व्यापार
400 अंकों की उछाल के साथ सेंसेक्स 66 हजार के पार

बीएसई सेंसेक्स गुरुवार को 400 अंक बढ़कर 66 हजार अंक के पार पहुंच गया।
बीएसई सेंसेक्स 66 हजार अंक से ऊपर कारोबार कर रहा है, एनटीपीसी 2 फीसदी, टीसीएस 2 फीसदी की बढ़त के साथ आगे है।
वी.के. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार विजयकुमार ने कहा कि बाजार में एक महत्वपूर्ण प्रवृत्ति डीआईआई, एचएनआई और खुदरा निवेशकों का बढ़ता दबदबा और एफपीआई का कम होता प्रभाव है।
अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के दौरान अब तक एफपीआई ने एक्सचेंजों के माध्यम से संचयी रूप से 83,422 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। इस दौरान अकेले डीआईआई ने 77,995 करोड़ रुपये के स्टॉक खरीदे। डीआईआई और व्यक्तिगत निवेशकों की खरीदारी से एफपीआई की बिक्री पूरी तरह बेअसर हो रही है। उन्होंने कहा, यही कारण है कि निफ्टी 19,675 के आसपास है, वही स्तर जो अगस्त की शुरुआत में था।
बाजार के लचीलेपन और बुधवार जैसे अनुकूल दिनों में मजबूत तेजी ने एफपीआई रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। इसीलिए उन्होंने नवंबर के अन्य सभी दिनों में लगातार बिकवाली के बाद बुधवार को 550 करोड़ रुपये में खरीदारी की।
एफआईआई का खरीदार बनना बैंकिंग शेयरों, विशेष रूप से लार्ज-कैप के लिए अनुकूल है, जिनका मूल्य आकर्षक है। उन्होंने कहा, ऑटोमोबाइल्स मजबूत स्थिति में हैं।
खेल
आईपीएल 2025 : आरसीबी ने मुंबई इंडियंस को 12 रन से हराया, 10 साल बाद वानखेड़े में मिली जीत

मुंबई 8 अप्रैल। इंडियन प्रीमियर लीग 2025 के 20वें मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने मुंबई इंडियंस (एमआई) को 12 रन से हराकर जीत दर्ज की। यह मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया, जहां रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने 10 साल बाद इस मैदान पर जीत हासिल की।
इस जीत के साथ ही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के 4 मैचों में 3 जीत के साथ 6 अंक हो गए हैं और वह अंक तालिका में तीसरे स्थान पर है। दूसरी ओर, मुंबई इंडियंस को 5 में से 4 मैचों में हार का सामना करना पड़ा और वह 8वें स्थान पर है।
मुंबई इंडियंस ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 5 विकेट खोकर 221 रन बनाए। विराट कोहली ने 42 गेंदों में 67 रन की पारी खेली, जिसमें 8 चौके और 2 छक्के थे, और उनका स्ट्राइक रेट 159.52 रहा। देवदत्त पड्डीकल ने 22 गेंदों में 37 रन बनाए, जिसमें 3 चौके और 2 छक्के थे। कप्तान रजत पाटीदार ने भी 13 गेंदों में 22 रन की तेज पारी खेली, जिसमें 2 चौके और 1 छक्का शामिल था। अंत में, जीतेश शर्मा ने 19 गेंदों में नाबाद 40 रन बनाए, जिसमें 2 चौके और 4 छक्के थे, और उनका स्ट्राइक रेट 210.53 रहा। हालांकि, फिल साल्ट सिर्फ 4 रन ही बना सके और जल्दी आउट हो गए।
मुंबई इंडियंस की गेंदबाजी में हार्दिक पांड्या ने 4 ओवर में 45 रन देकर 3 विकेट लिए, उनकी इकोनॉमी 11.25 रही। विगनेश पुथुर ने 1 ओवर में 10 रन देकर 1 विकेट लिया। ट्रेंट बोल्ट ने 4 ओवर में 57 रन लुटाए और 2 विकेट लिए। सैंटनर ने 4 ओवर में 40 रन दिए और एक विकेट लिया, जबकि जसप्रीत बुमराह ने 4 ओवर में 29 रन देकर किफायती गेंदबाजी की, लेकिन उन्हें कोई विकेट नहीं मिला।