राष्ट्रीय समाचार
मुंबई लोकल ट्रेन अपडेट: बदलापुर और वांगनी के बीच ट्रैक पर दरार मिलने के बाद सेंट्रल लाइन सेवाएं बाधित

मुंबई: मुंबई के बदलापुर और वांगनी स्टेशनों के बीच पटरी पर दरार आने से बुधवार सुबह मध्य रेलवे की उपनगरीय सेवाएँ बुरी तरह प्रभावित हुईं। इस दरार के कारण लोकल ट्रेन सेवाएँ अस्थायी रूप से ठप हो गईं, जिससे व्यस्त समय के दौरान हज़ारों दैनिक यात्रियों को भारी देरी का सामना करना पड़ा।
यह व्यवधान सुबह-सुबह तब शुरू हुआ जब रेलवे कर्मचारियों ने रेल लाइन पर एक दरार देखी। टूटी हुई पटरी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल गईं, जिससे नियमित रेल यात्रियों में चिंता फैल गई। मीडिया द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में मध्य रेलवे के कर्मचारी प्रभावित खंड पर सेवाएं बहाल करने के लिए आपातकालीन मरम्मत करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इस क्षति के कारण, कर्जत की ओर जाने वाली कई लोकल ट्रेनों को बदलापुर में ही रोककर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) की ओर वापस भेज दिया गया, जिससे पहले से ही बोझ तले दबे उपनगरीय नेटवर्क पर और भी भीड़ और देरी हो गई। लंबी दूरी की ट्रेनें भी इससे अछूती नहीं रहीं।
एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) उपयोगकर्ता, प्रसाद सावंत ने बताया कि मुंबई-पुणे इंटरसिटी एक्सप्रेस कल्याण के पास 30 मिनट से ज़्यादा समय तक फंसी रही। इसके बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि देरी बदलापुर-वांगणी सेक्शन में ट्रैक की समस्या के कारण हुई थी।
इस व्यवधान के कारण सोशल मीडिया पर, खासकर एक्स और लोकप्रिय कम्यूटर ऐप, एम-इंडिकेटर पर शिकायतों की बाढ़ आ गई। इसके चैट सेक्शन में काम पर देर से पहुँचे यात्रियों के निराशा भरे संदेशों की बाढ़ आ गई, जिनमें से कई ने अधिकारियों से समय पर सूचना न मिलने पर असंतोष व्यक्त किया।
मध्य रेलवे ने इस मुद्दे पर अपडेट जारी किया
मध्य रेलवे के अधिकारियों ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए समस्या की पुष्टि की और यात्रियों को तत्काल मरम्मत कार्य का आश्वासन दिया। ऑनलाइन जारी एक आधिकारिक बयान में, मुंबई मंडल के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक (कोचिंग) ने कहा, “बदलापुर-वांगणी खंड पर ट्रैक से संबंधित एक समस्या के कारण ट्रेन में देरी हुई, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता थी। समस्या का समाधान कर दिया गया है, ट्रैक अब सुरक्षित है और ट्रेनों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है। आगे की देरी को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। हमें हुई असुविधा के लिए खेद है।”
राष्ट्रीय समाचार
किसान सम्मान निधि की अगली किस्त 2 अगस्त को जारी करेंगे प्रधानमंत्री मोदी

PM MODI
नई दिल्ली, 30 जुलाई। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की अगली किस्त 2 अगस्त को जारी की जाएगी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2 अगस्त को वाराणसी में होने वाले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान सम्मान निधि की राशि जारी करेंगे।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बयान में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अगस्त को ठीक 11 बजे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि किसानों के खाते में डालने वाले हैं। इस अवसर पर वह किसानों से जुड़कर बात भी करेंगे। इसलिए किसानों से प्रार्थना है कि 2 अगस्त को ठीक 11 बजे आप प्रधानमंत्री के किसी न किसी कार्यक्रम से जरूर जुड़िए।”
उन्होंने बताया कि सभी कृषि विज्ञान केंद्र, आईसीआर के संस्थान, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज, मंडियां और पैक्स के मुख्यालयों में कार्यक्रम आयोजित होंगे। शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि आप अपने निकटतम कार्यक्रम में जरूर जुड़ें और प्रधानमंत्री को सुनें।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया कि इसका (योजना) लाभ अधिकतम किसानों तक पहुंचे। बैठक में देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, और कृषि विश्वविद्यालयों के निदेशक, कुलपति और प्रमुख वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को राष्ट्रीय, राज्य, जिला और ग्राम स्तर पर किसानों को इस कार्यक्रम से जोड़ने के निर्देश दिए और इस कार्यक्रम को एक राष्ट्रव्यापी अभियान के रूप में आयोजित करने का आह्वान किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कृषक सखी, ड्रोन दीदी, बैंक सखी, पशु सखी, बीमा सखी और ग्राम पंचायत सरपंच जैसे जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के माध्यम से कार्यक्रम की जानकारी व्यापक रूप से पहुंचाई जाए। इसके साथ ही खरीफ फसलों पर किसानों से बातचीत कर उनके जुड़ाव को और भी मजबूत किया जाए।
राष्ट्रीय समाचार
कान खोलकर सुन लें, 22 अप्रैल से 16 जून तक पीएम मोदी-ट्रंप में कोई बातचीत नहीं हुई : जयशंकर की विपक्ष को दो टूक

