राजनीति
मध्य प्रदेश की सियासी जंग में ‘सोशल मीडिया’ बना हथियार
मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए उठाए गए एहतियाती कदमों के चलते सियासी जंग का अंदाज ही बदल गया है और यहां तमाम नेता एक-दूसरे पर हमला करने के लिए सोशल मीडिया को बतौर हथियार इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें सभाएं और बैठकें करने का मौका जो नहीं मिल रहा है।
राज्य में बीते लगभग ढाई माह से सियासी गतिविधियां पूरी तरह थमी हुई है, इस अवधि में राज्य में सत्ता परिवर्तन भी हुआ है और सत्ता की कमान कांग्रेस के हाथ से खिसक कर भाजपा के हाथ में आ गई है और वर्तमान में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री रहते हुए सरकार का संचालन कर रहे हैं।
सत्ता में हुए बदलाव के बाद कोरोना संक्रमण बढ़ा, किसानों की गेहूं खरीदी हो रही है, बिजली उपभोक्ताओं को लेकर दी जाने वाली राहत में बड़ा बदलाव हुआ है और उसके बाद बारिश के कारण गेहूं भीग गया है। इन मुद्दों को लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं में सियासी जंग तेज है और दोनों ही दलों के नेता एक-दूसरे पर सोशल मीडिया को हथियार बनाकर हमले बोल रहे हैं क्योंकि उन्हें वर्तमान में सभाएं और बड़ी बैठकें करने की अनुमति जो नहीं है।
राज्य में पिछले दिनों हुई आपराधिक मामलों का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “शिवराज सरकार में लॉकडाउन में भी दुष्कर्म , गैंगरेप , हत्या , चोरी , लूट की घटनाएं रुक नहीं रही है। मासूम बच्चियां भी सुरक्षित नहीं? जो लोग विपक्ष में इस तरह की घटनाओं पर मासूम बच्चियों को लेकर धरना देते थे, आज सत्ता में आते ही ऐसी घटनाओं पर मौन क्यों है?”
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए ट्वीट कर कहा, “शिवराज जी, आप समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के भले बड़े-बड़े दावे करे , खूब आंकड़े जारी करे लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है। किसान भाइयों को अपनी उपज बेचने के लिये काफी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है। कई- कई दिन तक भीषण गर्मी व लू में अपनी उपज बेचने के लिये भूखा-प्यासा किसान कई किलोमीटर तक लंबी लाइन में लगा हुआ है, उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है।”
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गेहूं खरीदी के मामले में रिकार्ड बनाए जाने पर किसानों को बधाई देते हुए कहा, यही है हमारे किसान बन्धुओं की पहचान! इन्हीं से है मध्यप्रदेश की आन, बान और शान!
कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया का उपयोग कर किए जा रहे हमलों का मुख्यमंत्री चौहान ने ट्विटर पर अपने ही अंदाज में जवाब दिया है। उन्होंने लिखा है कि, “मेरा कांग्रेसी मित्रों से ये आग्रह है कि वो अपने ट्वीट की संख्या बढ़ाए और उचित समय का भी ध्यान रखे। आजकल ये हो रहा है कि वो किसी भी वस्तु को मुद्दा कहते हुए ट्वीट-ट्वीट खेलते रहते है, और मैं पहले ही जनता की हर एक समस्या का संज्ञान ले कर उसके निवारण हेतु काम शुरू कर देता हूं।”
चौहान ने कमल नाथ की पूर्ववर्ती सरकार पर हमला करते हुए कहा, “जब उनकी सरकार थी तब भ्रष्टाचार छोड़ अगर उन्होंने जनता के सोशल इशूज का संज्ञान लिया होता तो आज सोशल मीडिया का सहारा नहीं लेना पड़ता! चलिए कोई बात नहीं, वो राजनीति करते रहे और हम काम। जनता तो सब जानती ही है।”
