व्यापार
वैश्विक अनिश्चितता के कारण मांग बढ़ने से सोना और चांदी की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर

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मुंबई, 17 अक्टूबर: मजबूत वैश्विक संकेतों के चलते शुक्रवार को भारत में सोने और चांदी की कीमतें नए रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं।
कमजोर अमेरिकी डॉलर और बढ़ती हाजिर मांग ने कीमतों को और अधिक बढ़ा दिया, जिससे निवेशकों ने तेजी की उम्मीद में खरीदारी की।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर, सोने का दिसंबर वायदा भाव 2,000 रुपए या 1.6 प्रतिशत बढ़कर 1,31,920 रुपए प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।
चांदी का दिसंबर वायदा भी लगभग 2,000 रुपए या 1.2 प्रतिशत बढ़कर 1,69,676 रुपए प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
वैश्विक स्तर पर सोना 2008 के बाद से अपने सर्वश्रेष्ठ साप्ताहिक प्रदर्शन की ओर अग्रसर है।
यह तेजी अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में वृद्धि और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में एक और कटौती की बढ़ती उम्मीदों के कारण देखी जा रही है।
अमेरिकी डॉलर सूचकांक में 0.20 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे अन्य मुद्राओं का इस्तेमाल करने वाले खरीदारों के लिए सोना सस्ता हो गया और सुरक्षित निवेश के रूप में इसकी लोकप्रियता बढ़ी।
भारत में बढ़ती कीमतों के बावजूद सोने की मांग मजबूत बनी हुई है।
विश्लेषकों का कहना है कि ग्राहक कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका से और अधिक सोना खरीद रहे हैं।
उन्होंने कहा, “नए संकेतों के अभाव और अमेरिकी राजकोषीय स्थिति को लेकर लगातार चिंताओं ने सुरक्षित निवेश की मांग को मजबूत किया है, जिससे सोने की कीमतों में तेजी दर्ज की गई है।।”
उन्होंने आगे कहा, “ट्रेडर्स सरकार के फिर से खुलने के किसी भी संकेत पर कड़ी नजर रख रहे हैं, इसलिए निकट भविष्य में सोने के दामों में तेजी बनी रहने की संभावना है।”
विशेषज्ञों का कहना है कि समर्थन स्तर 1,26,000-1,24,500 रुपए पर बना हुआ है, जबकि प्रतिरोध स्तर 1,29,000-1,30,000 रुपए के आसपास है।
इस वर्ष अब तक घरेलू सोने की कीमतों में 65 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जिसे वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं, केंद्रीय बैंकों की भारी खरीदारी, अमेरिका में कम ब्याज दरों की उम्मीदों और सोने पर आधारित एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में मजबूत निवेश का समर्थन मिला है।
राष्ट्रीय समाचार
केंद्र सरकार ने पीएम गतिशक्ति योजना के तहत पांच मुख्य प्रोजेक्ट्स का मूल्यांकन किया

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर: पीएम गतिशक्ति योजना के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप ने शुक्रवार को पांच इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का मूल्यांकन किया, जिसमें दो हाइवे प्रोजेक्ट्स, दो रेलवे प्रोजेक्ट्स और एक मेट्रो रेल प्रोजेक्ट शामिल था, यह प्रोजेक्ट्स एकीकृत मल्टीमॉडल इन्फ्रास्ट्रक्चर, आर्थिक और सामाजिक नोड्स के लिए अंतिम-मील कनेक्टिविटी और ‘संपूर्ण-सरकार’ दृष्टिकोण के पीएम गतिशक्ति सिद्धांतों के अनुरूप थे।
रेलवे प्रोजेक्ट्स में कर्नाटक में होसपेट और बल्लारी के बीच 65 किलोमीटर लंबी रेल लाइन को चौगुना करना शामिल है। यह प्रोजेक्ट राज्य के सबसे औद्योगिक और खनिज-समृद्ध गलियारों में से एक को टारगेट करता है, जिसका उद्देश्य मौजूदा मार्गों पर भीड़भाड़ कम करना, माल ढुलाई क्षमता बढ़ाना और होसपेट-बल्लारी औद्योगिक क्षेत्र के तेज आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
होसापेट-बल्लारी क्षेत्र खनन, इस्पात उत्पादन, बिजली उत्पादन और सीमेंट निर्माण का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। लौह अयस्क, कोयला, इस्पात और सीमेंट जैसी थोक वस्तुओं की भारी आवाजाही के कारण मौजूदा दोहरी लाइन लगभग पूरी क्षमता पर चल रही है।
