टेबाजी ऐप्स के प्रचार का मामला दर्ज किया था। हालांकि, इन हस्तियों ने सफाई दी कि वे किसी अवैध ऐप का प्रचार नहीं कर रहे थे। ईडी अब इन सभी मामलों की गहन जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी में है।
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