राष्ट्रीय समाचार
मुंबई के मानखुर्द बाल गृह से 16 वर्षीय लड़का लापता, पुलिस ने शुरू की तलाश

मुंबई, 12 सितंबर। मुंबई के मानखुर्द इलाके में स्थित एक बाल गृह से 16 साल के एक नाबालिग लड़के के लापता होने की चौंकाने वाली घटना सामने आई है।
इस मामले में ट्रॉम्बे पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 137(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और बच्चे की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, घटना की जानकारी बाल गृह के सुरक्षा गार्ड ने ट्रॉम्बे पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई शिकायत में दी।
गार्ड ने बताया कि वह दोपहर 4:00 बजे अपनी ड्यूटी पर आया था। उस समय उपस्थिति जांच में बाल गृह में 71 बच्चे मौजूद थे। इसके बाद बच्चों को नाश्ता दिया गया और उन्हें परिसर में खेलने की इजाजत दी गई। शाम 6:00 बजे दोबारा उपस्थिति जांच की गई, जिसमें सभी बच्चे मौजूद पाए गए। लेकिन, रात 9:30 बजे की अंतिम गिनती के दौरान एक 16 वर्षीय लड़के के गायब होने का पता चला।
पुलिस के अनुसार, बाल गृह के कर्मचारियों ने तुरंत परिसर की तलाशी ली। लेकिन, बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को सूचित किया गया।
ट्रॉम्बे पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आसपास के इलाकों में बच्चे की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की है और बाल गृह के कर्मचारियों व अन्य बच्चों से पूछताछ कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि बच्चा कब और कैसे लापता हुआ।
पुलिस ने यह भी बताया कि बच्चे के लापता होने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। इसके अलावा, यह संदेह भी जताया जा रहा है कि वह खुद परिसर से बाहर निकल गया हो या किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ गया हो। स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना पर चिंता जताई है और बाल गृह की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
राष्ट्रीय समाचार
भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल जेलों से भागे गिरफ्तार कैदियों की संख्या 67 पहुंची

CRIME
नई दिल्ली, 12 सितंबर। भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल की जेलों से भागे हुए कैदियों की गिरफ्तारी की संख्या 67 हो गई है।
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने पिछले 24 घंटों में 32 और भगोड़े नेपाली कैदियों को पकड़ा है। इन गिरफ्तार कैदियों में एक महिला भी शामिल है। नेपाल में चल रही अशांति के बीच जेल ब्रेक की घटनाओं से हाई अलर्ट जारी होने के बाद सीमा पर सभी एजेंसियां सतर्क हैं।
पुलिस और एसएसबी के अधिकारियों के अनुसार, नेपाल में जेन-जी के विरोध प्रदर्शन के दौरान भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए। इससे देश भर में 24 से अधिक जेलों से 15,000 से ज्यादा कैदी भाग निकले। इनमें से कई भारत की ओर भागने की कोशिश कर रहे हैं। एसएसबी ने बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में तैनात 50 बटालियन के जरिए सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है। गिरफ्तार कैदियों को स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया गया है और उन पर विदेशी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।
घटनाओं की जानकारी देते हुए एसएसबी ने बताया कि नेपाल के महोत्तरी जिले के जेलेश्वर में मंगलवार रात को जेल ब्रेक हुआ, जिसमें सैकड़ों कैदी भागे। इसके अलावा, काठमांडू की दिल्ली बाजार जेल, रामे छाप जिले की जेल और अन्य जगहों से भी कैदी फरार हुए। रामे छाप जेल में कैदियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प में गुरुवार को तीन कैदियों की मौत हो गई और कुल आठ कैदियों की जान जा चुकी है।
नेपाल आर्मी ने जेलों की सुरक्षा संभाली है, लेकिन अराजकता बनी हुई है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा और कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है।
बता दें कि चार सितंबर को नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके विरोध में जेनजी सड़क पर आकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। इसके अलावा, कहा जा रहा है कि जेनजी ने नेपाल सरकार के भ्रष्टाचार के विरोध में भी प्रदर्शन किया। नेपाल में यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें कई युवाओं की मौत हो गई। वहीं, कई घायल हो गए, जिनका अस्पताल में उपचार चल रहा है।
राष्ट्रीय समाचार
ठाणे नगर परिवहन, प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत अतिरिक्त 123 बसों के साथ टीएमटी बस बेड़े का विस्तार करने के लिए तैयार

