अपराध
7 दिनों में 7 आतंकवादी ढेर, 1 पकड़ा गया : सेना

सेना ने मंगलवार को कहा कि उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पिछले सात दिनों के दौरान सात आतंकवादी मारे गए और एक को जिंदा पकड़ा गया है। मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए, 19 इन्फैंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल वीरेंद्र वत्स ने कहा कि एक 19 वर्षीय आतंकवादी को भारतीय सेना के लोकाचार और मूल्य प्रणाली को ध्यान में रखते हुए पकड़ा गया कि हम किसी भी निहत्थे के खिलाफ बल का प्रयोग नहीं करते हैं।
जीओसी ने खुलासा किया कि एलओसी के पास आतंकवादी लॉन्च पैड पर बहुत अधिक हलचल है और इस्लामाबाद की ओर से अशांति पैदा करने और कश्मीर में किसी तरह की हड़ताल करने के लिए आतंकवादियोंको भेजने के लिए हताशा थी।
“यह ऑपरेशन 18 सितंबर की रात को शुरू हुआ, जब एलओसी पर हमारे गश्ती दल ने घुसपैठ की गतिविधि का पता लगाया।”
“इसके परिणामस्वरूप एक गोलाबारी हुई। जब सभी तथ्यों की जांच की गई, तो हमें पता चला कि 6 आतंकी थे।”
“ये चारों, जो पाकिस्तानी पक्ष में थे, घने पत्ते और अंधेरे का लाभ उठाकर पाकिस्तानी की ओर चले गए।”
“एक बार जब हमें पता चला कि दो घुस गए हैं, तो अतिरिक्त बल जुटाए गए।”
“चूंकि इस क्षेत्र में एक बड़ी नागरिक आबादी है, हमें किसी भी भगदड़ से बचने के लिए संयम बरतना पड़ा। यह सब 18 सितंबर की रात को हुआ।”
“एक बार जब घेरा बढ़ा दिया गया, तो इन आतंकवादियों ने कई मौकों पर बाहर निकलने की कोशिश की।”
“आखिरकार, हमारे सैनिकों ने 25 सितंबर की शाम को एक नाले में छिपे आतंकी को पकड़ लिया गया।”
“इसके बाद, एक मुठभेड़ हुई और 26 सितंबर की सुबह एक आतंकवादी को मार गिराया गया।”
“उसके साथी ने उसकी जान बख्शने की गुहार लगाई।”
जैसा कि भारतीय सेना की लोकाचार और मूल्य प्रणाली है। हम किसी भी निहत्थे व्यक्ति के खिलाफ बल का प्रयोग नहीं करते हैं, इसलिए सावधानी बरती गई और उसे पकड़ लिया।”
“उसने अपनी पहचान पंजाब पाकिस्तान निवासी दिवंगत मोहम्मद लतीफ के बेटे अली बाबा बत्रा (19) के रूप में की।”
“उसने स्वीकार किया है कि वह लश्कर का सदस्य है और उसे संगठन द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। उसने खुलासा किया कि वह 2019 में खैबर शिविर मुजफ्फराबाद में 3 सप्ताह की ट्रेनिंग के लिए गया था।”
“प्रशिक्षण के बाद उन्हें घर भेज दिया गया और इस वर्ष महत्वपूर्ण कार्य के लिए वापस बुला लिया गया। उसने अपनी मां का संपर्क नंबर दिया है, जो 03013668927 है।”
घुसपैठ की यह कोशिश सलामाबाद नाले के इलाके में की गई थी। यह वही इलाका है, जहां से 2016 में घुसपैठ का इतिहास रहा है, जब उरी में आत्मघाती हमला हुआ था।
“इस क्षेत्र के सामने पाकिस्तान की जब्ररी चौकी है और लोगों के इस बड़े समूह की आवाजाही पाकिस्तानी सेना की सक्रिय भागीदारी के बिना नहीं हो सकती है।”
“हमने यह भी देखा है कि एलओसी के पार लॉन्च पैड में काफी हलचल हुई है।”
“आपको याद होगा कि घुसपैठ की कोशिश 18 सितंबर को की गई थी, जब पड़ोसी इलाके में तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया था।”
“यह पाकिस्तान की हताशा को दर्शाता है। कश्मीर में शांति है। यह पाकिस्तान को पसंद नहीं है।”
उन्होंने कहा कि पिछले सात दिनों के दौरान, सात आतंकवादी मारे गए हैं और एक को एलओसी पर पकड़ा गया है।
जीओसी ने कहा, “इनमें से पांच न्यूट्रलाइजेशन के साथ आए हैं। एलओसी पर दो ऑपरेशनों में प्रमुख बरामदगी सात एके सीरीज राइफलें, नौ पिस्तौल और रिवॉल्वर और विभिन्न प्रकार के 80 ग्रेनेड, भारतीय और पाकिस्तान मुद्राओं की हुई है।”
अपराध
नासिक : धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह के बाद बवाल, पथराव में कई घायल