सियासी दलों के नेताओं में चल रहे सोशल मीडिया वार पर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नेता खाली बैठ नहीं सकते, वर्तमान में कोरोना के कारण उन्हें सभाएं करने, कार्यकर्ताओं की बड़ी बैठकें करने का मौका मिल नही रहा है, तो वे मीडिया तक अपनी बात पहुंचाने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे तो दूसरी ओर ट्विटर पर ज्यादा ही सक्रिय है। यह ट्विटर का वार राजनीतिक दल और नेता को सियासी तैार पर ज्यादा फायदा पहुंचा पाएगा, इसमें शक है। फिर भी नेताओं को अपनी बात कहने के लिए कोई न कोई प्लेटफार्म तो चाहिए और यही कारण है कि वर्तमान हालात में वे सोशल मीडिया का बेतहर उपयोग करने की कोशिश में लगे हैं।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र: वर्धा में बोले पीएम मोदी, ‘आज की कांग्रेस में देशभक्ति की भावना मर चुकी है’।
वर्धा, महाराष्ट्र, 20 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर अपने नेताओं की विदेश यात्राओं के दौरान की गई टिप्पणियों से राष्ट्र का “अपमान” करने का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर उनके हालिया अमेरिकी दौरे के दौरान केंद्र सरकार की आलोचना करने वाले भाषण के लिए अप्रत्यक्ष रूप से हमला किया।
“आज की कांग्रेस में देशभक्ति की भावना मर चुकी है। आज की कांग्रेस में नफरत का भूत घुस चुका है। विदेशी धरती पर कांग्रेस के लोगों की भाषा देखिए, उनका देश विरोधी एजेंडा, समाज को तोड़ने की बातें करना, देश की संस्कृति का अपमान करना – ये वो कांग्रेस है जिसे ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ और ‘अर्बन नक्सल’ के लोग चला रहे हैं।”
महाराष्ट्र के वर्धा में राष्ट्रीय प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यहां तक कि गणेश पूजा को लेकर भी इसमें दिक्कतें हैं। हमने देखा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने गणेश प्रतिमा को पुलिस वैन में रखा।”
पीएम मोदी ने कहा, “कांग्रेस का मतलब झूठ, धोखा और बेईमानी है। उन्होंने तेलंगाना में किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया था लेकिन अब किसान अपने कर्ज माफ कराने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। आज वही पुरानी कांग्रेस नहीं है। आज अगर देश में सबसे बेईमान और भ्रष्ट पार्टी कोई है, तो वह पार्टी कांग्रेस पार्टी है। अगर देश में कोई सबसे भ्रष्ट परिवार है, तो वह कांग्रेस का शाही परिवार है।”
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पार्टी पर “जानबूझकर” कमजोर समूहों को आगे नहीं बढ़ने देने का आरोप लगाया और कहा कि एनडीए सरकार ने इस “पिछड़े विरोधी” सोच को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने जानबूझकर एससी, एसटी और ओबीसी लोगों को आगे नहीं बढ़ने दिया। हमने सरकारी व्यवस्था से कांग्रेस की इस दलित विरोधी और पिछड़ा विरोधी सोच को खत्म कर दिया है। पिछले साल के आंकड़े बताते हैं कि एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय विश्वकर्मा योजना का लाभ उठा रहे हैं।”
उन्होंने कहा, ‘‘यदि पिछली सरकारों ने विश्वकर्मा बंधुओं का ध्यान रखा होता तो इस समाज की कितनी बड़ी सेवा हुई होती।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी सरकार पर भी निशाना साधा और उस पर कपास किसानों को ‘दुख’ में धकेलने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में दशकों तक कांग्रेस और बाद में महा विकास अघाड़ी सरकार ने कपास को महाराष्ट्र के किसानों की ताकत बनाने के बजाय उन्हें बदहाली में धकेला, किसानों के नाम पर राजनीति की और भ्रष्टाचार में लिप्त रहे… 2014 में जब देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनी तो अमरावती में टेक्सटाइल पार्क का काम शुरू हुआ।’’
उन्होंने अमरावती में पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल्स रीजन एंड अपैरल पार्क पर भी प्रकाश डाला और कहा, “आज अमरावती में पीएम मित्र पार्क की भी आधारशिला रखी गई है। आज का भारत अपने कपड़ा उद्योग को वैश्विक बाजार में शीर्ष पर ले जाने के लिए काम कर रहा है। देश का लक्ष्य भारत के कपड़ा क्षेत्र के हजारों साल पुराने गौरव को फिर से स्थापित करना है।”
