राष्ट्रीय
पेटीएम के शेयरों की मौजूदा कीमत निवेश के लिए सबसे उपयुक्त : गोल्डमैन सैश

पेटीएम के प्रति शीर्ष ब्रोकरेज कंपनियों ने काफी भरोसा जताया है और वे कंपनी की अत्यधिक विकास संभावनाओं को लेकर उत्साहित हैं। बहुराष्ट्रीय वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी एवं इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैश ने पेटीएम के ऋण कारोबार की मजबूत विकास क्षमता की ओर इशारा करते हुए कहा है कि वित्त वर्ष 22 के 900 मिलियन डॉलर से वित्तवर्ष 26 में इसके 10 बिलियन डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। निवेश विश्लेषकों का मानना है कि पेटीएम की ईएसओपी लागत तेजी से कम हो जायेगी और वर्तमान में भारत में अन्य सूचीबद्ध तकनीकी कंपनियों के साथ-साथ वैश्विक स्तर की कंपनियों के मुताबिक है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तवर्ष 26 तक, पेटीएम के जरिये लेनदेन करने वाले यूजर्स की संख्या बढ़कर दोगुनी हो सकती है।
शीर्ष ब्रोकरेज कंपनियों की ओर से पेटीएम को बाई रेटिंग मिलनी जारी है यानी कंपनियां इसमें निवेश को सही बता रही हैं। गोल्डमैन सैश, बोफा, मॉर्गन स्टेनली और डोलैट कैपिटल के बाद आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने भी पेटीएम के लिए बाई रेटिंग जारी की है।
गोल्डमैन सैश ने सात फरवरी को 460 रुपये के लक्ष्य मूल्य के साथ पेटीएम को बाई रेटिंग दी थी। सोमवार को उसने रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया है कि पेटीएम का मौजूदा शेयर मूल्य भारत के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते फिनटेक प्लेटफॉर्म में एक आकर्षक प्रवेश बिंदु प्रदान करता है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कुल बाजार मांग के संदर्भ में कंपनी की मजबूत विकास क्षमता पर प्रकाश डालते हुए बाई रेटिंग दी है और लक्ष्य मूल्य 1,362 रुपये निर्धारित किया है।
गोल्डमैन सैश ने पेटीएम के ऋण कारोबार में मजबूत वृद्धि के अलावा, यूपीआई और गैर-यूपीआई भुगतान दोनों में इसकी बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी होने की बात की है।
ब्रोकरेज फर्म ने कहा है, पेटीएम की शुद्ध भुगतान दर (या स्प्रेड, जिसे जीएमवी यानी के अनुपात के रूप में राजस्व रहित भुगतान प्रसंस्करण शुल्क के रूप में परिभाषित किया गया है) में सुधार हो रहा है। हम वॉलेट में पैसा डालने में यूपीआई की बढ़ती हिस्सेदारी, ऑनलाइन भुगतान के लिए वॉलेट की बढ़ती हिस्सेदारी और डिवाइस के किराये के बढ़ते हिस्से के कारण पेटीएम के लाभ को देखते हुए स्प्रेड को वित्तवर्ष 22 की तीसरी तिमाही के आठ आधार अंक से इसके वित्तवर्ष 26 तक 11 बीपीएस तक पहुंचने का अनुमान लगाते हैं।
गोल्डमैन सैश ने कहा है,हम अनुमान लगाते हैं कि पेटीएम के लिए ईएसओपी शुल्क पहले दो वर्षों के लिए (जब पहली किश्त प्रति पेटीएम)उच्चतम (3.9 अरब रुपये प्रति तिमाही) होगा और फिर अगले तीन वर्षों में तेजी से कम हो जायेगी। पेटीएम के पास लगभग 15 मिलियन अन ग्रांटेड ऑप्शन यानी आरक्षित सिक्योरिटी है और हमारे अनुमान के अनुसार, अगर सभी ऑप्शन ग्रांट किये जाते हैं, तो कुल शेयर संख्या 46 मिलियन तक बढ़ सकती है।
कुल परिचालन व्यय के अनुपात के रूप में, पेटीएम की ईएसओपी लागत अन्य वैश्विक प्लेटफार्मों जैसे एयरबीएनबी और डोरडैश के साथ-साथ हाल ही में सूचीबद्ध जोमैटो और पीबी फिनटेक से काफी भिन्न नहीं है।
इस बीच, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपने नोट में भारत के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में पेटीएम की नेतृत्व की स्थिति को देखकर कुल बाजार मांग (टैम) के संदर्भ में पेटीएम की अपार विकास क्षमता का जिक्र किया है।
ब्रोकरेज ने कहा कि पेटीएम के डिजिटल भुगतान कारोबार में भविष्य में मजबूती से बढ़ने की क्षमता है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपने नोट में कहा गया है, पेटीएम डिजिटलीकरण, विशिष्ट विशेषताओं, उच्च सफलता दर, आसान यूजर इंटरफेस और ग्राहक सुविधा की दौड़ में काफी आगे है। वॉलेट , फास्टटैग के रूप में खुद को बाजार में पहले स्थापित करने का लाभ भी इसे मिला हुआ है। ऑनलाइन गेमिंग के मामले में भी यह आगे है।
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान, कंपनी का राजस्व 89 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,456 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि घाटा (ईएसओपी व्यय से पहले) पिछले वर्ष की इसी तिमाही के 488 करोड़ रुपये से घटकर 393 करोड़ रुपये पर आ गया।