नासिक, 16 अप्रैल। नासिक के काठे गली इलाके में मंगलवार रात पुलिस पर पथराव किया गया। यह घटना तब हुई जब क्षेत्र में बिजली कट गई और इसी अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने अचानक पुलिस और आसपास खड़े वाहनों पर पत्थर बरसाने शुरू कर000000 दिए। इस हिंसक घटनाक्रम में तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पांच वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हंगामे की वजह एक धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह बताई जा रही है।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। रात में करीब 500 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया ताकि हालात और न बिगड़ें। बताया जा रहा है कि हंगामे के समय करीब 400 से 500 लोग मौजूद थे। पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए इलाके में ट्रैफिक मार्गों में बदलाव भी कर दिए हैं। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मिलकर हालात पर कड़ी नजर रखी और रात भर गश्त जारी रही।
सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले की जड़ एक विवादास्पद धार्मिक स्थल है, जिस पर पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। नगरपालिका ने 1 अप्रैल को अदालत के आदेश के बाद एक अनधिकृत निर्माण पर नोटिस दिया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्माण को स्वयं नहीं हटाया गया तो प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। इस चेतावनी के बावजूद धार्मिक स्थल को नहीं हटाया गया, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और तमाम तरह की अफवाह फैल गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में कुछ धार्मिक स्थलों का निर्माण बिना अनुमति के किया गया था और इन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, जिसके बाद यह घटना हुई है। अगले दो दिनों में ऐसे सभी अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा। नासिक पुलिस का कहना है पुलिस पूरे इलाके में शांति बनाए रखने के लिए कार्रवाई कर रही है। पुलिस और प्रशासनिक अमले की मौजूदगी अब भी इलाके में बनी हुई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
अपराध
जयपुर: ईडी ने पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी की

जयपुर, 15 अप्रैल। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को जयपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी शुरू की। प्रताप सिंह राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
यह कार्रवाई प्रदेश के चर्चित 2,850 करोड़ रुपये के पीएसीएल घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह पर आरोप है कि घोटाले की कुछ राशि उनके पास भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 माह में लोगों को ब्याज सहित भुगतान करें। सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है।
पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे, जिसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी और सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और सेबी केस जीत गई। 17 साल तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2,850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49,100 करोड़ का निवेश किया था।
कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। इस घोटाले का पहला खुलासा जयपुर में ही हुआ था, जब 2011 में चौमू थाने में ठगी और चिट फंड एक्ट के तहत पहला केस दर्ज किया गया। मामले में प्रताप सिंह की भागीदारी 30 करोड़ के आसपास बताई जा रही है, जिसको लेकर अब ईडी जांच कर रही है।
अपराध
सलमान खान को फिर मिली जान से मारने की धमकी

मुंबई: फिल्म अभिनेता सलमान खान को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। सलमान खान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर हैं और लॉरेंस गैंग सलमान को जान से मारने की धमकी भी दे चुका है, जिसके बाद से सलमान खान को सोशल मीडिया पर लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल रूम को एक व्हाट्सएप संदेश मिला जिसमें सलमान खान को उनके घर में घुसकर जान से मारने और उनकी कार को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। यह धमकी भरा संदेश मिलने के बाद वर्ली पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धमकी का मामला दर्ज कर लिया है।
मुंबई पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि सलमान खान को धमकी देने वाला शख्स किसी गिरोह से जुड़ा है या फिर किसी ने शरारत में यह धमकी दी है। धमकी भरे संदेश के बाद पुलिस भी अलर्ट पर है। सलमान खान के घर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही सलमान खान को वाई प्लस सुरक्षा भी प्राप्त है। ऐसे में पुलिस ने भी इस धमकी को गंभीरता से लिया है।
मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पंचालकर ने भी पुलिस को धमकी भरे फोन कॉल, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर धमकी भरे संदेशों को लेकर सतर्क रहने का आदेश दिया है। मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच भी इस मामले की जांच कर रही है। सलमान खान की जान को खतरा है, इसलिए पुलिस किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है और पुलिस ने इस मामले में जांच भी शुरू कर दी है। सलमान खान को इससे पहले भी कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
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