उन्होंने पीएम विश्वकर्मा योजना के सभी लाभार्थियों को बधाई दी और इस योजना को भारत के हजारों साल पुराने कौशल का उपयोग भारत के विकास के लिए करने का रोडमैप बताया। उन्होंने कहा, “इसी दिन 1932 में महात्मा गांधी ने छुआछूत के खिलाफ अभियान शुरू किया था। विश्वकर्मा योजना के एक साल पूरे होने का यह उत्सव विकसित भारत के हमारे संकल्पों को नई ऊर्जा देगा। मैं विश्वकर्मा योजना से जुड़े सभी लोगों, देश भर के सभी लाभार्थियों को इस अवसर पर बहुत-बहुत बधाई देता हूं।”
उन्होंने कहा, “विश्वकर्मा योजना सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है। विश्वकर्मा योजना की मूल भावना है- सम्मान, सामर्थ्य और समृद्धि! यानि पारंपरिक हुनर का सम्मान, कारीगरों का सशक्तिकरण और विश्वकर्मा भाइयों के जीवन में समृद्धि! यानि पारंपरिक हुनर का सम्मान, कारीगरों का सशक्तिकरण और विश्वकर्मा भाइयों के जीवन में समृद्धि! यही हमारा लक्ष्य है।”इस अवसर पर बोलते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व का सबसे शक्तिशाली देश बनेगा।
इस अवसर पर बोलते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व का सबसे शक्तिशाली देश बनेगा।
मोदी जी के नेतृत्व में 140 करोड़ लोगों का देश को महाशक्ति बनाने का सपना पूरा होगा। आने वाले वर्षों में हमारी भारत सरकार दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों की सूची में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगी, इसका हमें पूरा विश्वास है। मोदी साहब ने कहा था कि 21वीं सदी भारत की सदी है, हम भी यही कहते हैं क्योंकि देश के कप्तान नरेंद्र मोदी हैं।
राष्ट्रीय ‘पीएम विश्वकर्मा’ कार्यक्रम पीएम विश्वकर्मा के तहत प्रगति के एक वर्ष का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले वर्धा में राष्ट्रीय ‘पीएम विश्वकर्मा’ कार्यक्रम के दौरान आयोजित एक प्रदर्शनी का दौरा किया और प्रदर्शनी में लाभार्थियों से बातचीत की।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, अजीत पवार और केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा लाभार्थियों को प्रमाण पत्र और ऋण जारी किए। इस योजना के तहत कारीगरों को दिए जाने वाले ठोस समर्थन का प्रतीक, उन्होंने पीएम विश्वकर्मा के तहत 18 ट्रेडों के तहत 18 लाभार्थियों को ऋण वितरित किया। उनकी विरासत और समाज में उनके स्थायी योगदान को श्रद्धांजलि के रूप में, उन्होंने पीएम विश्वकर्मा के तहत प्रगति के एक वर्ष को चिह्नित करने के लिए समर्पित एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।
उन्होंने महाराष्ट्र के अमरावती में पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्रा) पार्क की आधारशिला भी रखी। 1000 एकड़ के इस पार्क को महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) द्वारा राज्य कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में विकसित किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने “पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर महिला स्टार्टअप योजना” का भी शुभारंभ किया। इस योजना के तहत, महाराष्ट्र में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप को शुरुआती चरण का समर्थन दिया जाएगा। 25 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
दुर्घटना
भिवंडी सांप्रदायिक झड़प: नए डीसीपी ने कहा, कानून और व्यवस्था अब नियंत्रण में है।
ठाणे, 20 सितंबर: महाराष्ट्र के भिवंडी शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है, जहां दो दिन पहले गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान दो समूहों में झड़प हुई थी, शुक्रवार को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा।