ठाणे नगर परिवहन उपक्रम (टीएमटी) ठाणेकरों के लिए सार्वजनिक परिवहन में सुधार लाने और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए पर्यावरण अनुकूल इलेक्ट्रिक बसों के साथ अपने बेड़े को बढ़ाने की प्रक्रिया में है।
टीएमटी ने हाल ही में 123 इलेक्ट्रिक वातानुकूलित बसों को एकीकृत किया है और केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत उसे 100 अतिरिक्त बसें मिलने वाली हैं। मूल रूप से, इनमें से 25 बसें अगस्त के अंत तक आने की उम्मीद थी, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण इनमें देरी हो गई है, जिसके कारण इसे लगभग एक महीने के लिए और स्थगित कर दिया गया है।
इस पहल का उद्देश्य 15वें वित्त आयोग, केंद्र और राज्य सरकारों, तथा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के योगदान से वित्तपोषित कुल 403 इलेक्ट्रिक बसें खरीदना है। इनमें से 123 बसें पहले ही बेड़े में शामिल हो चुकी हैं।
शेष 86 बसों की खरीद एक साल के भीतर पूरी होने की उम्मीद है, जबकि अतिरिक्त 94 बसें अगले दो सालों में खरीदी जाएँगी। पूर्व प्रतिबद्धताओं के बावजूद, पीएम योजना के तहत नियोजित 100 वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों को सितंबर शुरू होने तक अभी तक बेड़े में शामिल नहीं किया गया है।
टीएमटी एक गैर-लाभकारी संस्था है और वर्तमान में लगभग 400 बसों के बेड़े का प्रबंधन करती है, जिनमें से 360 सक्रिय रूप से आबादी की सेवा कर रही हैं। ठाणे की आबादी 25 लाख से ज़्यादा हो गई है, जिससे यात्रियों की ज़रूरत पूरी करने के लिए बसों की संख्या बढ़ाना ज़रूरी हो गया है। टीएमटी पर्यावरण-अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने को प्राथमिकता देती है, इसलिए यह पर्यावरणीय चिंताओं का समाधान करते हुए परिचालन दक्षता बनाए रखने पर केंद्रित है।
प्रशासन ने कहा है कि प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत उपलब्ध कराई गई बसों का हाल ही में नागपुर में निरीक्षण किया गया था, जहां कुछ तकनीकी त्रुटियां पाई गईं, जिसके कारण उनकी तैनाती में देरी हुई।
प्रबंधक भालचंद्र बेहेरे ने विश्वास व्यक्त किया कि ये मुद्दे संभवतः एक महीने के भीतर हल हो जाएंगे, जिसके बाद बसों को अंततः टीएमटी के बेड़े में शामिल किया जा सकेगा, जिससे ठाणे में सार्वजनिक परिवहन का अनुभव बेहतर हो सकेगा।
राजनीति
वोटर लिस्ट में नाम से जुड़े मामले में सोनिया गांधी के खिलाफ याचिका खारिज

SONIA GANDHI
नई दिल्ली, 11 सितंबर। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने गुरुवार को नागरिकता और वोटर लिस्ट में नाम से जुड़े एक मामले में सोनिया गांधी के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इससे पहले अदालत ने इस मामले में बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि सोनिया गांधी ने बिना नागरिकता हासिल किए 1980 की वोटर लिस्ट में अपना नाम शामिल कराया।
याचिका में दावा किया गया था कि सोनिया गांधी ने 30 अप्रैल 1983 को भारतीय नागरिकता प्राप्त की थी, जबकि उनका नाम 1980 की दिल्ली की वोटर लिस्ट में शामिल था। याचिका में यह सवाल उठाया गया था कि 1980 में सोनिया गांधी का नाम वोटर लिस्ट में कैसे आया, जबकि उन्होंने नागरिकता 1983 में हासिल की थी।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया था कि 1982 में उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया था। याचिकाकर्ता ने सवाल उठाया कि 1982 में उनका नाम वोटर लिस्ट से क्यों हटाया गया और इसके पीछे क्या वजह थी।
इस याचिका में एक और गंभीर सवाल उठाया गया था कि 1983 में भारतीय नागरिकता हासिल करने के बाद 1980 की वोटर लिस्ट में सोनिया गांधी का नाम किस आधार पर शामिल किया गया? क्या इसके लिए किसी फर्जी दस्तावेज का सहारा लिया गया था?
याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की थी कि दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया जाए कि वह इस मामले में मुकदमा दर्ज करे और जांच कर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे। हालांकि, राऊज एवेन्यू कोर्ट ने किसी भी तरह की जांच की आवश्यकता नहीं समझी और याचिका को खारिज कर दिया।
यह याचिका विकास त्रिपाठी नाम के एक व्यक्ति ने दाखिल की थी। बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने गुरुवार शाम करीब 4 बजे इस मामले पर फैसला सुनाए जाने की बात कही थी। इस मामले में सोनिया गांधी के खिलाफ लगातार सवाल उठाए जा रहे थे।
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