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु द्वारा बनाए गए 222 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी मुंबई इंडियंस की टीम निर्धारित 20 ओवर में 209 रन बना पाई, और 12 रन से मैच हार गई। मुंबई इंडियंस की तरफ से रोहित शर्मा ने 9 गेंदों में 17 रन बनाए, जिसमें 2 चौके और 1 छक्का शामिल था, लेकिन वह यश दयाल की गेंद पर आउट हो गए। रियान रिकेल्टन ने 10 गेंदों में 17 रन बनाए, जिसमें 4 चौके थे। सूर्य कुमार यादव ने 26 गेंदों में 28 रन की पारी खेली, जिसमें 5 चौके थे, वह यश दयाल की गेंद पर लिविंगस्टोन को कैच दे बैठे। तिलक वर्मा ने 29 गेंदों में 56 रन की शानदार पारी खेली, जिसमें 4 चौके और 4 छक्के थे, और उनका स्ट्राइक रेट 193.10 रहा। कप्तान हार्दिक पांड्या ने 15 गेंदों में 42 रन की जोरदार पारी खेली जिसमें 3 चौके और 4 छक्के थे, लेकिन वह जोश हेजलवुड की गेंद पर आउट हो गए।
मुंबई इंडियंस की बाकी बल्लेबाजी में नमन धीर ने 6 गेंदों में 11 रन, मिचेल सैंटनर ने 4 गेंदों में 8 रन, और दीपक चाहर ने 1 रन बनाया। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की गेंदबाजी में यश दयाल ने 4 ओवर में 46 रन देकर 2 विकेट लिए। जोश हेजलवुड ने 4 ओवर में 37 रन देकर 2 विकेट लिए। सुयश शर्मा ने 4 ओवर में 32 रन दिए, लेकिन उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। क्रुनाल पांड्या ने 4 ओवर में 45 रन देकर 4 विकेट लिए, जबकि भुवनेश्वर कुमार ने 4 ओवर में 48 रन देकर 1 विकेट लिया।
इस मैच में कुल 40 ओवर में 14 विकेट गिरे और 430 रन बने। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने मुंबई इंडियंस को 12 रन से हराकर टूर्नामेंट में एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की, और आईपीएल 2025 के अपने अभियान को मजबूती से जारी रखा।
व्यापार
हरे निशान में खुला शेयर बाजार, आईटी और बैंकिंग शेयरों में तेजी

मुंबई, 8 अप्रैल। भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में खुले। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी जा रही है। सुबह 9:42 पर सेंसेक्स 982 अंक या 1.34 प्रतिशत की तेजी के साथ 74,120 और निफ्टी 303 अंक या 1.37 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,465 पर था।
तेजी का नेतृत्व सरकारी बैंकिंग और आईटी शेयरों द्वारा किया जा रहा है। निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 2.2 प्रतिशत और निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.80 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी के साथ कारोबार हो रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 732 अंक या 1.50 प्रतिशत की तेजी के साथ 49,563 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 285 अंक या 1.89 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,352 पर था।
करीब सभी सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। पीएसयू बैंक और आईटी के अलावा मेटल, रियल्टी, एनर्जी, प्राइवेट बैंक और इंफ्रा में सबसे ज्यादा तेजी थी।
टाइटन, अदाणी पोर्ट्स, टाटा मोटर्स, बजाज फिनसर्व, एसबीआई, एक्सिस बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, जोमैटो, बजाज फाइनेंस और एनटीपीसी टॉप गेनर्स थे। टीसीएस एकमात्र शेयर था, जो कि शुरुआती कारोबार में लाल निशान में था।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार, वीके विजयकुमार ने कहा, “दुनिया भर के बाजारों में जो अनिश्चितता और अस्थिरता है, वह कुछ और समय तक बनी रहेगी। वैश्विक स्तर पर चल रही उठापठक से कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकले हैं। पहला, व्यापार युद्ध अमेरिका और चीन तक ही सीमित रहने वाला है। यूरोपीय संघ और जापान सहित अन्य देशों ने बातचीत का विकल्प चुना है। भारत ने पहले ही अमेरिका के साथ बीटीए पर बातचीत शुरू कर दी है। दूसरा, अमेरिका में मंदी का जोखिम बढ़ गया है। तीसरा, चीन की अर्थव्यवस्था सबसे बुरी तरह प्रभावित होने की संभावना है।”