स्टॉक एक्सचेंज को हाल में पेटीएम ने बताया कि मासिक लेन-देन करने वाले उपयोगकतार्ओं की संख्या तेजी से बढ़कर 68.9 मिलियन हो गयी है। निवेश विश्लेषक इस वृद्धि की गति के जारी रखने के बारे में उत्साहित हैं। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा है कि पेटीएम पर मासिक लेन-देन करने वाला उपयोगकर्ता आधार (एमटीयू) अगले चार साल में दोगुना होकर 120 मिलियन से अधिक हो सकता है।
पेटीएम ने कहा था कि वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में उसका कारोबार भुगतान आधारित जीएमवी 2.5 लाख करोड़ रुपये रहा। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का अनुमान है कि पेटीएम का जीएमवी वित्त वर्ष 22-26 में 36 प्रतिशत की दर से बढ़कर 30 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच जाएगा और एमडीआर से जुड़े जीएमवी के 25 प्रतिशत से अधिक बढ़ने का अनुमान है।
ब्रोकरेज के मुताबिक वित्त वर्ष 24 से 26 तक पेटीएम का कंट्रीब्यूशन मार्जिन 40 से 46 प्रतिशत तक बेहतर हो सकता है और इसकी मदद से कंपनी की कुल आय भी वित्त वर्ष 26 तक सकारात्मक हो सकती है। गैर नकदी ईएसओपी शुल्क को छोड़कर कंपनी का आय वित्त वर्ष 26 तक सकारात्मक हो सकता है।
गोल्डमैन सैश और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज दोनों का मानना है कि पेटीएम का ऋण कारोबार, जिसमें वह अपने प्लेटफॉर्म पर ऋण प्रदान करने के लिए वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी करता है, में मध्यम अवधि में तेजी से बढ़ने की क्षमता है।
गोल्डमैन सैश ने कहा,हमें विश्वास है कि पेटीएम अपने ऋण पोर्टफोलियो को जारी रखने में सक्षम होगा। हम अनुमान करते हैं कि वित्त वर्ष 22 के 900 मिलियन से वित्त वर्ष 26 तक यह कारोबार 10 बिलियन डॉलर हो जायेगा। पेटीएम ने पिछले कुछ तिमाहियों में अपने ऋण उत्पादों के लिए नये भागीदारों को जोड़ना जारी रखा है जिससे पता चलता है कि ऋणप्रदाताओं को इस साझेदारी में फायदा दिख रहा है।
वित्तवर्ष 22 की तीसरी तिमाही की आय में सकारात्मक रुझान को बनाये रखते हुए, पेटीएम के ऋण कारोबार में जनवरी 2022 में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई। पिछले महीने, पेटीएम ने 1.9 मिलियन ऋण वितरण दर्ज किये, जो सालाना आधार पर 331 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। यह कुल मिलाकर 921 करोड़ रुपये का है। इसके बाद में भुगतान की सुविधा देने वाले उत्पाद – पेटीएम पोस्टपेड की तेजी भी शामिल है।
पेटीएम के बीएनपीएल उत्पाद के लिए, मासिक साइन-अप के 30 प्रतिशत से अधिक (दिसंबर 21 तिमाही) ग्राहक ऐसे थे जो पहली बार ऋण ले रहे थे, जिससे पेटीएम के वित्तीय भागीदारों को ऋणआधार का विस्तार करने में मदद मिली। पेटीएम के अनुसार, कंपनी के ऋण पोर्टफोलियो का प्रदर्शन ऋणदाताओं को इस कारोबार को बढ़ाने के प्रति भरोसा देता है।
इस बीच, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने पेटीएम के ऋण कारोबार के बारे में एक आशावादी ²ष्टिकोण साझा किया है, जिसमें 18-19 मिलियन उपभोक्ताओं (एमटीयू का 15 प्रतिशत) का अनुमान लगाया गया है और वित्त वर्ष 26 तक पेटीएम प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऋण उत्पादों का लाभ उठाने के लिये व्यापारियों की संख्या में तेजी आने का अनुमान है।
इसने वित्त वर्ष 22-26 के दौरान कुल ऋण कारोबार राजस्व में 61 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है।
राष्ट्रीय
भारत में 11 वर्षों में 269 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी से निकले बाहर: विश्व बैंक

नई दिल्ली, 7 जून। विश्व बैंक के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सरकार के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में भारत ने पिछले दशक में अपनी अत्यधिक गरीबी दर को कम करने में प्रगति की है। देश में अत्यधिक गरीबी दर 2011-12 में 27.1 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 5.3 प्रतिशत दर्ज की गई है।
भारत में 2011-12 के दौरान कुल 344.47 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी में रह रहे थे, जो कि 2022-23 के दौरान घटकर लगभग 75.24 मिलियन लोग रह गए हैं।
