अंतरराष्ट्रीय
‘ईरानी सरजमीं’ से हुए हमले में 4 पाक सुरक्षाकर्मी मारे गए

इस्लामाबाद, 19 जनवरी : पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि देश के सशस्त्र बलों पर ‘ईरानी सरजमीं’ से किए गए नए आतंकवादी हमले में कम से कम चार सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना तब हुई जब पाकिस्तान-ईरान सीमा पार से आतंकवादियों ने बलूचिस्तान के पंजगुर जिले के चुकाब इलाके में खाई के पास गश्त कर रहे सुरक्षाकर्मियों के एक काफिले को निशाना बनाया।
इसके जवाब में सेना की मीडिया शाखा ने कहा कि ईरानी पक्ष को आतंकवादियों को ढूंढने के लिए कहा गया है। यह ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान बढ़ते आतंकवादी हमलों विशेष रूप से प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और अफगान सीमा पार से निपट रहा है।
रिपोटरें के अनुसार, तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफगानिस्तान में टीटीपी फिर से संगठित हो गया, पाकिस्तान बार-बार पड़ोसी देश में अंतरिम सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कह रहा था कि उसकी जमीन का उपयोग आतंकवाद के लिए नहीं किया जाता है। लेकिन तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई है।
आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, उग्रवादियों की गतिविधियों को मुख्य रूप से बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में केंद्रित किया गया है, जिसमें पिछले वर्ष के दौरान हुए हमलों का 31 प्रतिशत और बाद के 67 प्रतिशत का हिसाब था।
जियो न्यूज ने सेना के मीडिया विंग के हवाले से कहा कि सुरक्षा बलों पर हमले से कुछ घंटे पहले, बलूचिस्तान में एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन (आईबीओ) के दौरान हुई गोलीबारी में चार आतंकवादी मारे गए थे।
आईएसपीआर ने अपने बयान में कहा कि सुरक्षा बलों और नागरिकों पर गोलीबारी की घटनाओं से जुड़े आतंकवादियों के एक ठिकाने को साफ करने के लिए ऑपरेशन शुरू किया गया था।
जियो न्यूज ने बताया कि एक दिन पहले ही सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर ने संकल्प लिया था कि बलूचिस्तान को अस्थिर करने के लिए सेना ‘विदेशी प्रायोजित और समर्थित’ शत्रुतापूर्ण तत्वों के प्रयासों को विफल कर देगी।
जनरल मुनीर ने कहा था, “बलूचिस्तान में मुश्किल से अर्जित शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने के लिए पाकिस्तान के बाहरी दुश्मनों के नापाक मंसूबों से हम वाकिफ हैं।”
उन्होंने कहा, “दक्षिण-पश्चिमी प्रांत में परोपकारी जन-केंद्रित सामाजिक आर्थिक विकास के लिए एक सक्षम वातावरण प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।”
जियो न्यूज ने बताया कि पिछले महीने, बलूचिस्तान में क्वेटा, तुरबत, हब और कोहलू जिलों में सात अलग-अलग विस्फोटों में पांच सैनिक मारे गए और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी ड्रोन के निशाने पर थे निर्दोष नागरिक, भारतीय सेना ने मार गिराया

नई दिल्ली, 10 मई। भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर दिया है। पाकिस्तान ने हमला ड्रोन के जरिए शनिवार की सुबह किया। हालांकि, पहले से सतर्क भारतीय सेना के आगे पाकिस्तान की एक नहीं चली और उसके ड्रोन जमीन पर औंधे मुंह गिरे।
बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान की सेना ने विस्फोटकों से भरे ड्रोन भारतीय आबादी क्षेत्र में भेजे थे। इनका मकसद पंजाब में सामान्य नागरिकों के ठिकानों पर हमला करना था। पाकिस्तान के ड्रोन भारत में ज्यादा से ज्यादा सामान्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। लेकिन, पाकिस्तान के नापाक मंसूबे को भारतीय सेना ने पूरी तरह से विफल कर दिया।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के सुबह लगभग पांच बजे, पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार पंजाब के अमृतसर की ओर कई कामिकेज ड्रोन भेजे। कामिकेज ड्रोन एक खतरनाक आत्मघाती मानव रहित हवाई वाहन होते हैं। ये ड्रोन विस्फोटक के साथ उड़ान भरते हैं। पेलोड यानी विस्फोटक समेत ड्रोन अपने लक्ष्य से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे गए इन ड्रोनों का लक्ष्य भारत में अमृतसर की घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों पर हमला करना था। हालांकि, भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली की सतर्कता और तेज प्रतिक्रिया के चलते, ये ड्रोन भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही कुछ ही क्षणों में पहचान लिए गए। सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने इन्हें ट्रैक किया और तुरंत ही नष्ट कर दिया।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा क्षेत्र में तैनात त्वरित प्रतिक्रिया वाली वायु रक्षा तोपों का उपयोग कर गनर्स ने इन ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया। इन पाकिस्तानी ड्रोन का मलबा अमृतसर के रिहायशी इलाकों में नहीं गिरा और कोई जनहानि नहीं हुई।
रक्षा जानकार बताते हैं कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि इन ड्रोनों में उच्च विस्फोटक सामग्री थी। पाकिस्तानी ड्रोन में मौजूद इस विस्फोटक सामग्री का उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को अधिकतम क्षति पहुंचाना था। यह पाकिस्तान की ओर से उकसावे की एक नई और गंभीर हरकत मानी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय
जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट की खबर निकली झूठी, पाकिस्तान के फेक दावों की खुली पोल