उन्होंने कहा कि निवेशकों को इंतजार करना चाहिए, क्योंकि स्पष्टता आने में समय लगेगा।
प्रमुख एशियाई बाजारों में खरीदारी देखी गई। टोक्यो, शंघाई, हांगकांग और सियोल हरे निशान पर कारोबार कर रहे थे। मंदी की आशंका के चलते सोमवार को अमेरिकी बाजार नकारात्मक बंद हुए।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार छठे सत्र में 7 अप्रैल को शुद्ध विक्रेता बने रहे, जिन्होंने 9,040 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) शुद्ध खरीदार बने रहे, जिन्होंने 12,122 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश किया।
राजनीति
पीएम मुद्रा योजना में 10 वर्षों में बांटे गए 32 लाख करोड़ रुपए से अधिक के लोन

नई दिल्ली, 7 अप्रैल। पीएम मुद्रा योजना के तहत 10 वर्षों में 32.61 लाख करोड़ रुपए वैल्यू के 52 करोड़ से अधिक लोन दिए गए हैं। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई।
पीएम मुद्रा योजना 8 अप्रैल, 2015 को लॉन्च हुई थी और मंगलवार को इस योजना को 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना से छोटे शहरों और गांवों तक कारोबार को बढ़ाने में मदद मिली है। इससे पहली बार कारोबार करने वाले लोगों को प्रोत्साहन मिला है।
एसकेओसीएच की “आउटकम्स ऑफ मोदीनॉमिक्स 2014-24″ रिपोर्ट के अनुसार, ”2014 से हर साल औसतन कम से कम 5.14 करोड़ व्यक्ति-वर्ष रोजगार सृजित हुए हैं, जिसमें अकेले पीएमएमवाई ने 2014 से प्रति वर्ष औसतन 2.52 करोड़ स्थिर और टिकाऊ रोजगार जोड़े हैं। इस परिवर्तन का एक उदाहरण जम्मू-कश्मीर है, इसे मुद्रा योजना के तहत अत्यधिक लाभ हुआ है और 20,72,922 मुद्रा लोन स्वीकृत किए गए हैं।”
वित्त मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, ”इस योजना से महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिली और 70 प्रतिशत से अधिक लोन महिला उद्यमियों द्वारा लिए गए हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ी है और लैंगिक समानता में योगदान मिला है।”
पीएम मुद्रा योजना के तहत पिछले नौ वर्षों में प्रति महिला दिए जाने वाले लोन की राशि 13 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 62,679 रुपए हो गई। वहीं, प्रति महिला वृद्धिशील जमा राशि 14 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर 95,269 रुपए हो गई।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की सराहना की है और कहा कि यह योजना, जो महिला उद्यमिता पर विशेष ध्यान देने के साथ जमानत-मुक्त लोन प्रदान करती है, ने महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसएमई की संख्या को बढ़ाने में मदद की है, जो अब 28 लाख से अधिक हो गए हैं।
एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में मुद्रा योजना ने 52 करोड़ से अधिक लोन खाते खोलने में मदद की है, जो उद्यमशीलता गतिविधि में भारी उछाल को दर्शाता है।
पीएम मुद्रा योजना के तहत, किशोर लोन (50,000 से 5 लाख रुपए), जो बढ़ते व्यवसायों का समर्थन करते हैं, वित्त वर्ष 2016 में 5.9 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 44.7 प्रतिशत हो गए हैं, जो छोटे उद्योगों की वास्तविक प्रगति को दर्शाता है।
तरुण श्रेणी (5 लाख से 10 लाख रुपए) भी तेजी से आगे बढ़ रही है, जो साबित करती है कि मुद्रा केवल व्यवसाय शुरू करने के बारे में नहीं है, बल्कि उन्हें बढ़ाने में मदद करती है।
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