दूसरी प्रोजेक्ट में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में गोंदिया से जबलपुर तक 230.5 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का दोहरीकरण शामिल है। मौजूदा एकल-लाइन सेगमेंट में अकसर रुकावटें आती हैं, जिसके परिणामस्वरूप परिचालन धीमा, लंबा टर्नअराउंड समय और माल ढुलाई में देरी होती है। यह गलियारा पूर्वी और मध्य भारत के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है, जो उद्योगों, कृषि और खनिज-समृद्ध क्षेत्रों को सहयोग प्रदान करता है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग 921 के महवा-मंडावर 50 किलोमीटर लंबे सेगमेंट के चौड़ीकरण और अपग्रेडेशन के लिए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव की घोषणा की है। वर्तमान में, यह सेगमेंट 4-लेन राजमार्ग के रूप में कार्य करता है, लेकिन लगातार बढ़ते वाहनों के आवागमन और व्यापार एवं ट्राजिट गलियारे के रूप में इस क्षेत्र की बढ़ती भूमिका को देखते हुए, इसकी क्षमता का विस्तार करना आवश्यक हो गया है।
पूरा होने के बाद, नया महवा-मंडावर सेगमेंट राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करेगा, जिससे राज्य की सीमाओं के पार निर्बाध संपर्क स्थापित होगा।
दूसरी हाइवे प्रोजेक्ट में पटना महानगर क्षेत्र में अनीसाबाद से दीदारगंज तक 13.37 किलोमीटर लंबे छह-लेन एलिवेटेड रोड और एक सर्विस रोड का निर्माण शामिल है।
यह प्रोजेक्ट बिहार को पड़ोसी राज्यों से जोड़ने वाले क्षेत्रीय व्यापार गलियारों को सहयोग देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, साथ ही बाजारों, औद्योगिक समूहों और लॉजिस्टिक केंद्रों तक बेहतर पहुंच प्रदान करके आर्थिक केंद्रों के विकास को भी सुगम बनाएगा।
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने जयपुर मेट्रो चरण 2 के विकास का प्रस्ताव रखा है, जो प्रह्लादपुरा से टोडी मोड़ तक 42.8 किलोमीटर लंबा उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर होगा। इस परियोजना में 36 स्टेशन शामिल होंगे – 34 एलिवेटेड और दो भूमिगत – जो हल्दी घाटी गेट, सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र, एसएमएस अस्पताल, अंबाबाड़ी और विद्याधर नगर जैसे महत्वपूर्ण स्थानों को कवर करेंगे।
टोंक रोड और सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र के साथ संरेखण जयपुर के प्रमुख विकास क्षेत्रों से संपर्क को मजबूत करेगा।
यह कॉरिडोर चांदपोल स्टेशन पर चालू पूर्व-पश्चिम लाइन से और जयपुर जंक्शन मेट्रो स्टेशन पर एक फुटओवर ब्रिज के माध्यम से जुड़ेगा, जिससे रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डे तक पहुंच आसान हो जाएगी। इससे यातायात की भीड़भाड़ कम होने, वाहनों का उपयोग कम होने, प्रदूषण कम होने और ईंधन की खपत कम होने की उम्मीद है।
व्यापार
मैंने एआई के चलते एक भी नौकरी जाते हुए नहीं देखी : डेलॉइट के शीर्ष अधिकारी

AI
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तेजी से इंडस्ट्री को बदल रहा है और मैंने इसके चलते अब तक एक भी नौकरी जाते हुए नहीं देखी है। डेलॉइट के प्रिंसिपल और ग्लोबल एआई लीडर नितिन मित्तल ने शुक्रवार को यह बयान दिया।
एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 में “आखिरी नौकरी? एआई और काम का भविष्य” शीर्षक वाले सत्र के दौरान बोलते हुए मित्तल ने कहा कि उन्होंने एआई के कारण नौकरी जाने का एक भी उदाहरण नहीं देखा है।
मित्तल ने कहा, “मैंने एआई के कारण एक भी नौकरी जाते हुए नहीं देखा,” उन्होंने इस बात पर चर्चा की कि कैसे एजेन्टिक एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी वर्क पैटर्न को नया रूप दे रही है।
उन्होंने बताया कि कुछ नौकरियां -जिनमें खासकर बार-बार कोडिंग होती है- प्रभावित हो रही हैं, लेकिन वे गायब होने के बजाय विकसित हो रही हैं।
उन्होंने कहा, “कोडिंग इसका एक आदर्श उदाहरण है। जिन नौकरियों पर असर पड़ रहा है, वे इंसानों द्वारा की जाने वाली व्हाइट कोडिंग है। विशेष रूप से एजेंटिक एआई ऐसी नौकरियों पर प्रभाव डालेगा, लेकिन मुझे एक भी ऐसी नौकरी नहीं मिली जो एआई के कारण चली गई हो।”
मित्तल ने एजेंटिक एआई को ऑटोनॉमस सिस्टम बताया जो न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के साथ अपने लक्ष्य निर्धारित कर सकती हैं, योजना बना सकती हैं और कार्य कर सकती हैं।
उन्होंने सॉवरेन एआई के महत्व पर भी जोर दिया, जो न केवल डेटा की सुरक्षा करता है, बल्कि राष्ट्र की संस्कृति और भाषा को भी संरक्षित करता है।