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में लगभग 11 वर्षों में 269 मिलियन व्यक्तियों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला गया।
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश पांच राज्यों में 2011-12 के दौरान भारत के 65 प्रतिशत अत्यंत गरीब लोग रहते थे। वहीं, इन राज्यों ने 2022-23 तक अत्यधिक गरीबी में होने वाली कुल गिरावट में दो-तिहाई योगदान दिया।
विश्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि पूर्ण रूप से, अत्यधिक गरीबी में रहने वाले लोगों की संख्या 344.47 मिलियन से घटकर केवल 75.24 मिलियन रह गई है।
विश्व बैंक का आकलन 3.00 डॉलर प्रतिदिन की अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा (2021 की कीमतों का उपयोग कर) पर आधारित है, जो कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में व्यापक कमी दर्शाता है।
विश्व बैंक के अनुमानों के अनुसार, 2.15 डॉलर प्रतिदिन की खपत पर (2017 की कीमतों पर आधारित पिछली गरीबी रेखा) अत्यधिक गरीबी में रहने वाले भारतीयों की हिस्सेदारी 2.3 प्रतिशत है, जो 2011-12 में दर्ज 16.2 प्रतिशत से काफी कम है।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 2.15 डॉलर प्रतिदिन की गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या 33.66 मिलियन दर्ज की गई है, जो 2011 में 205.93 मिलियन दर्ज की गई थी।
आंकड़ों से यह भी पता चला कि यह तीव्र गिरावट समान रूप से देखी गई, जिसमें ग्रामीण अत्यधिक गरीबी 18.4 प्रतिशत से घटकर 2.8 प्रतिशत हो गई और शहरी अत्यधिक गरीबी पिछले 11 वर्षों में 10.7 प्रतिशत से घटकर 1.1 प्रतिशत हो गई।
इसके अलावा, भारत ने बहुआयामी गरीबी को कम करने में भी शानदार प्रगति की है।
आंकड़ों के अनुसार, बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) 2005-06 में 53.8 प्रतिशत से घटकर 2019-21 तक 16.4 प्रतिशत हो गया और 2022-23 में और अधिक घटकर 15.5 प्रतिशत हो गया।
केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 11 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को गरीबी से उबारने के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों, इंफ्रास्ट्रक्चर और समावेशन पर फोकस को अहम बताया।
पीएम आवास योजना, पीएम उज्ज्वला योजना, जन धन योजना और आयुष्मान भारत जैसी पहलों ने आवास, स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन, बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को बढ़ाया है।
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी), डिजिटल समावेशन और मजबूत ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर ने पारदर्शिता और अंतिम छोर तक लाभों की तेजी से डिलीवरी सुनिश्चित की है, जिससे 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से उबरने में मदद मिली है।
राष्ट्रीय
दिल्ली : अगले दो दिन तक भारी बारिश और आंधी की आशंका, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

नई दिल्ली, 29 मई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले दो दिनों के लिए कई इलाकों में मौसम को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा जानकारी के अनुसार, 29 मई और 30 मई को तेज बारिश, बिजली गिरने और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका है।
इन दोनों दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 29 मई को अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। ह्यूमिडिटी का स्तर 70 प्रतिशत से 49 प्रतिशत के बीच रहेगा। इसी प्रकार, 30 मई को भी मौसम का मिजाज बिगड़ा रहेगा, तापमान वही रहेगा और हवाएं 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।
इन दोनों दिनों के लिए चेतावनी दी गई है कि लोग अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें और बिजली गिरने की स्थिति में सुरक्षित स्थानों की तलाश करें। 31 मई को मौसम विभाग ने ‘मध्यम वर्षा’ की संभावना जताई है, लेकिन आंधी-तूफान के साथ बिजली गिरने और तेज़ हवाओं की चेतावनी अब भी बनी हुई है।
हालांकि, इसके बाद मौसम सामान्य होने की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। 1 जून को “थंडरस्टॉर्म विथ रेन” की संभावना है, लेकिन इस दिन कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। 2 जून से मौसम में काफी सुधार देखने को मिलेगा, जहां आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है और कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।