नई दिल्ली, 30 जुलाई। राज्यसभा में बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की विदेश और रक्षा नीति पर विपक्ष के सवालों का करारा जवाब दिया। जयशंकर ने कहा कि भारत ने निर्धारित लक्ष्यों पर सटीक कार्रवाई की और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दुनिया के किसी भी नेता ने भारत पर दबाव नहीं डाला।
इसी दौरान विदेश मंत्री जब संसद में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जवाब दे रहे थे, तभी विपक्षी नेता हंगामा करने लगे। इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं को टोकते हुए कहा, ”मैं उनको कहना चाहता हूं, वो कान खोलकर सुन लें। 22 अप्रैल से 16 जून तक, एक बार भी प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत नहीं हुई थी।”
उन्होंने कहा कि अमेरिका, सऊदी अरब और अन्य देशों से जो भी संवाद हुआ, वह पूरी तरह पारदर्शी और रिकॉर्ड में है। उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान यदि संघर्ष विराम चाहता है, तो उसे हमारे डीजीएमओ चैनल से संवाद करना होगा।
चीन और पाकिस्तान को लेकर विपक्ष पर हमला बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत की कूटनीतिक सफलता इस बात से साबित होती है कि यूएनएससी में भारत भले ही स्थायी सदस्य न हो, लेकिन सुरक्षा परिषद प्रमुख का बयान भारत के पक्ष में आया। रूस सहित कई देशों ने भारत का समर्थन किया।
उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, ”जो लोग मुंबई हमलों पर चुप रहे थे, आज वे हमें ज्ञान दे रहे हैं।”
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारतीय सेना को किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है और उसने आतंकियों के ठिकानों पर खुद ही सफलतापूर्वक कार्रवाई की है। उन्होंने नूर खान एयरबेस सहित कई आतंकवादी और सैन्य ठिकानों पर की गई तबाही का जिक्र करते हुए कहा कि सेना का श्रेय किसी और को देना उसका अपमान होगा।
‘न्यू नॉर्मल’ और ‘कांग्रेस नॉर्मल’ की तुलना करते हुए जयशंकर ने पांच बिंदुओं पर आधारित भारत की नई रणनीति राज्यसभा में प्रस्तुत की। चीन-पाकिस्तान संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसा और कहा कि कुछ नेता ‘ओलंपिक की क्लासरूम’ में जाकर चीन का ज्ञान लेकर आए हैं और चीनी राजदूत से ‘ट्यूशन’ लेते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि 2006 में कांग्रेस सरकार ने हू जिंताओ की यात्रा के दौरान चीनी कंपनियों को 3जी और 4जी जैसे क्षेत्रों में आमंत्रित कर देश की सुरक्षा से समझौता किया।
राजनीति
उदित राज का केंद्र पर हमला, कहा- सरकार ‘मनोवैज्ञानिक रूप से झूठी’ है

LOKSABHA
नई दिल्ली, 30 जुलाई। कांग्रेस नेता उदित राज ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र सरकार को “मनोवैज्ञानिक रूप से झूठा” करार देते हुए कहा कि यह सरकार बार-बार झूठ बोलती है।
उदित राज ने मिडिया से बातचीत में ऑपरेशन सिंदूर, पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) और विदेश नीति को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और कहा कि केंद्र सरकार ने देश को बहुत कुछ देने के बजाय केवल झूठ दिया है।
उदित राज ने पीओके को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा दशकों से पीओके को वापस लेने की बात करती रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दावा किया था कि छह महीने में पीओके भारत का हिस्सा होगा। अब छह महीने बीत गए, पीओके कहां है? रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पीओके वापस लेने की बात कही थी। लेकिन, अब वे घबराने लगे हैं। प्रियंका गांधी ने सही कहा कि अगर आप घबराने लगे, तो इसका मतलब है कि आपमें हिम्मत नहीं है।”
उदित राज ने भाजपा के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह दुष्प्रचार है कि 15 अगस्त 1947 को कश्मीर भारत का हिस्सा था और कहा, “यह पूरी तरह गलत है। उस समय कश्मीर राजा हरि सिंह की रियासत थी, जो न तो भारत और न ही पाकिस्तान के साथ मिलना चाहते थे। जब पाकिस्तान की सेना और कबीलों ने हमला किया, तब हरि सिंह भागकर भारत आए और अक्टूबर 1947 में संधि हुई। बीजेपी इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करती है।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “पाकिस्तान के आतंकवादी भारत में घुसकर हमले करते हैं और फिर भी उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन मिलता है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को एंटी-टेरर कमेटी का उपाध्यक्ष और सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनाया गया। जब तक पाकिस्तान को सबक नहीं सिखाया जाता, तब तक दोस्ती की बात बेइमानी है। भारतीय सेना में ताकत है, लेकिन केंद्र सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण आतंकवाद पर काबू नहीं हो रहा।”
उदित राज ने बिहार के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा और कहा कि बिहार के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया और वहां से पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा। चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे किए गए, लेकिन बिहार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यह सरकार केवल झूठे दावों पर चल रही है।
उदित राज ने ऑपरेशन सिंदूर पर उठे सवालों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को इसकी सफलता के दावों पर स्पष्ट जवाब देना चाहिए। 26 लोगों की जान गई, लेकिन सरकार इसे तमाशा बनाकर पेश कर रही है। अगर ऑपरेशन इतना सफल था, तो आतंकियों को पहले क्यों नहीं रोका गया? यह सरकार की नाकामी है।
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