पुलिस के अनुसार, कथित तौर पर पत्थर फेंके जाने के बाद टकराव शुरू हुआ, जिससे कस्बे में तनाव पैदा हो गया और उन्हें हस्तक्षेप करना पड़ा।
डॉ. श्रीकांत परोपकारी की जगह क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) बने मोहन दहीकर ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। डॉ. परोपकारी को ठाणे पुलिस मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है।
जनता को दिए गए एक वीडियो संदेश में दहीकर ने कहा कि पुलिस निष्पक्ष जांच करेगी और घटना के पीछे के लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने की भी अपील की।
भिवंडी के सांसद सुरेश म्हात्रे ने गुरुवार को डीसीपी परोपकारी के स्थानांतरण पर आपत्ति जताई थी।
एनसीपी (एसपी) सांसद ने कहा कि दो गणेश मंडलों या सामुदायिक समूहों के बीच हुई मारपीट की घटना निंदनीय है, लेकिन पुलिस ने त्योहार के दौरान समग्र स्थिति को प्रभावी ढंग से संभाला।
म्हात्रे ने एक बयान में कहा कि डॉ. परोपकारी के अचानक तबादले से गलत संकेत गया है। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष उठाएंगे।
महाराष्ट्र
शिवसेना यूबीटी की सुषमा अंधारे ने उपमुख्यमंत्री फडणवीस की आलोचना करते हुए गड्ढों से भरी सड़क का वीडियो शेयर किया; नेटिज़ेंस ने तथ्य-जांच करते हुए कहा, ‘चीन से वीडियो’।
मुंबई: शिवसेना यूबीटी नेता सुषमा अंधारे ने एक बार फिर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस पर गड्ढों से भरी सड़क के वीडियो को लेकर निशाना साधकर सुर्खियां बटोरीं। शिवसेना यूबीटी नेता ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर वीडियो शेयर किया, लेकिन नेटिज़न्स ने इसकी सच्चाई की जांच की और गलत जानकारी शेयर करने के लिए उन्हें और आलोचना का सामना करना पड़ा।
वीडियो में गड्ढे भरी सड़क से वाहन निकलते दिख रहे हैं
अंधारे ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर एक्स पर वीडियो शेयर किया, जिसमें कैप्शन लिखा था, “गुणवत्तापूर्ण सड़कें और फडणवीस के शब्द, बदलाव होगा।” उन्होंने फडणवीस और शिवसेना यूबीटी के आधिकारिक अकाउंट को भी टैग किया। वीडियो में एक सड़क दिखाई दे रही है, जिसमें बड़े-बड़े गड्ढों में पानी भरा हुआ है, जिससे वाहनों का चलना मुश्किल हो रहा है।
कार, वैन और ट्रक सहित कई वाहन गड्ढों से रास्ता बनाकर सड़क से गुजरते देखे जा सकते हैं। पानी से भरे गड्ढों में पहिए डूब जाने के कारण वाहनों को संघर्ष करते देखा जा सकता है। बाद में वीडियो में, एक बाइक सवार को गड्ढे से गुजरने के बाद खुद को संतुलित करते हुए देखा जा सकता है, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई। वीडियो में गड्ढों के कारण क्षतिग्रस्त हुए 20 से अधिक वाहन देखे जा सकते हैं।
नेटिज़ेंस ने वायरल वीडियो की तथ्य-जांच की
अंधारे ने उपमुख्यमंत्री पर उनकी सरकार के शासन में राज्य में सड़कों की खस्ता हालत के लिए निशाना साधा। हालांकि, वीडियो वायरल होने के कुछ ही समय बाद, उन्हें गलत जानकारी साझा करने के लिए नेटिज़ेंस से कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी।
नेटिज़ेंस ने यूबीटी नेता की आलोचना की और स्पष्ट किया कि वीडियो न केवल भारत का है, बल्कि पुराना भी है। जिस वीडियो पर सवाल उठाया जा रहा है, उसके बारे में दावा किया जा रहा है कि वह चीन का है और माना जा रहा है कि इसे चार साल पहले शूट किया गया था।
सुषमा अंधारे हमेशा से ही जनता की समस्याओं को लेकर महायुति सरकार की आलोचना करती रही हैं। लेकिन इस मामले में उनका यह रुख उल्टा पड़ गया और उन्हें खुद की व्यापक आलोचना झेलनी पड़ी।
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