राजनीति
हर 2 हफ्ते में दोगुने हो रहे हैं दिल्ली में कोरोना के मामले
दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले हर दो हफ्ते में दोगुने हो रहे हैं। दिल्ली सरकार के मुताबिक, जहां इसका प्रकोप हो चुका है, वहां अब इसकी रफ्तार कुछ धीमी पड़ी है। जहां यह बाद में पहुंचा है वहां अब कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, “यह सच है कि दिल्ली में कोरोना के मामले बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं फिर भी हम यह नहीं कह सकते कि अभी कोरोना वायरस का कम्युनिटी स्प्रेड हुआ है या नहीं।”
दिल्ली सरकार के मुताबिक, कम्युनिटी स्प्रेड के बारे में केंद्र सरकार, डब्ल्यूएचओ या ऐसी अन्य संस्थाएं ही कुछ कह सकती हैं।
कोरोना मामलों की इसी रफ्तार को देखते दिल्ली सरकार ने इस महीने के अंत तक दिल्ली में कोरोना रोगियों की संख्या एक लाख तक पहुंचने की आशंका जाहिर की है।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, “करीब 100 वर्ष पहले 1918 में स्पेनिश फ्लू की महामारी फैली थी वह भी कोरोना वायरस ही था। फर्क इतना है कि इस बार इसे नोवेल कोरोनावायरस नाम दिया गया है। यह वायरस बहुत तेजी से फैलता है और इस मामले में यह काफी खतरनाक है।”
कोरोना के विषय में सत्येंद्र जैन ने कहा, “यह कम या ज्यादा नहीं बल्कि आगे या पीछे हो सकता है। जहां यह पहले फैल चुका है वहां अब इसका असर कुछ कम हुआ है। वहीं जहां यह बाद में आया है वहां इसका संक्रमण तेजी से फैल रहा है।”
गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण फैलने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति लगातार हो रही है। इस बीच दिल्ली में कोरोना के 129 और रोगियों की मृत्यु के बाद दिल्ली में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1214 हो गई है। दिल्ली में अभी तक 36,824 व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं।
दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 6 सदस्य विशेष कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया और आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव को शामिल किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय
बांग्लादेश का माहौल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अच्छा संकेत नहीं: शशि थरूर

नई दिल्ली, 20 दिसंबर : कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में जाने-माने मीडिया हाउस पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता जताई। साथ ही, बिगड़ते सुरक्षा हालात के बीच खुलना और राजशाही में भारतीय असिस्टेंट हाई कमीशन में वीजा सेवाओं को जबरन बंद करने की भी निंदा की।
कट्टरपंथी इस्लामी नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में अशांति की एक नई लहर देखने को मिली है। हादी 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे, जिसके कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा था।
इस हत्या के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। ढाका समेत देश के कई हिस्सों से हिंसा की खबरें सामने आई हैं।
इंकलाब मंचो नेता हादी की मौत को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ रहे हैं और भीड़ ने प्रमुख मीडिया संगठनों और बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष विरासत से जुड़ी जगहों को निशाना बनाया है। मीडिया संस्थानों में आगजनी और तोड़फोड़ की खबरों ने देश के अंदर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा कर दी है।
इन घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि प्रेस पर हमले लोकतांत्रिक मूल्यों की बुनियाद पर हमला हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “बांग्लादेश से आ रही खबरों से मैं बहुत चिंतित हूं। प्रोथोम आलो और द डेली स्टार के दफ्तरों पर टारगेट करके भीड़ के हमले और आगजनी सिर्फ दो मीडिया हाउस पर हमला नहीं हैं। ये प्रेस की आजादी और एक बहुलवादी समाज की नींव पर हमला हैं।”