यह पूछे जाने पर कि भारत वैश्विक एआई क्रांति में एक “बैक ऑफिस” बनकर न रह जाए, मित्तल ने कहा कि देश अपने मजबूत सर्विस सेक्टर के कारण पहले से ही एक स्वाभाविक लाभ प्राप्त कर रहा है।
उन्होंने कहा, “अपने मजबूत सर्विस सेक्टर के कारण भारत को एआई में तकनीक लागू करने में एक जोरदार और स्वाभाविक लाभ प्राप्त है। लेकिन सवाल यह है कि हम इसका लाभ कैसे उठाएं? इसके लिए बड़े पैमाने पर री-स्किलिंग डेवलपमेंट और निवेश की आवश्यकता है।”
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि भारत सरकार ने एआई-केंद्रित कई कार्यक्रम शुरू किए हैं, लेकिन समग्र समाज को इस बदलाव को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी लेनी होगी।
उन्होंने कहा, “चुनौती यह है कि नौकरियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में चिंतित होने के बजाय, हमें इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि हम एआई के निवेशक और उपभोक्ता कैसे बन सकते हैं।”
व्यापार
हल्की बढ़त के साथ हरे निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार

मुंबई, 17 अक्टूबर: भारतीय शेयर बाजार ने शुक्रवार को हल्की बढ़त के साथ हरे निशान में सकारात्मक शुरुआत की। शुरुआती कारोबार में ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर में खरीदारी देखी जा रही थी, जबकि आईटी और पीएसयू बैंक लाल निशान में बने हुए थे।
सुबह करीब 9.46 बजे, सेंसेक्स 100.42 अंक या 0.12 प्रतिशत की बढ़त के साथ 83,568.08 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 19.95 अंक या 0.08 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,605.25 पर कारोबार कर रहा था।
ब्रॉडकैप सूचकांकों में, निफ्टी मिडकैप 100 में 0.21 प्रतिशत की गिरावट और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.29 प्रतिशत की बढ़त में कारोबार कर रहे थे।
सेक्टोरल फ्रंट पर निफ्टी ऑटो 0.69 प्रतिशत, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज 0.06 प्रतिशत और निफ्टी फार्मा 0.01 प्रतिशत की बढ़त में रहे। जबकि निफ्टी आईटी 1.25 प्रतिशत और निफ्टी पीएसयू बैंक 0.28 प्रतिशत की गिरावट में कारोबार कर रहा था।
बाजार जानकारों ने कहा, “बाजार तकनीकी रूप से मजबूत है। प्रमुख शेयरों में कीमतों में उतार-चढ़ाव शॉर्ट कवरिंग का संकेत दे रहा है। अभी भी सिस्टम में बड़े शॉर्ट हैं और बाजार की मजबूती बियर्स को पीछे धकेल सकती है, जिससे आगे शॉर्ट कवरिंग को बढ़ावा मिल सकता है।”
उन्होंने आगे कहा, “प्रमुख बैंकिंग कंपनियों एचडीएफसी और आईसीआईसीआई के अच्छे नतीजे बाजार को फंडामेंटल सपोर्ट दे सकते हैं । मुहूर्त ट्रेडिंग और त्योहारों का उत्साह तेजी के उत्साह को और बढ़ा सकता है।”
इस बीच, सेंसेक्स पैक में एशियन पेंट्स, एमएंडएम, एक्सिस बैंक, आईटीसी, टाइटन और टाटा मोटर्स टॉप गेनर्स थे। जबकि, इटरनल, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा और पावरग्रिड टॉप लूजर्स थे।
अमेरिकी मार्केट में पिछले ट्रेडिंग सेशन में डाउ जोंस 0.65 प्रतिशत या 301.07 अंक की गिरावट के साथ 45,952.24 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 41.99 अंक या 0.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6,629.07 और नैस्डेक 107.54 अंक या 0.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,562.54 पर लाल निशान में बंद हुआ।
अधिकांश एशियाई बाजार सुबह लाल निशान पर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे । चीन का शंघाई इंडेक्स 1.00 प्रतिशत की गिरावट में कारोबार कर रहा था। जापान का निक्केई 1.16 प्रतिशत की गिरावट में था। हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 1.73 प्रतिशत की गिरावट में रहा। केवल दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.06 प्रतिशत की बढ़त में कारोबार कर रहा था।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 16 अक्टूबर को शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 997.29 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 4,076.20 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
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