3 जून को आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं, लेकिन कोई विशेष चेतावनी नहीं है। 4 जून को मौसम पूरी तरह से सामान्य रहेगा, केवल आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग की ओर से नागरिकों से अपील की गई है कि वे अगले दो दिनों तक सतर्कता बरतें, विशेषकर बिजली गिरने और तेज़ हवाओं के दौरान। खेतों में काम कर रहे किसान, खुले में यात्रा कर रहे लोग और निर्माण स्थलों पर कार्यरत कर्मचारी विशेष सावधानी बरतें।
राजनीति
10 साल बाद सरकार वीर सावरकर की डिग्री वापस ला रही, हम उसका स्वागत करते हैं : संजय राउत

मुंबई, 28 मई। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वीर सावरकर की डिग्री मंगाए जाने पर कहा कि हम उसका स्वागत करते हैं, लेकिन यह तो बस कागज का टुकड़ा है। हमारा सीधा सा सवाल है कि आखिर उन्हें भारत रत्न कब दिया जाएगा? दुर्भाग्य की बात है कि इसका जवाब न तो प्रधानमंत्री के पास है, न ही मुख्यमंत्री के पास और न ही गृह मंत्री के पास।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि निश्चित तौर पर सरकार ने वीर सावरकर की डिग्री मंगाकर अच्छा कदम उठाया है, लेकिन यहां पर मेरा एक सवाल है कि कल (27 मई) सरकार ने कई लोगों को भारत रत्न, पद्मभूषण, पद्मश्री और पद्मविभूषण दिया। ऐसे में सरकार ने सावरकर को भारत रत्न देना गवारा क्यों नहीं समझा?
उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वीर सावरकर की डिग्री ब्रिटेन से मंगाए जाने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा “स्वातंत्र्यवीर सावरकर की डिग्री वो स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश गवर्नर ने जब्त की थी। फिर भी हम उन्हें बैरिस्टर सावरकर कहते है। 10 साल बाद अगर महाराष्ट्र की सरकार बैरिस्टर सावरकर की पदवी, डिग्री ला रहे है तो ये अच्छी बात है। हम इस फैसले का स्वागत करते है। लेकिन हमारी एक मांग है। अगर सरकार सही मायने में वीर सावरकर को सम्मान देना चाहती है, तो इसके लिए उन्हें भारत रत्न देना चाहिए, मगर सरकार ने ऐसा नहीं किया।”
इसके अलावा, उन्होंने भाजपा की तरफ से देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कहने पर तंज कसा। कहा कि जिस देश में 85 करोड़ लोग सरकार की तरफ से मिलने मुफ्त के राशन पर आश्रित हो, जिस देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी हो, उसके बारे में यह कहना कि वह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, ठीक नहीं रहेगा। पता नहीं लोग कैसे कह दे रहे हैं कि हम जापान से आगे निकल गए हैं, तो चीन से आगे निकल गए, अब कल ये लोग बोलेंगे कि हम ट्रंप से आगे निकल गए। ट्रंप ने तो आपका मुंह बंद कर दिया।
शिवसेना नेता संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत पर महिला की तरफ से शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए जाने पर संजय राउत ने कहा कि यह उनका निजी मामला है। मैं इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं करना चाहूंगा। इस विषय पर बात करने के लिए राजनीतिक दलों में महिला नेता हैं, जो इस पर अपनी बात रखेंगे। महिला आयोग भी है, जो इस मामले में हस्तक्षेप करेगा, लेकिन मेरा अभी इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं है।
मंत्री संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत पर एक महिला ने अपने वकील के जरिए नोटिस भेजकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया और 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है।
इसके अलावा, संजय राउत ने संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत पर घोटाला का आरोप लगाया। कहा कि मंत्री के बेटे ने ऑक्शन में 70 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी है। ऐसे में उनसे यह सवाल किया जाना चाहिए कि उनके पास इतने पैसे कहां से आए? इनके पिता के पास सामाजिक न्याय जैसा विभाग है, जो मूल रूप से गरीबों के हितों का ख्याल रखता है, लेकिन इनके बेटे ने 70 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदी। यही नहीं, ऑक्शन की प्रक्रिया भी इस तरह से निर्धारित की जाती है, जिसमें यह सुनिश्चित हो सके कि इसका फायदा उन्हीं को मिले।
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