कांग्रेस सांसद ने सीनियर एडिटर्स समेत पत्रकारों की सुरक्षा पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वे एडिटर महफूज अनम और बढ़ते मुश्किल हालात में काम कर रहे दूसरे मीडिया प्रोफेशनल्स की भलाई को लेकर चिंतित हैं।
अशांति के बीच, भारत को सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए बांग्लादेश में दो वीजा एप्लीकेशन सेंटर बंद करने पड़े। राजशाही में ‘जुलाई 36 मंच’ नाम के एक ग्रुप ने भारतीय असिस्टेंट हाई कमीशन की ओर मार्च निकाला। जुलूस डिप्लोमैटिक मिशन की ओर बढ़ा, लेकिन पुलिस के दखल के बाद उसे बीच में ही रोक दिया गया।
खुलना में भी इसी तरह के प्रदर्शनों की खबरें आईं, जिसके बाद अधिकारियों ने दोनों जगहों पर वीजा से जुड़े काम रोक दिए। थरूर ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि सेवाओं को रोकने के दूरगामी परिणाम होंगे।
उन्होंने कहा कि बढ़ते सुरक्षा खतरों के कारण खुलना और राजशाही में भारतीय असिस्टेंट हाई कमीशन में वीजा सेवाओं को जबरन बंद करना एक बड़ा झटका है। इस रुकावट का सीधा असर उन छात्रों, मरीजों और परिवारों पर पड़ रहा है, जिन्हें आखिरकार सीमा पार आने-जाने में सामान्य स्थिति की झलक दिख रही थी।
बांग्लादेश में 12 फरवरी, 2026 को राष्ट्रीय चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में थरूर ने चेतावनी दी कि हिंसा और असहिष्णुता का यह माहौल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
कांग्रेस नेता ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के लिए देश में स्थिरता और लोकतांत्रिक निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए कदम भी बताए। निर्णायक कार्रवाई की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “पत्रकारों की सुरक्षा: पत्रकारों को अपने दफ़्तर जलते समय अपनी जान बचाने के लिए घबराए हुए मैसेज पोस्ट नहीं करने चाहिए। भीड़तंत्र को हावी नहीं होने देना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि लोगों के बीच अहम संबंधों को बनाए रखने के लिए डिप्लोमैटिक सुविधाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। निशाना बनाई गई एम्बेसी और कॉन्सुलेट को अतिरिक्त सुरक्षा दी जानी चाहिए।
शांति बहाल करने की जरूरत पर जोर देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर देश को लोकतंत्र की किसी भी झलक के साथ इस बदलाव से बचना है, तो भीड़तंत्र की जगह रचनात्मक बातचीत होनी चाहिए। अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस को यह सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व करना चाहिए।
थरूर ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश में शांति का महत्व उसकी सीमाओं से कहीं ज्यादा है। पूरे दक्षिण एशिया के लिए देश में स्थिरता बहुत जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि हम शांति की वापसी और एक सुरक्षित माहौल की उम्मीद करते हैं, जहां लोगों की आवाज हिंसा और धमकी से नहीं, बल्कि वोट के जरिए सुनी जाए।
राजनीति
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे का बचाव किया, जबकि उद्धव ठाकरे ने सतारा ड्रग कांड के आरोपों पर ‘एक और मंत्री को पद से हटाने’ का संकेत दिया।

मुंबई: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर तीखा राजनीतिक टकराव छिड़ गया है, जिसमें ड्रग रैकेट से जुड़े आरोपों ने विवाद को और बढ़ा दिया है।
ठाकरे ने शिंदे पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि “एक और मंत्री को जाना होगा”, जिससे दोनों पक्षों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई। उन्होंने इशारा किया कि शिंदे ठाणे से हैं। हालांकि ठाकरे ने सीधे तौर पर शिंदे का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके इस बयान को उपमुख्यमंत्री की ओर इशारा माना गया, जिससे राज्य में राजनीतिक तनाव और बढ़ गया।
ठाकरे की ये टिप्पणी शिवसेना यूबीटी नेताओं के बढ़ते दबाव के बीच आई है, जो शिंदे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। यह मांग शिंदे के भाई प्रकाश शिंदे पर लगे आरोपों के बाद आई है, जिसमें कहा गया है कि प्रकाश शिंदे हाल ही में मुंबई पुलिस द्वारा सतारा जिले में पकड़े गए एक ड्रग निर्माण रैकेट से जुड़े थे। हालांकि, प्रकाश शिंदे ने सभी आरोपों का जोरदार खंडन करते हुए कहा है कि उनका इस अवैध धंधे से कोई संबंध नहीं है।
आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को अपने सहयोगी का जोरदार बचाव किया। आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताते हुए फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे और उनके परिवार को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है ताकि उनकी छवि खराब की जा सके। गृह मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहे फडणवीस ने कहा, “कुछ लोग एकनाथ शिंदे और उनके परिवार का नाम ड्रग्स से जुड़े मामले में घसीटकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। यह सब सिर्फ राजनीतिक लाभ उठाने और उन्हें बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।”
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि मामले की गहन जांच की जाएगी और यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही, उन्होंने बिना पुष्ट तथ्यों के निराधार आरोप लगाने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां सबूतों के आधार पर ही कार्रवाई करेंगी, न कि राजनीतिक दबाव के आधार पर।
इससे पहले, शिवसेना की यूबीटी नेता सुषमा अंधारे ने शिंदे के इस्तीफे की सार्वजनिक रूप से मांग की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सावरी गांव में उनके भाई के स्वामित्व वाला एक रिसॉर्ट नशीली दवाओं के निर्माण केंद्र से जुड़ा हुआ है। उन्होंने दावा किया कि रिसॉर्ट कथित तौर पर पास के एक अस्थायी शेड में भोजन की आपूर्ति करता था, जहां नशीली दवाओं का उत्पादन हो रहा था। इन आरोपों ने विपक्ष की ओर से जवाबदेही की मांग को और तेज कर दिया है।
इस बीच, यह विवाद राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है। शिवसेना के यूबीटी गुट के सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आरोपों का विस्तृत विवरण दिया है और उनसे उपमुख्यमंत्री के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
राजनीति
मुंबई महानगर पालिका चुनाव के बीच उद्धव ठाकरे को झटका, पूर्व विधायक सुभाष भोईर भाजपा में होंगे शामिल

मुंबई, 20 दिसंबर : महाराष्ट्र में महानगर पालिका चुनाव के बीच शिवसेना (यूबीटी) गुट को एक बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। कल्याण रूरल सीट से पूर्व विधायक और उद्धव ठाकरे के भरोसेमंद माने जाने वाले नेता सुभाष भोईर ने अब शिवसेना (उद्धव गुट) का साथ छोड़ने का फैसला कर लिया है।
सुभाष भोईर शनिवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, सुभाष भोईर शनिवार सुबह 11 बजे महाराष्ट्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण की मौजूदगी में औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। उनके इस फैसले को महानगर पालिका चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे के लिए एक बड़ा राजनीतिक नुकसान माना जा रहा है।
सुभाष भोईर ने वर्ष 2024 का विधानसभा चुनाव कल्याण रूरल सीट से शिवसेना (उद्धव गुट) के टिकट पर लड़ा था। हालांकि, इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद वे उद्धव ठाकरे के मजबूत समर्थक के रूप में जाने जाते थे और लंबे समय तक उन्होंने ठाकरे परिवार के साथ अपनी निष्ठा बनाए रखी थी।
कल्याण रूरल क्षेत्र में सुभाष भोईर की अच्छी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में उनके भाजपा में जाने से स्थानीय राजनीति पर भी असर पड़ने की संभावना है।
बता दें कि राज्य की 23 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में अध्यक्ष व सदस्य पदों के लिए शनिवार सुबह 7:30 बजे से मतदान जारी है। मतदान प्रक्रिया शाम 5:30 बजे तक चलेगी। इस चरण में अध्यक्ष पदों के साथ-साथ विभिन्न निकायों में खाली पड़े 143 सदस्य पदों के लिए भी वोटिंग हो रही है।
21 दिसंबर को सुबह 10 बजे से मतगणना की प्रक्रिया शुरू होगी। दोपहर तक यह साफ हो जाएगा कि महाराष्ट्र के इन छोटे शहरों और नगरों की सत्ता किसके हाथ में जाएगी।
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