नई दिल्ली, 9 मई। पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा पर लगातार हमले की कोशिश जारी है, लेकिन भारतीय सेना की तरफ से भी पाकिस्तानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक दावों के साथ पोस्ट भी शेयर किए जा रहे हैं। ऐसी ही एक पोस्ट में दावा किया गया कि जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट हुआ है, लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट के पाकिस्तान के दावों की पोल खोल दी है। पीआईबी के फैक्ट चेक में पुष्टि हुई है कि जिस तस्वीर को जम्मू एयरफोर्स बेस का बताया जा रहा है, वह तस्वीर साल 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट की है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, “भारत में जम्मू एयरफोर्स बेस पर कई विस्फोटों के झूठे दावों के साथ एक पुरानी तस्वीर प्रसारित की जा रही है। पीआईबी फैक्ट चेक में पता चला है कि यह तस्वीर अगस्त 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट की है। उस समय की एक रिपोर्ट का लिंक भी शेयर किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “गलत सूचना के झांसे में न आएं। शेयर करने से पहले हमेशा पुष्टि करें।”
इससे पहले, पीआईबी फैक्ट चेक ने पाकिस्तान द्वारा गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमले की झूठी खबरों का भी खंडन किया था।
पीआईबी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ खूब वायरल हो रही है कि गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमला हुआ है। लेकिन, यह इससे जुड़ा हुआ वीडियो नहीं है। यह वीडियो तेल टैंकर विस्फोट को दर्शा रहा है और 7 जुलाई 2021 की है। इस वीडियो को शेयर न करें।
पीआईबी फैक्ट चेक में एक और वीडियो के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें दावा किया जा रहा था कि यह जालंधर पर ड्रोन स्ट्राइक का वीडियो है। जबकि यह वीडियो फॉर्म फायर का है। इस वीडियो को शेयर न करने की अपील की गई है।
अंतरराष्ट्रीय
वाघा सीमा पहुंचे पर्यटक बोले- ‘ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान को जवाब, हमारी सेना ने अच्छा किया’

अमृतसर, 7 मई। भारत-पाकिस्तान सीमा पर प्रतिदिन आयोजित होने वाले रिट्रीट समारोह को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अगले आदेश तक रद्द कर दिया गया है। बॉर्डर पर अभी भी बड़ी संख्या में उत्सुक लोग जुट रहे हैं। बुधवार का दिन इनके लिए खास था। सभी ने एक सुर में भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तारीफ की।
पर्यटकों ने कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाना बहुत जरूरी है। वह भारत में हमले करता था, जिसके कारण भारत ने पाकिस्तान पर हमला कर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है।
एक पर्यटक ने बताया कि हम रिट्रीट समारोह स्थल देखने आए थे। समारोह रोका गया है और सुरक्षा के लिहाज से हम इस निर्णय को समझते हैं। हमें खुशी है कि भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की है।
महिला पर्यटक ने कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाना बहुत जरूरी है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उठाए गए इस कदम की सराहना करते हैं।
एक अन्य पर्यटक ने बताया कि हमें बताया गया है कि रिट्रीट समारोह नहीं होगा। हमें जो भी निर्देश दिए गए हैं, उनका पालन किया जाएगा। मैं खुश हूं कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ जो कदम उठाया है, वह सराहनीय है।
स्थानीय निवासी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने पहलगाम हमले का बदला एयर स्ट्राइक से लिया है। लोगों में इस हमले को लेकर काफी उत्साह है और बॉर्डर क्षेत्र में रहने वाले लोग 1965 और 1971 की जंग से वाकिफ हैं। वे भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। मगर, पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आता है।
बता दें कि बीएसएफ ने किसी भी पर्यटक को इंटर-गैपिंग चेक पोस्ट से आगे जाने की अनुमति नहीं दी। रिट्रीट समारोह को अगली सूचना तक पर्यटकों के लिए बंद किया गया है।
पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान स्थित नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है। इस कार्रवाई के बीच, गृह मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की है कि भारत ने अगले आदेश तक करतारपुर कॉरिडोर को बंद कर दिया है।
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